गाजीपुर04जनवरी25*आने वाला समय निश्चित रूप से इनके साहित्यिक अवदान का आकलन करेगा
वाराणसी से प्राची राय की खास खबर यूपीआजतक
गाजीपुर । ख्यातिलब्ध साहित्यकार डॉ.जितेन्द्रनाथ पाठक का 22 दिसम्बर 2024 को 91 वर्ष की आयु में देहावसान हो गया। त्रयोदशाह के अवसर पर 3 जनवरी 2025 को उनके रवीन्द्रपुरी (गोराबाजार),गाजीपुर स्थित आवास ‘वाणी प्रतिष्ठान’ पर एक श्रद्धांजलि-सभा का आयोजन किया गया। नगर के प्रतिष्ठित साहित्यकारों, प्रबुद्ध संभ्रांत जन,स्नेही स्वजनों एवं निकटस्थ परिजनों की महनीय उपस्थिति ने आयोजन को एक महत्तर गरिमा प्रदान की। सर्वप्रथम उपस्थित समस्त आगंतुकों ने उनके छाया-चित्र पर अपने भाव-पुष्प अर्पित कर उनकी पुनीत संस्मृतियों को नमन किया। श्रद्धांजलि-सभा का संचालन कर रहे सुपरिचित नवगीतकार डॉ.अक्षय पाण्डेय ने उनके वृहत्तर साहित्यिक अवदान को रेखांकित करते हुए उनके बहुआयामी साहित्यिक व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि डॉ.पाठक की अब तक16काव्य,2लघुप्रकृति-कथा,3कहानी-संग्रह,2संस्मरण,4अनुशीलन,16आलोचना एवं 13सम्पादित अर्थात कुल 56 कृतियाॅं प्रकाशित हैं। वे पूर्णकालिक साहित्य-साधना करते हुए गाजीपुर को एक अकादमिक संस्कार दिये। डॉ.पाठक का जाना गाजीपुर के लिए एक अपूर्णनीय साहित्यिक क्षति है। इसी क्रम में स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर के अंग्रेजी के प्रोफेसर एवं लोकसाहित्य मर्मज्ञ डॉ.रामनारायण तिवारी ने उनकी साहित्यिक महत्ता को रेखांकित करते हुए उनकी काव्यकृति ‘अतीतजीवी और काल’ को हिन्दी साहित्य में ‘काल-चिन्तन’ की परम्परा का सर्वोत्कृष्ट काव्यरूपक बताया। साहित्य चेतना समाज के संस्थापक अमरनाथ तिवारी ‘अमर’ ने कहा कि “डॉ.पाठक ने अपनी सार्थक कृतियों से एक वृहद साहित्य-लोक सृजित किया है। इनके साहित्यिक अवदान को निश्चित रूप से आने वाला समय मूल्यांकित करेगा। राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के बीसियों सम्मान-प्राप्त साहित्य के ऐसे महनीय व्यक्तित्व को हमारी संस्था 2005 में ‘गाजीपुर गौरव’ सम्मान प्रदान कर स्वयं गौरवान्वित हुई।” भावार्पण के इसी क्रम में डाॅ.जितेन्द्रनाथ पाठक के अतीव प्रिय, स्वामी सहजानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर के पूर्व प्राचार्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मान्धाता राय ने कहा कि “डॉ.पाठक अपनी काव्यकृतियों में युग-जीवन का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सशक्त कवि के रूप में दृष्टिगोचर होते हैं। उनके सम्पूर्ण साहित्य के अनुशीलनोपरान्त हम यह कह सकते हैं कि समकालीन साहित्य में स्वकीय पहचान रखने वाले साहित्यकारों की शीर्ष सरणी में डाॅ.पाठक का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। गाजीपुर को राष्ट्रीय फलक पर साहित्यिक पहचान दिलाने वाले रचनाकारों में ‘डाॅ.जितेन्द्रनाथ पाठक’ एक प्रतिष्ठित नाम है।आने वाला समय निश्चित रूप से इनके साहित्यिक अवदान का आकलन करेगा।” इस अवसर पर नगर के प्रतिष्ठित कविगण महाकवि कामेश्वर द्विवेदी, नवगीतकार अक्षय पाण्डेय,हास्य-व्यंग्यकार विजयकुमार मधुरेश, वीर रसावतार दिनेशचन्द्र शर्मा एवं गीतकार सिकन्दर कनौजिया ने अपनी भावपूर्ण कविताओं के द्वारा काव्यात्मक श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि के रूप में भावाभिव्यक्ति के क्रम में अमिताभ अनिल दूबे, डॉ.समरेन्द्र नारायण मिश्र, डॉ.श्रीकान्त पाण्डेय, डॉ.विनय कुमार दूबे, कल्पना पाण्डेय, डॉ.रमाशंकर सिंह, त्रिभुवन सिंह, डॉ.विनोदशंकर पाण्डेय, अर्चना मिश्र, शशिभूषण त्रिपाठी,वन्दना त्रिपाठी,डॉ.सन्तोष कुमार सिंह, अनिल अनिलाभ एवं डॉ.शशांकशेखर पाण्डेय अपना शाब्दिक भावार्पण किया। डॉ.पाठक के जामाता विजयप्रकाश मिश्र ने परिजन-प्रियजन के प्रति उनके स्नेहिल संस्मरणों को प्रस्तुत करते हुए अपनी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी एवं उपस्थित विभूतियों के प्रति आभार व्यक्त किया।अन्त में हुतात्मा की शान्ति के लिए ईश-स्मरण एवं मौन धारण के साथ सभा समाप्त हुई।
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