November 22, 2024

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सहारनपुर30अक्टूबर24*मिलावट का मेला': मिठाई और मसाले बने स्वास्थ्य के लिए खतरा!**

सहारनपुर30अक्टूबर24*मिलावट का मेला’: मिठाई और मसाले बने स्वास्थ्य के लिए खतरा!**

सहारनपुर30अक्टूबर24*मिलावट का मेला’: मिठाई और मसाले बने स्वास्थ्य के लिए खतरा!**

*दीपावली की रौनक में मिठाई की मिलावट का खेल, खाद्य विभाग की चुप्पी पर सवाल*

सहारनपुर, 30 अक्टूबर: दीपावली का त्योहार नज़दीक है और हर ओर रौशनी और मिठाइयों का उत्साह दिखाई दे रहा है, लेकिन इस खुशी के माहौल में मिलावटखोरों ने शहर के स्वास्थ्य पर काले बादल मंडरा दिए हैं। शहर में मिलावटी रसगुल्ले और मावे की मिठाइयों की भरमार हो गई है। देहरादून चौक, हलवाई हट्टा सहित अन्य इलाकों में मिठाई की दुकानों पर खुलेआम मिलावट का खेल जारी है, लेकिन खाद्य विभाग की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा।

सूत्रों के मुताबिक, शहर भर में नकली मावे से बने रसगुल्ले और अन्य मिठाइयाँ बेची जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इन मिलावटी मिठाइयों की सप्लाई तेजी से हो रही है।

**मसालों में भी चल रहा ‘मिलावट का तड़का’!**
सिर्फ मिठाइयाँ ही नहीं, बल्कि शहर में मसाले भी मिलावट की चपेट में आ गए हैं। हल्दी में मिर्च पाउडर और धनिया में अन्य सस्ते पदार्थ मिलाकर बेचने की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। जनता, पुरानी अनाज मंडी सहित शहर व देहात स्थित मसालों की फैक्ट्रियों में मिलावट का सिलसिला धड़ल्ले से जारी है, लेकिन खाद्य विभाग के अधिकारियों की रहस्यमयी चुप्पी ने जनता को असमंजस में डाल दिया है।

**दीपावली पर सेहत का खिलवाड़?**
चिकित्सकों का कहना है कि नकली मावा और मिलावटी मसाले सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं। ऐसे उत्पादों के सेवन से पेट की बीमारियाँ, फूड प्वाइजनिंग, और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। सवाल यह उठता है कि जब मिलावट का खेल इतनी बेशर्मी से शहर में चल रहा है, तो खाद्य विभाग आखिर किसके इशारे पर खामोश है?

**जनता में आक्रोश, विभाग पर भरोसा कम**
लोगों का कहना है कि दीपावली जैसे बड़े त्योहार पर अगर खाद्य विभाग सख्त कार्रवाई नहीं करेगा, तो मिलावटखोरों का हौसला और बढ़ेगा। आखिर कब जागेगा खाद्य विभाग, और कब मिलेगा जनता को शुद्ध मिठाई और मसाले?

*‘मिलावट बंद करो’ मुहिम की माँग*
शहर के जागरूक नागरिकों मिलावट के खिलाफ सख्त कदम उठाने की माँग कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जनहित की इस आवाज़ को नजरअंदाज करने की बजाय खाद्य विभाग त्वरित और कड़े कदम उठाएगा।

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