पूर्णिया बिहार11जनवरी25*यूनिसेफ बिहार, पीएचएफआई दिल्ली , जन स्वास्थ्य प्रणाली दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला।
मोहम्मद इरफान कामिल यूपी आज तक पूर्णिया बिहार की रिपोर्ट।
पूर्णिया बिहार। पूर्णिया प्रमंडल के सभी जिले में संचालित स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करते हुए प्रमंडल में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए क्षेत्रीय अपर निर्देशक (आरएडी-स्वास्थ्य) डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रमंडल स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला होटल मेयफेयर गुलाबबाग जीरोमाइल पूर्णिया में आयोजित कीगई। यूनिसेफ पटना बिहार, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) दिल्ली एवं जन स्वास्थ्य प्रतिष्ठान दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला में सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों द्वारा जनजागरूकता द्वारा स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर चर्चा की गई। कार्यशाला में पूर्णिया प्रमंडल के क्षेत्रीय अपर निर्देशक (स्वास्थ्य) प्रमोद कुमार कनौजिया के साथ यूनिसेफ बिहार के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक शिवेंद्र पांडेय, यूनिसेफ बिहार के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ शंकर रेड्डी, राज्य स्वास्थ्य विभाग के राज्य स्वास्थ्य पदाधिकारी (मातृत्व स्वास्थ्य) डॉ सरिता, आईआईपीएच भुवनेश्वर के एडिशनल प्रोफेसर डॉ अम्बरीष दत्ता, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) के स्वास्थ्य विशेषज्ञ शालिनी बस्सी, यूनिसेफ इंडिया के नेशनल कन्सलटेंट डॉ अमन चुग और पूर्णिया प्रमंडल के आरपीएम कैशर इकबाल, संचालित सभी जिलों के सिविल सर्जन, डीपीएम, डीसीएम, डीपीसी, डीएम&ईओ और सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, अस्पताल प्रबंधक और आशा कर्मी उपस्थित रहे।
बेहतर प्रसव पूर्व जांच करते हुए मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने पर हुई चर्चा ।
कार्यशाला में सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रखंड स्तर पर गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव करवाने के लिए जागरूक करने पर चर्चा की गई। क्षेत्रीय अपर निर्देशक (आरएडी-स्वास्थ्य) डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए सभी जिले में प्रखंड स्तर पर गर्भवती महिलाओं के साथ साथ उनके परिजनों को जागरूक करने की आवश्यकता है। परिजनों के जागरूक होने पर सभी लोग माँ और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। प्रमंडल के सभी जिलों में अभी भी कुछ लाभार्थियों द्वारा प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव सुविधा का लाभ नहीं लिया जा रहा है जिससे कि असुरक्षित प्रसव के कारण मातृ या जन्मजात शिशु की मृत्यु दर्ज किया जा रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को समुदाय स्तर पर आशा कर्मियों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के परिजनों को जागरूक करने की जरूरत है। गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से प्रसव पूर्व जांच करते हुए लाभार्थियों द्वारा निर्धारित समय की जानकारी प्राप्त करते हुए नजदीकी अस्पताल में संस्थागत प्रसव कराना सुनिश्चित करने से माँ और नवजात शिशु स्वस्थ और सुरक्षित किया जा सकता है।
गर्भवती महिलाओं के परिजनों को काउंसेलिंग करते हुए प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक करने का दिया गया निर्देश :
यूनिसेफ राज्य कार्यक्रम प्रबंधक पटना बिहार शिवेन्द्र पांडेय ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों द्वारा आशा कर्मियों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के साथ साथ उनके परिजनों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है। परिजनों द्वारा पर्याप्त जानकारी नहीं होने पर गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं की संपूर्ण प्रसव पूर्व जांच और टीकाकरण नहीं कराया जाता है। इससे संबंधित गर्भवती महिला और होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य कमजोर हो जाता है और प्रसव पूर्व या प्रसव के दौरान मातृ या शिशु मृत्यु हो जाती है। परिजनों द्वारा गर्भवती महिलाओं का गर्भावस्था के शुरुआत से ही प्रसव पूर्व जांच और आवश्यक टीकाकरण सुविधा का लाभ उठाने पर माँ और बच्चों को सुरक्षित रखा जा सकता है। प्रसव पूर्व जांच के दौरान चिकित्सक द्वारा माँ और बच्चे के स्वास्थ्य की संबंधित सभी जानकारी परिजनों को उपलब्ध कराया जाता है। इससे गर्भावस्था के दौरान माँ और होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि प्रसव के दौरान माँ और बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित रहते हैं। प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा आशा कर्मियों के माध्यम से स्थानीय लोगों को गर्भवती महिलाओं की सम्पूर्ण प्रसव पूर्व जांच और आवश्यक टीकाकरण सुविधा का लाभ उठाते हुए संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक करना चाहिए। नियमित जांच और पर्याप्त उपचार से प्रसव के बाद मां और नवजात शिशु बिल्कुल स्वास्थ और सुरक्षित रह सकेंगे। इससे पूर्णिया प्रमंडल के सभी जिलों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में और कमी हो सकेगी और लोग स्वस्थ जीवन का लाभ उठा सकेंगे।
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