*नई दिल्ली01जून25*पाकिस्तानी एयरफोर्स को धकेल दिया 5 साल पीछे, जानिए ऑपरेशन सिंदूर ने कैसे पड़ोसी मुल्क को दिया गहरा जख्म*
*सिर्फ 4 दिनों तक चले ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के रडार सिस्टम और कमांड सेंटर तबाह हो गए और चीन- तुर्की से खरीदे हथियारों की पोल खुल गई।*
*ऑपेरशन सिंदूर*
*भारतीय वायुसेनाने पाकिस्तान की सीमा में ही मार गिराया*
* 8 F-16 लड़ाकू विमान
* 4 चीनी JF16 लड़ाकू विमान
* 1 C130 कार्गो प्लेन
* 1 HQ9 डिफेंस सिस्टम
* 2 सरफेस टू सरफेस मिसाइल
* 2 मोबाइल कमांड सेन्टर
* 2 हाइपरसोनिक मिसाइल
* 1 एयर बोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) को भारी नुकसान
*पाकिस्तान को कुल $3.35 बिलियन डॉलर (करीब ₹27,900 करोड़ रुपये) की वित्तीय क्षति हुई है. इसमें हवाई और ज़मीनी हथियारों का विनाश, सैन्य अभियानों का खर्च, तथा एयरबेस व इन्फ्रास्ट्रक्चर की तबाही शामिल है.*
■ ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान के रडार सिस्टम, कमांड और कंट्रोल सिस्टम तबाह हो गए। इतना ही नहीं चीन और तुर्की से खरीदे गए बेकार हथियारों की सच्चाई भी सामने आ गई और पूरी दुनिया को इसके बारे में पता चल गया।
■ दरअसल, भारत ने 6-7 मई की रात को बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने मिसाइलें दागीं, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें नाकाम कर दिया। इसके बाद जो हुआ, उसने सबको चौंका दिया।
■ 9-10 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान के कई एयर बेस पर हमले किए। इनमें चाकलाला, सरगोधा, रहीम्यार खान और कराची शामिल थे। ये हमले एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइलों और हैरोप और हार्पी जैसे हथियारों से किए गए।
■ भारत का पहला लक्ष्य था पाकिस्तान के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करना था। भारत ने चीन से खरीदे गए HQ-9 मिसाइल साइटों और लाहौर के पास के रडार स्टेशनों को नष्ट कर दिया। इससे पाकिस्तान का एयर डिफेंस कमजोर हो गया। पाकिस्तान की वायुसेना अपनी सीमा के अंदर ही उड़ने को मजबूर थी। वे हमारी सीमा पर तैनात S-400 और आकाश सिस्टम से डरे हुए थे।
■ जवाब में पाकिस्तान ने तुर्की और चीन से खरीदे ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें हवा में ही नाकाम कर दिया। भारत ने सियाचिन से लेकर नालिया तक ड्रोन मार गिराए। यहां तक कि पुरानी L-70 और Zu-23 तोपों ने भी दुश्मन के ड्रोन गिराने में मदद की।
■ 9 मई तक, भारत ने चाकलाला, मुरीद और सरगोधा एयर बेस पर कमांड और कंट्रोल सेंटरों को तबाह करने पर ध्यान दिया। मिराज, राफेल, Su-30 और मिग-29 विमानों से Rampage और SCALP मिसाइलें दागी गईं। इससे उनके एयरक्राफ्ट और ग्राउंड कंट्रोल के बीच का संपर्क टूट गया।
■ भारत के हमलों से पाकिस्तानी एयर कमांड अस्त-व्यस्त हो गया। वे युद्ध के मैदान का आकलन नहीं कर पा रहे थे। वे ठीक से जवाबी कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे और यहां तक कि आने वाले खतरों का पता भी नहीं लगा पा रहे थे। कुछ PAF अधिकारी अपनी सुरक्षा के लिए नागरिक विमानों के रास्तों का इस्तेमाल करने को मजबूर हो गए थे। उनके इस कदम से उनकी हताशा सामने आ गई।
■ भारत ने अपना आखिरी हमला पाकिस्तान के अंदर तक किया। इस हमले में भोलारी एयर बेस को निशाना बनाया गया। यहां एक हैंगर के अंदर Saab 200 AEW&C विमान और पश्चिमी देशों के कई जेट नष्ट हो गए। दूसरे बेस पर रनवे में गड्ढे हो गए। इससे कई घंटों तक हवाई संचालन बंद रहा। AWACS और सैटेलाइट के जरिए हमलों पर नजर रखी जाती रही।
*10 मई की सुबह तक पाकिस्तान घबरा गया था। उसके रडार और C2 सिस्टम तबाह हो गए थे। हवाई जहाज क्षतिग्रस्त हो गए थे। उसके पास कोई रणनीति नहीं थी। इसलिए उसने भारत से युद्धविराम की गुहार लगाई। दरअसल, पाकिस्तान और उसके समर्थक भारत के हमले से हैरान थे। वे भारत की तैयारी देखकर भी दंग रह गए थे।*
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