वाराणसी26मई25″ वट सावित्री पूजन के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी दिया संदेश”
” नमामि गंगे ने राष्ट्रीय वृक्ष बरगद की पूजा के साथ वट के पौधे लगाने का दिलाया संकल्प “
वाराणसी । राष्ट्रीय वृक्ष बरगद के संरक्षण व संवर्द्धन का संदेश देकर सोमवार को वट सावित्री पूजन के अवसर पर महिलाओं ने बरगद का पौधा लगाने तथा दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया। नमामि गंगे ने महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ के वेदपाठी बटुकों और सौभाग्यवती महिलाओं के साथ अखंड सौभाग्य के प्रतीक वट सावित्री के पावन अवसर पर काशी के पौराणिक सिद्धेश्वरी स्थित माता संकटा मंदिर में सैकड़ो वर्षों से विद्यमान वट वृक्ष की आरती उतारी । वायुमंडल में सर्वाधिक ऑक्सीजन उत्सर्जित करने वाले राष्ट्रीय वृक्ष बरगद के चारों ओर कलावा (रक्षा-सूत्र) बांधकर महिलाओं ने जीवन की स्थिरता और पति की लंबी आयु की कामना के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी आवाह्न किया । नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला ने लोगों को जागरुक करते हुए कहा कि भारत सरकार ने बरगद वृक्ष की पौराणिक, धार्मिक व वैज्ञानिक महत्ता को देखते हुए वर्ष 1950 में इसे राष्ट्रीय वृक्ष घोषित किया था। धार्मिक मान्यतानुसार बड़ पेड़ के मूल में ब्रह्मा, तना में विष्णु और शीर्ष पर भगवान शिव का वास माना जाता है। गौतम बुद्ध ने वट वृक्ष के नीचे ही तपस्या की थी। आज के दौर में बरगद पेड़ों की पूजा ही नहीं अपितु संरक्षण-संवर्द्धन भी जरूरी है। आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला, महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ के बटुक, अंजू अग्रवाल संगीता अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, नीती अग्रवाल, प्रिया अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, पंखुड़ी अग्रवाल, आकांक्षा अग्रवाल सहित श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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