तिरुवनंतपुरम15अक्टूबर25*केरल_का_कमाल, देश के साथ दक्षिण एशिया का पहला राज्य बना
73 हजार सूक्ष्म योजनाएं, कड़ी निगरानी, तब खत्म हुई अति गरीबी, औपचारिक घोषणा 1 नवंबर को की जाएगी
तिरुवनंतपुरम*63 साल की स्वर्णम्मा केरल के कोट्टायम में रहती हैं। वह विधवा है। उसने अपना पूरा जीवन किराए के मकान में गुजारा है। एक दिन जिला प्रशासन की एक टीम उसके घर पहुंची। उन्होंने उसे 10 लाख रुपये दिये ताकि वह घर बना सके और पैसे बचा सके। स्वर्णम्मा ने 6 लाख रुपये में 3 सेंट (1306 वर्ग फीट) जमीन खरीदी, जिस पर अब एक घर बनाया जा रहा है। स्वर्णम्मा की तरह, केरल में 64,000 परिवारों के 1.03 लाख अन्य लोग भी हैं जो अत्यधिक गरीबी में जीवन बिता रहे हैं। अब उनका जीवन बदल गया है।
सरकार की मदद और सामाजिक भागीदारी से केरल एक बार फिर देश के लिए आदर्श बन रहा है। इस राज्य ने अपने भीतर से ‘अत्यधिक गरीबी’ को समाप्त कर दिया है। इसकी आधिकारिक घोषणा 1 नवंबर को की जाएगी। इसके साथ ही केरल ऐसा करने वाला देश और दक्षिण एशिया का पहला राज्य बन जाएगा।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जिनकी आय प्रतिदिन 158.10 रुपये से कम है, वे अत्यंत गरीब की श्रेणी में आते हैं। केरल ने इस मानक से आगे बढ़कर भोजन, आय, स्वास्थ्य और आवास को आधार बनाया है और इसे ‘मानव गरिमा’ कहा है। इसमें सामाजिक संगठनों का सहयोग अभूतपूर्व रहा है। हमने 73 हजार माइक्रो प्लान बनाए हैं और उनकी जरूरतों के अनुसार उनकी मदद की है। इस पर कड़ी निगरानी रखी गई। हर एक रुपये और मदद के हर एक अंश का हिसाब रखा गया।
🍁#कैसे_किया… मानवीय गरिमा को गरीबी का आधार बनाया
🔺केरल को अत्यंत गरीबी से बाहर निकालने की शुरुआत 2021 में हुई. राज्य सरकार ने 1300 सर्वेयर की टीम 14 जिलों में उतारीं।
🔺जिनके पास भोजन, स्वास्थ्य, आय और आवास नहीं थे, उन्हें चुनने का टास्क दिया गया.
🔺वार्डों/डिवीजनों से भागीदारी नामांकन, उप-समितियों द्वारा शॉर्टलिस्टिंग, एक मोबाइल एप का उपयोग करके साक्षात्कार और ग्राम सभाओं द्वारा अंत तक अंतिम सत्यापन किया गया।
🔺टीमों ने ग्राम सभाओं, फोकस ग्रुप डिस्कशन में ऐसे 1,03,099 लोगों को खोज निकाला।
🔺81 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में रहते थे. 68 प्रतिशत अकेले जी रहे थे. 24 प्रतिशत को स्वास्थ्य समस्याएं, 21प्रतिशत को भोजन और 15 प्रतिशत को घर की कमी थी। सख्त निगरानी के साथ सामाजिक ऑडिट शुरू हुआ।
🔺इसके बाद 73 हजार माइक्रो प्लान बनाए। शुरुआत कोट्टायम जिले के 978 माइक्रो प्लान से की।
🔺इससे 4394 परिवारों को आय का साधन, 29427 को दवाएं, 4829 को मेडिकल मदद, 424 को हेल्थकेयर उपकरण, 5354 के घर सुधारे, 3913 को नए घर दिए। 1338 को जमीन दी. 743 परिवारों को किराए के आधुनिक घरों में शिफ्ट किया गया।
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