कौशांबी08जनवरी25*चील-कौए नोच रहे थे गौशाला में जंगली जानवर द्वारा हमले में मृत गौवंश का अवशेष*
*गौशाला में बदइंतजामी का अंबार देख नाराज हुईं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव*
*कौशाम्बी।* सरकार के लाख जतन के बाद गौवंशो की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जिम्मेदारों को बेजुबान जानवरों की तकलीफें न तो सुनाई देती हैं और न ही दिखाई देती हैं।इनकी उपेक्षा के चलते आए दिन कहीं न कहीं भूख, प्यास बदइंतजामी तथा इलाज के अभाव में गौवंशों की मौत की घटनाएं सामने आ रही हैं।जिस गौवंश को शास्त्रों में पूजनीय बताया गया है उनकी दुर्दशा न हो सके इसके लिए सरकार ने कई तरह की योजनएं बनाई, इसके लिए बजट भी आवंटित किया, उनके लिए जगह-जगह गौशालाएं बनवाईं और उसमें चारा-पानी, राशन और उनकी देखभाल के लिए केअर टेकर व अन्य कर्मचारी भी रखा लेकिन औचक निरीक्षण में इन्हीं कर्मचारियों की उपेक्षा के चलते गौवंशों की हालत बहुत खराब देखने को मिली।दिनांक 8 जनवरी 2025 को अपर जनपद न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी पूर्णिमा प्रांजल ने जेल अधीक्षक अजितेश मिश्र के साथ बैर आमद करारी, मंझनपुर स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान केअर टेकर सियाराम अनुपस्थित मिले। सूचना देने के घंटे भर बाद आए।सचिव को गौशाला में बदइंतजामी का अंबार देखने को मिला। उन्हें ऐसा प्रतीत हुआ कि इस गौशाला में व्यवस्थाओं की कमी लंबे समय से है। सचिव ने पाया कि ठंड से बचाव के लिए गौशाला में पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है। चारे की कमी और देखभाल के अभाव में गायें धीरे-धीरे कमजोर हो रही हैं ऐसे में ठंड बढ़ने के साथ ही उनकी हालत और खराब हो सकती है।
गौशाला में गायों को चारा, पानी और ठंड से बचाव के लिए बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं।
गौशाला में मृत गौवंश का अवशेष गौशाला परिसर में पड़ा मिला जिसे चील-कौए नोच रहे थे। जिम्मेदारों ने गौवंश को मरने के बाद भी उचित सम्मान नहीं दिया। इस पर केअर टेकर द्वारा बताया गया कि जंगली जानवर अंदर आकर उस पर हमला कर मार दिया था।चार-पांच गौवंश भूख-प्यास और ठंड के कारण उठ-चल नहीं पा रहे थे चारे-पानी के अभाव में गौवंश कमजोर हो चुके हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता व अनदेखी का नतीजा है इस तरह की गौशाला।गौशाला में बदइंतजामी से नाराज सचिव ने ठंड के कारण रात के तापमान में तेजी से गिरावट हो रही है ऐसे में गो आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश को ठंड से बचाने के लिए काऊ कोट पहनाने, अलाव जलाने या हीटिंग बल्ब लगाने, शेड की व्यवस्था करने, ताजा पानी पिलाने, जंगली जानवरों से गौवंशों की रक्षा करने का निर्देश सचिव ने ग्राम प्रधान सियाराम और केअर टेकर बृजलाल को दिया।
सचिव ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों को समय समय पर (खासकर सर्दी के मौसम में) को चाहिए कि वे गौशालाओं की स्थिति का सतत निरीक्षण करें और समय रहते इंतजाम करें।
गौवंशों की उपेक्षा और बदइंतजामी के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।ग्राम प्रधान और सचिव से बात कर उचित देखभाल के निर्देश भी दिया।इस दौरान जिला कारागार कौशाम्बी में बन्दियों द्वारा तैयार की गई काऊ कोट का वितरण गौशाला के सभी गौवंशों के लिए किया गया। उक्त जानकारी डॉ. नरेन्द्र दिवाकर पीएलवी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी ने दी है।
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