बाराबंकी07नवम्बर24*मुसलमानों ने बेचा कब्रिस्तान, बचाव में आगे आए महंत
जनपद की प्राचीन विरासत को संवारने व बचाने का प्रयास
बाराबंकी। जनपद की प्राचीन विरासत को संवारने व बचाने में जुटे बाबा महंत बीपी दास एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार मामला मुसलमानों के कब्रिस्तान को बचाने का है। जहां आरोप है कि कुछ मुसलमान सभासदों ने ही कब्रिस्तान की जमीन को बेचकर करोड़ो रुपए हड़प लिए है। बता दें कि राजस्व अभिलेखों में खालिदा फजली के नाम से दर्ज कदीमी सार्वजनिक कब्रिस्तान है। इस कब्रिस्तान की जमीन देखरेख करने वाले ने लाखों रुपए में बेच डाला। अब जगजीवन दास सतनाम सेवा ट्रस्ट नाम की एक सामाजिक संस्था कब्रिस्तान को बचाने आगे आयी है। संस्था के ट्रस्टी ने जिला अधिकारी सत्येंद्र कुमार को एक पत्र देकर वक़्फ़ संपत्ति को अवैध तरीके से बेचने वालों खालिदा फ़ज़ली आदि के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। जिस पर डीएम ने एसडीएम नवाबगंज को उक्त जमीन का मौका मुआयना कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए है। जहां एक ओर वक्फ एक्ट में संशोधन करने के इरादे से संसद में बिल पेश किया जा चुका है और संसद के सदस्यगण की अधिक राय के बाद बिल को ज्वाइंट कमेटी के सुपुर्द कर दिया गया है। जिसकी क्रियाकलाप पर भी अब सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ मुसलमान खुद ही वक्फ यानि औकाफ की संपत्ति को बेचने व खुर्द बुर्द करने में लगा हुआ है। इसकी एक ताजा मिसाल शहर स्थित एक कदीमी कब्रिस्तान है। यह कब्रिस्तान नगर के राजकमल रोड से संतोषी माता मंदिर से पहले पश्चिम को जाने वाले रास्ते पर हिंदू शमशान घाट और किंग जॉर्ज इंटर कॉलेज के बीच में स्थित है। आरोप है कि इसे मुस्लिम सभासदों ने मिलकर ही उन लोगों के हाथ बेच डाला जो बहुत दिनों से कब्रिस्तान पर अपना कब्जा बताते थे। इस अपराधिक कृत्य में राजस्व विभाग भी शामिल रहा क्योंकि जिस नक्शे से कब्रिस्तान की पैमाइश की गई वह मुहाफिज खाना के अफसर से गैर तस्दीक शुदा था। राजस्व रिकॉर्ड में उक्त कब्रिस्तान का गाटा नंबर 47/ कुल रकबा 0560/ हेक्टेयर (दो बीघा चार बिसवा 8 बिस्वानसी)दर्ज है। आरोप के मुताबिक उक्त कब्रिस्तान की जमीन खालिदा फ़ाज़ली की सलाह मुताबिक आशीष गुप्ता पुत्र शिव शरण गुप्ता,निशा गुप्ता पत्नी अभय गुप्ता और रश्मि गुप्ता पत्नी अनूप गुप्ता के हाथों चालाकी से एक स्टांप पर समझौता दस्तावेज के जरिए कब्रिस्तान का कब्जा खारिज करते हुए लाखों की रकम लेकर बेच डाला। स्थानीय नागरिकों की माने तो इसकी शिकायत जब उस समय के डीएम और अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों से की गई तो राजस्व की टीम ने मौके का मुआयना करने के बाद कब्रिस्तान का सौदा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की एक तहरीर शहर कोतवाली में दी थी। मगर नगर पालिका के सभासदों और खरीदारों ने अपने सियासी रसूख का इस्तेमाल करते हुए तहरीर पर मुकदमा नहीं दर्ज होने दिया। अब इतने बरस बाद किसी मुसलमान को नहीं एक गैर मुस्लिम महंत बीपी दास बाबा जो की जगजीवन दास सतनाम सेवा ट्रस्टी है ने जिला मजिस्ट्रेट से शिकायत करके आम कब्रिस्तान बेचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करके राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कब्रिस्तान के रकबे को चिन्हित कर मुक्ति की मांग की है।
More Stories
कौशाम्बी3दिसम्बर24*बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी निंदनीय–हिन्दू रक्षा समिति*
अयोध्या3दिसम्बर24*विश्व विख्यात सूफी संत हजरत शेख अहमद अब्दुल हक़ (मखदूम साहब) का 608 वाँ उर्स शुरू
उत्तराखंड3दिसम्बर24*प्रदेश में अब 59 वर्ष 6 माह की उम्र पूर्ण करने पर कर सकते हैं वृद्धावस्था पेशन के लिए आवेदन,