November 17, 2025

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हरिद्वार 07सितम्बर 25.किन चीजों के बिना अधूरा माना जाता है श्राद्ध, जानें कौन सी तीन बातों को मानना चाहिए

हरिद्वार 07सितम्बर 25.किन चीजों के बिना अधूरा माना जाता है श्राद्ध, जानें कौन सी तीन बातों को मानना चाहिए

हरिद्वार 07सितम्बर 25.किन चीजों के बिना अधूरा माना जाता है श्राद्ध, जानें कौन सी तीन बातों को मानना चाहिए

कालूराम जयपुरिया की खास खबर…..

इस साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा से श्राद्धपक्ष शुरू हो रहा है। पितृपक्ष में पितरों के तर्पण करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि साल भर के अतृप्त पितर, इस पक्ष में तृप्त होने के लिए धरत पर आते हैं, उन्हें तर्पण देने और ब्राह्मण को भोजन कराने से वो तृप्त होकर आशीर्वाद देकर वापस लौट जाते हैं। इसलिए श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण करना बहुत जरूरी है, वरना हो बिना तृप्त होकर धरती से ऐसे ही लौट जाते हैं। क पुराणों में इसका जिक्र है कि पितृपक्ष में श्राद्ध करना बहुत जरूरी है। इस साल प्रतिपदा तिथि सात सितंबर को रात्रि 11:47 बजे लगेगी जो आठ सितंबर को रात्रि 10:15 बजे तक रहेगी। मातृ नवमी 15 सितंबर को पड़ेगी। यदि महिला की मृत्यु की तिथि ज्ञात न हो तो इस दिन उनके श्राद्ध का विधान है। 17 सितंबर को इंद्रा एकादशी के व्रत-उपवास और श्राद्ध के विधान पूरे किए जाएंगे। द्वादशी तिथि 18 सितंबर को है। इस दिन संन्यासी, यति, वैष्णवजन के श्राद्ध का विधान है। इस साल पष्ठी और सप्तमी का श्राद्ध एक दिन होगा।

किन चीजों के बिना अधूरा माना जाता है श्राद्ध

पुराणों में श्राद्ध में दौहित्र अर्थात् नाती, कुतुप वेला (एक बजे दिन का समय) ओर तिल ये चीजें बहुत जरूरी बता गई हैं, इनके बिना श्राद्ध पूर्ण नहीं माना जाता है। इन चीजों को पवित्र भी माना गया है। इसके अलावा अगर आप श्राद्ध कर रहे हैं, तो शुद्धि होना बहुत जरूरी है, इसके लिए आप शुद्ध होकर ही श्राद्ध करें, बिना किसी गुस्से के और जल्दबाजी में भी श्राद्ध करने से बचना चाहिए। शास्त्रों में इन्हें प्रशंसा योग्य कहा गया है। इस बात का भी ध्यान रखें कि श्राद्ध के लिए आपके कपड़े अलग होने चाहिए और देवों की पूजा के लिए आपके कपड़े अलग होने चाहिए। एक कपड़े पहनकर देव-पूजन ओर पितरों के कर्म नहीं करने चाहिए। बिना उत्तरीय वस्त्र धारण किए पितर, देवता ओर मनुष्यो का पूजन, अर्चन तथा भोजन आदि सब कार्य निष्फल होता है।

श्राद्ध दिन तारीख

पूर्णिमा श्राद्ध रविवार 07 सितंबर

प्रतिपदा सोमवार 08 सितंबर

द्वितीया मंगलवार 09 सितंबर

तृतीया बुधवार 10 सितंबर

चतुर्थी गुरुवार 11 सितंबर

पंचमी शुक्रवार 12 सितंबर

षष्ठी, सप्तमी शनिवार 13 सितंबर

अष्टमी रविवार 14 सितंबर

नवमी सोमवार 15 सितंबर

दशमी मंगलवार 16 सितंबर

एकादशी बुधवार 17 सितंबर

द्वादशी गुरुवार 18 गुरुवार

त्रयोदशी शुक्रवार 19 गुरुवार

चतुर्दशी शनिवार 20 गुरुवार

सर्वपितृ विसर्जन रविवार 21 गुरुवार