October 14, 2025

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बिजनौर12अक्टूबर25*मोहब्बत ए रसूल का इज़हार बैनरों और पोस्टरों के जरिए सड़कों पर उतरकर करना बिल्कुल ज़रूरी नहीं- मौलाना डॉक्टर फुरकान

बिजनौर12अक्टूबर25*मोहब्बत ए रसूल का इज़हार बैनरों और पोस्टरों के जरिए सड़कों पर उतरकर करना बिल्कुल ज़रूरी नहीं- मौलाना डॉक्टर फुरकान

बिजनौर12अक्टूबर25*मोहब्बत ए रसूल का इज़हार बैनरों और पोस्टरों के जरिए सड़कों पर उतरकर करना बिल्कुल ज़रूरी नहीं- मौलाना डॉक्टर फुरकान

बिजनौर। बैनरों और पोस्टरों के जरिए मोहब्बत ए रसूल का इज़हार को लेकर मुल्क में जो ऐलान किया जा रहा है उसको लेकर मौलाना डॉक्टर फुरकान मेहरबान अली अल मदनी ने एक अमन का पैग़ाम देते हुए बयान जारी किया है। उन्होंने कहा अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से अपनी जान माल औलाद से भी ज्यादा मोहब्बत करना हर मुसलमान के लिए ज़रूरी है। लेकिन सड़कों पर इसका ऐलान ज़रूरी नहीं।
मौलाना ने इस संबंध में बुखारी शरीफ़ की हदीस नंबर 15 में जो दिया गया है उसका तर्जुमा करते हुए बताया
“अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जिसका तर्जुमा यह है ऐ मुसलमान तुममें से कोई भी शख़्स पक्का मुसलमान नहीं हो सकता यहां तक के मैं उसके नजदीक उसके मां-बाप उसकी औलाद और तमाम लोगों से ज़्यादा महबूब ना हो जाऊं”
(बुखारी शरीफ हदीस नंबर 15)
उन्होंने कहा इसलिए हर मुसलमान के लिए ज़रूरी है कि वह अपने नबी मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से अपने मां-बाप अपनी औलाद अपने माल बल्के अपनी हर चीज से ज़्यादा मोहब्बत करे और मोहब्बत का तकाज़ा यह है कि वह सिर्फ अल्लाह की इबादत करे। शिर्क और बिदआत से बचे, पाबंदी से नमाज़ पढ़े, ज़कात अदा करे, रमज़ान शरीफ के रोज़े रखे, अगर इस्तेताआत हो तो बैतुल्लाह शरीफ का हज करे। इस्लामी अख़लाक़ अपनाये अपने मां-बाप अपने रिश्तेदारों के हुक़ूक़ आदा करे, लेकिन इस मोहब्बत ए रसूल का इज़हार और इसका सड़कों पर बैनरों और पोस्टर के जरिए ऐलान करना बिल्कुल ज़रूरी नहीं है। आगर ज़िला प्रशासन किसी जलसे की इजाज़त न दे तो हरगिज़ जलसा ना किया जाए और ना रेलियां निकली जाएं। ताकि शहर का अमन व अमान कायम रहे और किसी तरह का भी कोई झगड़ा फसाद ना हो।
उन्होंने कहा जुमे के दिन जुमे की नमाज़ के बाद मस्जिदों के बाहर किसी तरह का शोर वगैरह ना किया जाए। बल्कि अमन व सुकून के साथ नमाज़ अदा करके अपने घरों को चले जाएं।
उन्होंने कहा मैं अपने तमाम भाइयों से गुज़ारिश करता हूं कि वह इस तरह के मौके पर कोई भी कदम बहुत सोच समझ कर उठाएं और सब अहले वतन के साथ प्यार मोहब्बत से रहे, मुसलमान की शान तो यह है कि वह अपने कॉल वा अमल व किरदार से अमनो सलामती का पैग़ाम दे और हर तरह के झगड़े व फसाद से दूर रहे। आखिर में मेरी दुआ है कि हमारे वतन में हर तरह की अमन व सलामती और भाईचारे की फिज़ा बनी रहे। जय हिंद जय भारत, आपका भाई मौलाना डॉक्टर फुरकान मेहरबान अली अल मदनी मैनेजर मदरसा व फुरकानिया हायर सेकेंडरी स्कूल चांदपुर रोड, बिजनौर, यूपी

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