July 8, 2025

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कानपुर देहात 16 जुलाई 2024* जनपद में शीघ्र ही समस्त कार्यालय करेंगे ई-ऑफिस प्रणाली पर कार्य-सीडीओ

कानपुर देहात 16 जुलाई 2024* जनपद में शीघ्र ही समस्त कार्यालय करेंगे ई-ऑफिस प्रणाली पर कार्य-सीडीओ

कानपुर देहात 16 जुलाई 2024* जनपद में शीघ्र ही समस्त कार्यालय करेंगे ई-ऑफिस प्रणाली पर कार्य-सीडीओ

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग होने के नाते ई-ऑफिस सरकारी कार्यालयों में एक सरलीकृत, उत्तरदायी, प्रभावी, जवाबदेह और पारदर्शी कार्यप्रणाली प्राप्त करने का माध्यम है। ई-ऑफिस की गति और दक्षता न केवल विभागों को सूचित और त्वरित निर्णय लेने में सहायता करती है बल्कि उन्हें पेपरलेस भी बनाती है। यह एक डिजिटल वर्क प्लेस सॉल्यूशन है, जो ओपन आर्किटेक्चर पर बनाया गया है, जो इसे सरकारी कार्यालयों में प्रतिकृति के लिए एक मानक पुन: प्रयोज्य उत्पाद बनाता है। इस प्रणाली को जनपद स्तर पर संचालित करने हेतु मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने सभी अधिकारियों को आज ही अपने नोडल विभागों के माध्यम से आईडी बनाये जाने हेतु निर्देशित किया। ई-ऑफिस के प्रमुख घटकों के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला सूचना विज्ञान अधिकारी विकास गुप्ता द्वारा बताया गया कि यह एक कार्यप्रवाह-आधारित प्रणाली है जो एक अधिक कुशल इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के साथ-साथ फ़ाइलों की मौजूदा मैन्युअल हैंडलिंग की सुविधाओं का विस्तार करती है। इसमें एक फाइल में काम करने के सभी चरण शामिल हैं, जिसमें स्कैनिंग, इलेक्ट्रॉनिक डायरीकरण, फाइल निर्माण, नोटिंग निर्माण, नोटिंग और ड्राफ्ट पर डिजिटल हस्ताक्षर, प्रेषण, तेजी से प्रसंस्करण और फाइलों और रसीदों की आवाजाही, फाइलों और रसीदों को बंद करना और अंत में अभिलेखों का अभिलेख शामिल है। उन्होनें बताया कि ई-ऑफिस के माध्यम से एक कार्यालय में दस्तावेजों के केंद्रीय भंडार की अवधारणा को हम साकार कर सकते हैं। यह उपयोगकर्ताओं को वर्कफ़्लो में इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ बनाने और प्रबंधित करने के साथ-साथ संस्करण (ट्रैकिंग इतिहास) प्रदान करता है जिसे आसानी से देखा जा सकता है, खोजा जा सकता है, साझा किया जा सकता है और प्रकाशित किया जा सकता है। यह सामग्री को तार्किक रूप से व्यवस्थित करता है और एक संगठन में सामग्री निर्माण और प्रस्तुति को मानकीकृत करता है। यह एपीएआर की प्रस्तुति और प्रसंस्करण में देरी को कम करने में मदद करता है और एपीएआर के संचलन को ट्रैक करके पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। सिस्टम एक डैशबोर्ड सुविधा भी प्रदान करता है जो सेवा नियंत्रण प्राधिकरण को स्थिति की निगरानी करने में सक्षम बनाता है जैसे अधिकारियों की पोस्टिंग, विभिन्न स्तरों पर लंबितता आदि।
इस दौरान परियोजना निदेशक, उपनिदेशक कृषि रामबचन राम, जिला पंचायत राज अधिकारी विकास पटेल, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी विकास गुप्ता, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी(नोडल विकास ई-आफिस), एन आई सी इंजीनियर राहुल सचान सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

*संवाददाता प्रशान्त शर्मा कानपुर देहात यूपी आजतक*

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