September 29, 2024

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कौशाम्बी24मई24*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कौशाम्बी की खास खबरें

कौशाम्बी24मई24*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कौशाम्बी की खास खबरें

कौशाम्बी24मई24*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कौशाम्बी की खास खबरें

[24/05, 3:06 pm] +91 98391 01290: *आशुलिपिक, पेशकार एवं चपरासी के रिक्त पदों के लिए आवेदन आमन्त्रित*

*कौशाम्बी* स्थायी लोक अदालत, कौशाम्बी में आशुलिपिक के एक पद, पेशकार के एक पद एवं चपरासी के लिए एक पद, कुल 03 पदों पर, जो कि जिला न्यायालय अथवा कलेक्ट्रेट के सेवानिवृत्त कर्मियों में से हों, उनको अधिकतम 02 वर्ष की अवधि के लिए एक निर्धारित मानदेय क्रमशः रू0-9000, 9000 एवं 7000 प्रतिमाह एवं अनुबन्ध के आधार पर नियुक्ति की जानी हैं।

यह जानकारी अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने देते हुए बताया कि अभ्यर्थी की आयु 65 वर्ष से कम होनी चाहिए, आवेदक अभ्यर्थी का कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं होना चाहिए एवं उनके विरूद्ध कोई अनैतिक आचरण का आरोप भी नहीं होना चाहिए। इच्छुक अभ्यर्थी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद न्यायालय कौशाम्बी के कार्यालय में दिनांक 05 जून 2024 की सायं 05 बजे तक अपना आवेदन जमा कर सकतें हैं।

*सुबोध केशरवानी अखण्ड भारत सन्देश मंझनपुर कौशाम्बी*
[24/05, 3:37 pm] +91 96216 39625: *यूपी की इन 31 सीटों पर टिकी दिल्ली की सत्ता, उलटफेर हुआ तो बिगड़ जाएगा BJP का खेल*

सियासत में एक कहावत है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। यह बात कहने के पीछे मजबूत तर्क है कि देश की सबसे ज्यादा 80 सीटें यहीं हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी तक यूपी से ही जीतकर प्रधानमंत्री बने हैं। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन दोनों ने ही उत्तर प्रदेश में पूरी ताकत झोंक रखी है। यूपी में इस बार कांटे का मुकाबला माना जा रहा है। सूबे में ढाई दर्जन लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जिस पर देश की सत्ता टिकी हुई है। इन सीटों पर कुछ वोटों के उलटफेर से 2024 के चुनाव का सियासी गणित बीजेपी का गड़बड़ा सकता है।

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 31 सीटें ऐसी हैं, जिन पर 2019 के चुनाव में जीत – हार का मार्जिन एक लाख या फिर उससे कम वोटों का था। इन सीटों पर कुछ वोट के इधर से उधर होने से सारा गणित बिगड़ सकता है क्योंकि लोकसभा चुनाव में एक लाख वोटों का मार्जिन बहुत ज्यादा नहीं होता है। यूपी में एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई होती नजर आ रही है। ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती लोकसभा चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कवायद में हैं, लेकिन कामयाब होती नहीं दिख रही हैं।

2019 के चुनाव में यूपी की 80 में से 64 सीटें बीजेपी गठबंधन ने जीती थीं, जबकि सपा 5 सीट, बसपा 10 और कांग्रेस को एक सीट मिली थी। पिछले चुनाव के नतीजे का विश्लेषण करते हैं तो 31 सीटों पर जीत – हार का अंतर एक लाख वोट या फिर उससे कम का था। कम मार्जिन वाली 31 सीटों में से 22 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, तो 6 सीट बसपा, दो सीट सपा और एक सीट अपना दल (एस) ने जीती थी। ऐसे में अगर इन सीटों पर मतदाता सियासी करवट बदलते हैं तो फिर बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा परेशानी खड़ी हो जाएगी और उसके बाद मायावती को टेंशन पैदा कर सकती है।

पिछले लोकसभा चुनाव में कम मार्जिन वाली सीटों में देखें तो चार सीटें ऐसी हैं, जिन पर हार – जीत का अंतर दस हजार से कम था, जिसमें दो सीटें ऐसी है, जहां पांच हजार से भी कम का मार्जिन था। इसके अलावा 5 सीटें ऐसी है, जिन पर हार – जीत का अंतर 10 हजार से 20 हजार के बीच कम का था। लोकसभा की सात सीटें ऐसी है, जिन पर हार – जीत का अंतर 20 हजार से 50 हजार के बीच का था। इसके अलावा सूबे की 15 लोकसभा सीटों पर जीत – हार का अंतर 50 हजार से एक लाख तक का था।

*10 हजार से कम अंतर वाली 4 सीटें*

यूपी में मछली शहर लोकसभा सीट पर सबसे कम अंतर रहा है। बीजेपी यह सीट महज 181 वोटों से जीतने में सफल रही थी। 2019 में मछली शहर और मेरठ सीट पर जीत – हार का अंतर 5 हजार से कम का था। यह दोनों सीटें बीजेपी ही जीती थी। इसके अलावा 5 से 10 हजार के बीच जीत – हार के अंतर वाली सीट मुजफ्फरनगर और श्रावस्ती सीट थी। मुजफ्फरनगर सीट बीजेपी 6526 वोटों से जीती थी, तो श्रावस्ती सीट बसपा ने 5320 ने जीती थी। इस तरह 10 हजार से कम मार्जिन वाली सीटों को देखें तो तीन बीजेपी के पास और एक बसपा के पास है।

*10 हजार से 50 हजार के अंतर वाली सीटें*

सूबे में पांच लोकसभा सीट पर जीत – हार का अंतर 10 हजार से बीस हजार के बीच था। कन्नौज में 12,353 वोटों का, तो चंदौली में 13,959 वोटों का मार्जिन था। ऐसे ही सुल्तानपुर में 14,526, बलिया में 15,519 और बदायूं में 18,454 से बीजेपी जीती थी। दस हजार से बीस हजार के अंतर वाली सभी पांचों सीटें बीजेपी ने जीती थी।

वहीं, सात लोकसभा सीटों पर 2019 में जीत – हार का अंतर 20 हजार से 50 हजार वोटों का था। सहारनपुर सीट पर 22,417, बागपत में 23,502, फिरोजाबाद में 28,781, बस्ती सीट पर 30,354, संत कबीर नगर सीट पर 35,749, कौशांबी सीट पर 38,722 और भदोही सीट पर 43,615 वोटों का अंतर रहा था। इन 7 में छह सीटें बीजेपी ने जीती थीं, तो एक सीट बसपा को मिली थी।

*50 हजार से एक लाख वोटों वाली सीटें*

2019 के लोकसभा चुनाव में 15 सीटों पर जीत – हार का अंतर 50 हजार से एक लाख के बीच का था। अमेठी सीट पर 55,120 वोटों का अंतर था। ऐसे ही बांदा सीट पर 58,938, राबर्ट्सगंज सीट पर 54,336, कैराना सीट पर 92,160, बिजनौर पर 69,941, मुरादाबाद पर 97,878, अमरोहा पर 63,248, मैनपुरी पर 94,389, मोहनलालगंज पर 90,229, इटावा पर 64,437, फैजाबाद पर 65,477, अंबेडकरनगर पर 95,887, जौनपुर पर 80,936, सीतापुर पर 1,00,833 और मिश्रिख पर 1,00,672 वोटों का मार्जिन था। 50 हजार से एक लाख वोटों की मार्जिन वाली 15 सीटों में बीजेपी के पास 8, बसपा के पद 4, सपा के पास 2 और एक सीट अपना दल (एस) के पास है।

*सपा कहीं बिगाड़ ना दे बीजेपी का खेल*

मोदी लहर पर सवार बीजेपी 2014 में यूपी की 80 में से 71 सीटें जीतने में कामयाब रही थी तो 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा – बसपा गठबंधन के बावजूद 62 सीटें जीतने में सफल रही थी। दोनों ही चुनाव में बीजेपी के सहयोगी अपना दल (एस) को दो – दो सीटें मिली थी। विपक्षी कोई खास करिश्मा पिछले दो चुनाव से नहीं दिखा सका है, लेकिन इस बार कांग्रेस – सपा मिलकर चुनावी मैदान में उतरी हैं। अखिलेश यादव ने अपने मुस्लिम – यादव समीकरण को जोड़े रखते हुए पीडीए फॉर्मूले का दांव चला है, जिसका मतलब पिछड़ा – दलित – अल्पसंख्यक है। इतना ही नहीं सपा ने इस बार के चुनाव में गैर – यादव ओबीसी पर सबसे ज्यादा दांव खेला है, जिसके चलते माना जा रहा है कि बीजेपी के कोर वोट बैंक में सेंधमारी की रणनीति है।

*यूपी में 2024 में क्या कुछ होने वाला है बड़ा*

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यूपी की लोकसभा सीटें ही इस बार सत्ता का मिजाज तय करने वाली है, क्योंकि बीजेपी पिछले दो बार से सूबे की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर अपने नाम किया है। ऐसे में एक लाख से कम मार्जिन वाली 31 सीटें राजनीतिक दलों की धड़कने बढ़ाए हुए हैं, जिससे ज्यादा चिंता बीजेपी को है। 22 सीटें बीजेपी के पास है। ऐसे में इन सीटों पर कुछ वोट अगर इधर से उधर हुए या फिर किसी अन्य के खाते में गए तो बीजेपी के लिए अपनी सीटों को बचाना मुश्किल हो जाएगा।बीबीजेपी कम अंतर वाली सीटों को लेकर सजग है तो सपा उसे हर हाल में अपने नाम करने के लिए बेताब है। कम मार्जिन वाली सीटों पर सपा – कांग्रेस पूरा दम लगाए हुए हैं। ऐसे में देखना है कि बीजेपी कैसे इन सीटों को बचाए रखने में सफल होती है ?

[24/05, 4:24 pm] +91 96486 24949: *फर्जी बैनामा अदालत का आदेश नहीं फिर भी पुलिस ने रोक दिया निर्माण*

*जांच के दौरान उप निरीक्षक द्वारा निजी स्वार्थ और दबाव के चलते पुलिस अधिकारियों को लगातार किया जा रहा है गुमराह*

*आला अधिकारियों का कहना है कि जमीनी विवाद के मामले में अदालत का आदेश या राजस्व के बिना पुलिस हस्तक्षेप नहीं करेगी*

*कौशांबी* चरवा थाना क्षेत्र के धमसेड़ा गांव में 06 अप्रैल को विधवा सोनिया देवी और उनकी बेटियों पर प्राण घातक हमला करने के बाद उनके घर की दीवार को तोड़कर लाखों का सामान आरोपी बरमदीन आदि उठा ले गए घर पर कब्जा करने का प्रयास किया आरोपियों ने फर्जी बैनामा पत्र तैयार करवा करके जमीन कब्जा करने की नियत बनाई लेकिन सोनिया देवी और उनकी बेटियों ने आरोपियों के मंसूबे को सफल नहीं होने दिया आरोपियों के द्वारा तोड़े गए दीवाल को सोनिया देवी निर्माण करा रही थी जिस पर आरोपियों ने थाना पुलिस के उप निरीक्षक से साठगांठ की आरोपियों ने एक मुकदमा भी अदालत में दाखिल किया लेकिन मुकदमा में अदालत ने पुलिस या प्रतिवादी को निर्माण रोकने का कोई आदेश नहीं दिया है अदालत से कोई स्थगन आदेश भी नहीं जारी हुआ है लेकिन पुलिसिया बल पर उप निरीक्षक ने निर्माण रोक दिया

एक तरफ आला अधिकारियों का कहना है कि जमीनी विवाद के मामले में अदालत का आदेश या राजस्व के बिना पुलिस हस्तक्षेप नहीं करेगी लेकिन सोनिया देवी के निर्माण पर चरवा थाना के उपनिरीक्षक मुन्ना सिंह यादव मौके पर पहुंच गए और सोनिया के निर्माण को बल पूर्वक रोक दिया है अब सवाल उठता है कि क्या चरवा थाने के उप निरीक्षक को सोनिया देवी के निर्माण को रोकने के अधिकार है लेकिन उसके बाद भी चरवा थाने के उप निरीक्षक मनमानी पर उतारू है उन्हें अधिकारियों के आदेश निर्देश की परवाह नहीं है पुलिस द्वारा बलपूर्वक निर्माण रोक दिए जाने के बाद न्याय के लिए विधवा सोनिया देवी और उनकी बेटियां अधिकारियों की चौखट पर न्याय की गुहार लगा रही है लेकिन उप निरीक्षक के आरोपियों से साठगांठ के चलते विधवा सोनिया देवी को न्याय मिलता नहीं दिख रहा है जांच के दौरान उप निरीक्षक द्वारा निजी स्वार्थ और दबाव के चलते लगातार पुलिस अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है चरवा थाना पुलिस की स्थिति इस कदर खराब हो गई है कि अब वह डीजीपी को भी गुमराह करने से नहीं चूक रही है उप निरीक्षक द्वारा बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश या न्यायालय के स्थगन आदेश के बिना सोनिया देवी के निर्माण को बलपूर्वक रोकने के मामले को यदि पुलिस अधिकारियों ने संज्ञान लेकर जांच कराई तो उपनिरीक्षक के आरोपियों से साठगांठ का कारनामा उजागर होगा और उप निरीक्षक पर कठोर कार्रवाई हो सकती है

[24/05, 6:45 pm] +91 96485 18828: *फर्जी बैनामा अदालत का आदेश नहीं फिर भी पुलिस ने रोक दिया निर्माण*

*जांच के दौरान उप निरीक्षक द्वारा निजी स्वार्थ और दबाव के चलते पुलिस अधिकारियों को लगातार किया जा रहा है गुमराह*

*आला अधिकारियों का कहना है कि जमीनी विवाद के मामले में अदालत का आदेश या राजस्व के बिना पुलिस हस्तक्षेप नहीं करेगी*

*कौशांबी* चरवा थाना क्षेत्र के धमसेड़ा गांव में 06 अप्रैल को विधवा सोनिया देवी और उनकी बेटियों पर प्राण घातक हमला करने के बाद उनके घर की दीवार को तोड़कर लाखों का सामान आरोपी बरमदीन आदि उठा ले गए घर पर कब्जा करने का प्रयास किया आरोपियों ने फर्जी बैनामा पत्र तैयार करवा करके जमीन कब्जा करने की नियत बनाई लेकिन सोनिया देवी और उनकी बेटियों ने आरोपियों के मंसूबे को सफल नहीं होने दिया आरोपियों के द्वारा तोड़े गए दीवाल को सोनिया देवी निर्माण करा रही थी जिस पर आरोपियों ने थाना पुलिस के उप निरीक्षक से साठगांठ की आरोपियों ने एक मुकदमा भी अदालत में दाखिल किया लेकिन मुकदमा में अदालत ने पुलिस या प्रतिवादी को निर्माण रोकने का कोई आदेश नहीं दिया है अदालत से कोई स्थगन आदेश भी नहीं जारी हुआ है लेकिन पुलिसिया बल पर उप निरीक्षक ने निर्माण रोक दिया

एक तरफ आला अधिकारियों का कहना है कि जमीनी विवाद के मामले में अदालत का आदेश या राजस्व के बिना पुलिस हस्तक्षेप नहीं करेगी लेकिन सोनिया देवी के निर्माण पर चरवा थाना के उपनिरीक्षक मुन्ना सिंह यादव मौके पर पहुंच गए और सोनिया के निर्माण को बल पूर्वक रोक दिया है अब सवाल उठता है कि क्या चरवा थाने के उप निरीक्षक को सोनिया देवी के निर्माण को रोकने के अधिकार है लेकिन उसके बाद भी चरवा थाने के उप निरीक्षक मनमानी पर उतारू है उन्हें अधिकारियों के आदेश निर्देश की परवाह नहीं है पुलिस द्वारा बलपूर्वक निर्माण रोक दिए जाने के बाद न्याय के लिए विधवा सोनिया देवी और उनकी बेटियां अधिकारियों की चौखट पर न्याय की गुहार लगा रही है लेकिन उप निरीक्षक के आरोपियों से साठगांठ के चलते विधवा सोनिया देवी को न्याय मिलता नहीं दिख रहा है जांच के दौरान उप निरीक्षक द्वारा निजी स्वार्थ और दबाव के चलते लगातार पुलिस अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है चरवा थाना पुलिस की स्थिति इस कदर खराब हो गई है कि अब वह डीजीपी को भी गुमराह करने से नहीं चूक रही है उप निरीक्षक द्वारा बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश या न्यायालय के स्थगन आदेश के बिना सोनिया देवी के निर्माण को बलपूर्वक रोकने के मामले को यदि पुलिस अधिकारियों ने संज्ञान लेकर जांच कराई तो उपनिरीक्षक के आरोपियों से साठगांठ का कारनामा उजागर होगा और उप निरीक्षक पर कठोर कार्रवाई हो सकती है।

[24/05, 7:09 pm] +91 99191 96696: *प्रशिक्षण-भत्ते प्राप्त करने के बाद अनुपस्थित 166 कार्मिको से धनराशि वसूली के साथ कठोर कार्यवाही की तैयारी*

*कौशाम्बी।* प्रभारी अधिकारी (कार्मिक व प्रशिक्षण)/मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 रवि किशोर त्रिवेदी ने अवगत कराया है कि लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन सम्पन्न कराने के लिए जनपद में विभिन्न श्रेणी के कार्मिकों को मतदान अधिकारी/पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। इन कार्मिकों को विधिवत प्रशिक्षण भी दिया गया और प्रशिक्षण के उपरान्त श्रेणीवार मानदेय उनके खाते में भेजा गया। इसके बाद तृतीय रेण्डमाईजेशन के उपरान्त अन्तिम रूप से उनके कार्य के लिए आदेशित किया गया और इसके लिए मतदान से पूर्व उनके खाते में मानदेय भी भेज दिया गया, किन्तु लगभग 166 कार्मिको ने प्रशिक्षण-भत्ते प्राप्त करने के बाद भी नवीन मण्डी स्थल ओसा-मंझनपुर में प्रस्थान के समय उपस्थित नहीं हुए, जिससे उनके स्थान पर दूसरे कार्मिकों को नियुक्त कर मतदान केन्द्रों में भेजना पड़ा।

इस प्रकार इन कर्मचारियों ने अनिमिततायें की हैःभारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बावजूद आदेशों का उल्लंघन कर अनुपस्थित हुये। बिना कार्य के शासकीय धनराशि (मानदेय) हड़पना। मतदान कार्य में बाधा उत्पन्न करना। ऐसे कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के आधार पर आरोप पत्र बनाकर भारत निर्वाचन आयोग को भेजने की तैयारी हो रही है, जिससे इनसे धनराशि वसूली हो सकें और उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जा सकें।

[24/05, 7:14 pm] +91 96216 39625: *गैस सिलेंडर की ओवररेटिंग से एजेंसी संचालक कर रहे करोड़ों की वसूली अधिकारी मौन*

*जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय को ओवर रेटिंग की बखूबी जानकारी के बाद रोक लगाने को नही है तैयार*

*कौशाम्बी* गैस सिलेंडर के रिफिल पर सरकार द्वारा निर्धारित किए गए कीमत से 32 रुपए से 40 रुपए तक अधिक की ओवर रेटिंग खुलेआम हो रही है। पूरे जिले में गैस एजेंसी संचालकों द्वारा उपभोक्ताओं से ओवर रेटिंग कर करोड़ो रुपए की अवैध वसूली किया जा रहा है। ओवररेटिंग के इस मामले की संबंधित अधिकारियों को बखूबी जानकारी होने के बाद भी एजेंसी संचालकों पर कार्यवाही कर उनकी एजेंसी को बर्खास्त करने की कोशिश अधिकारियों ने नहीं की है जिससे एजेंसी संचालकों के ओवर रेटिंग से करोड़ों की वसूली में संबंधित अधिकारियों की हिस्सेदारी से इनकार नहीं किया जा सकता है। गैस एजेंसी संचालकों द्वारा गैस सिलेंडर रिफिल में ओवररेटिंग के चलते सरकार की किरकिरी हो रही है लेकिन इन अधिकारियों को हिस्सेदारी के अलावा कुछ समझ में नहीं आ रहा है जिससे आम जनता के बीच जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।

चायल तहसील क्षेत्र के गुंगवा के बाग स्थित गैस एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा गैस रिफिल करने में खुलेआम 868 के बजाय 890 रुपए की वसूली की जा रही है जिससे 32 रुपए की अवैध वसूली हो रही है जबकि सरकार द्वारा गैस सिलेंडर के रिफिल घर तक पहुंचाने के लिए सिलेंडर की कीमत में शुल्क जोड़ा गया है। उसमें जीएसटी और सीएसटी का टैक्स भी जोड़ा गया है लेकिन उसके बाद एजेंसी संचालक के कर्मचारी ज्यादा वसूली कर रहे हैं और एजेंसी संचालक उन पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं। अधिक वसूली के चलते उपभोक्ताओं से रोज झिकझिक होती है लेकिन एजेंसी के कर्मचारी भी दबंग हैं और वह अधिक वसूली को छोड़ना नहीं चाहते हैं। यही स्थिति अन्य गैस एजेंसियों की है। सूत्रों के माने तो ओवर रेटिंग के चलते करोड़ों रुपए प्रत्येक महीने की अवैध वसूली एजेंसी संचालकों द्वारा की जा रही है। इस बात की जानकारी जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय को बखूबी है लेकिन जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय ओवर रेटिंग पर रोक लगाने को तैयार नहीं हैं जिससे गैस उपभोक्ता परेशान हैं।

[24/05, 8:52 pm] +91 99560 44608: *भरवारी कस्बे में कोखराज थानेदार ने किया पैदल गस्त*

*कोखराज कौशाम्बी* कोखराज थानेदार इन्द्र देव व चौकी प्रभारी नीरज उपाध्याय सिंघिया ने पुलिस टीम के साथ भरवारी कस्बे में पैदल गस्त कर शान्ति ब्यावस्था बनाये रखने का निर्देश दिया पैदल भ्रमण के दौरान पुलिस टीम ने संदिग्ध बाइक के कागजात चेक कर गलत पाए जाने पर उन पर कार्यवाही की है पुलिस टीम ने गस्त के दौरान कहा कि सड़कों पर वाहन न खड़ा करें निर्धारित स्थान पर वाहन खड़ा करें जिससे नगर में जाम की समस्याएं दूर हो सके नगर में पैदल गस्त के दौरान थानेदार ने लोगों को कानून का पाठ पढ़ाया और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया इस दौरान संदिग्ध लोगों पर कड़ी नजर रक्खी गयी।

[24/05, 8:55 pm] +91 88401 88542: *दबंग ने महिला को दी जान से मारने की धमकी थाने में शिकायत*

*कौशाम्बी।* चरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत बिरौली गांव के एक दबंग ने बेवजह गाली गलौज देते हुए नाफदान का पाइप उखड़ कर फेक दिया विरोध करने पर दबंग महिला और उसके बच्चो को जान से मारने की धमकी दे रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार बिरौली गांव की रहने वाली मंजू देवी पत्नी गोपी पासी ने चरवा थाना प्रभारी को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसका पति मछली शहर में भट्टे पर रहकर मजदूरी करता है और मंजू अपने चार बच्चों के साथ घर पर रहती है । मंजू के पड़ोस का रहने वाला सोनू पासी पुत्र स्व. फगुहारे शुक्रवार को समय करीब 10:00 बजे सुबह उसे गाली गलौज देते हुए उसके घर में लगे नाफदान का पाइप उखाड़ कर फेंक दिया जब मंजू देवी ने इसका विरोध किया तो सोनू कहता है कि तुझे जहां जाना है जा मैं किसी से डरता नहीं अगर कहीं शिकायत किया तो तुझे और तेरे बच्चों को जान से मार कर फेंक दूंगा । मंजू देवी के मुताबिक उसका विपक्षी दबंग किस्म का व्यक्ति है और पीड़िता को तीन दिन से गन्दी गन्दी गाली गलौज देता है। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।

[24/05, 8:55 pm] +91 88401 88542: *मुकदमे में समझौता न करने पर साथियों संग दी जान से मारने की धमकी*

*कौशाम्बी।* मुकदमे में समझौता न करने पर पीड़ित को साथियों संग युवक ने जान से मारने की धमकी दी है पीड़ित ने चरवा थाना में आरोपी व दो अज्ञात के विरुद्ध नामजद्द शिकायती प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाया । मामला चरवा थाना क्षेत्र के एक गांव का है। पीड़ित ने बताया कि 6 फरवरी की सुबह करीब 6:30 बजे पीड़ित की बेटी शौचक्रिया करने के लिए खेत कि तरफ गई थी। पहले से पड़ोस का ही मनचला युवक सरसों की फसल में छुपकर बैठा था। पीड़ित के बेटी को अकेला पाकर सरसों की फसल में जबरन घसीट कर छेड़खानी करने लगा। पीड़ित की बेटी ने शोर मचाया तो मनचला युवक ने पीड़ित की बेटी को मारा पीटा तथा जाते – जाते धमकी दिया था कि अगर कहीं शिकायत किया तो तुम्हें व तुम्हारे परिवार को जान से मार दूंगा। मनचला युवक के चंगुल से किसी तरह बचकर पीड़ित की बेटी घर आकर आप बीती अपने परिजनों से बताया तो पीड़ित अपनी बेटी के साथ चरवा थाना पहुंच कर नामजद्द शिकायती प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही करने कि मांग किया। पीड़ित के शिकायती प्रार्थना पत्र को गम्भीरता से लेते हुए चरवा पुलिस ने गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करके मनचला युवक की तलाश में जुट गयी। मनचला युवक पुलिस के चंगुल से बचता रहा। शुक्रवार की सुबह करीब 11:30 बजे मनचला युवक अपने दो अज्ञात साथियों के साथ मोटर साइकिल से सवार होकर घर आया । पीड़ित को देखकर गाली-गलौज देते हुए कहा कि जो मेरे विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है उसमें सुलहनामा लगा दे नहीं तो तुम्हें परिवार सहित जान से मार डालूंगा। मनचला युवक की धमकी से परिवार सहित डरा सहमा हुआ है। पीड़ित ने चरवा थाना पहुंच कर मनचला युवक के विरुद्ध फिर नामजद्द व दो अज्ञात साथियों के विरुद्ध शिकायती प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही करने की मांग किया है।

[24/05, 8:55 pm] +91 88401 88542: *बहू ने देवर सहित विधवा सास को पटक कर पीटा*

*कौशाम्बी।* चरवा थाना क्षेत्र के रमदयाल पुर गांव की राधिका देवी पत्नी स्व० जीवन लाल ने दिए गए शिकायती प्रार्थना पत्र में बताया कि मेरे पति की बीमारी के कारण एक वर्ष पहले मौत हो गई है। विधवा महिला के तीन बच्चे हैं। बड़े बेटा अरविंद की शादी हो गई है दो बेटा अभी नाबालिग है। बड़ा बेटा अपने परिवार के साथ अलग रहता है। विधवा महिला मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करती है। वृहस्पतिवार की सुबह करीब 11:30 बजे बहू लक्ष्मी देवी पत्नी अरविंद कुमार ने पीड़िता से कहा कि मुझे जेवरात बनवाओ पीड़िता ने कहा कि मेरे पास किसी भी प्रकार की कोई कमाई नहीं आती है। मैं किसी तरह मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों का भरण-पोषण करती हूं। अपने पति की कमाई से जेवरात बनवा लो मुझे किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नही है। इतनी सी बात में बहू लक्ष्मी देवी ने विधवा महिला को गाली-गलौज देते हुए पटक कर लात घूंसा से मारने पीटने लगी। विधवा महिला के चिल्लाने पर शोर सुनकर छोटे – छोटे बच्चे मौके पर पहुंच कर बीच-बचाव करने लगें तो बहू ने इन्हें भी मारा पीटा। जिससे विधवा महिला सहित बच्चों को चोटें आई है। विधवा महिला का आरोप है कि मेरी बहू अपने माता-पिता व भाई के सह पर आए दिन मुझे मारती पीटती है तथा मुझे प्रताड़ित करती रहती है। विधवा महिला ने अपने बच्चों संग चरवा थाना पहुंच कर बहू व बहू के माता-पिता व भाई के विरुद्ध नाम जद्द लिखित शिकायती प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही करने कि मांग किया है। चरवा पुलिस ने शिकायती प्रार्थना पत्र पाकर जांच में जुट गई है।

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