बाँदा13अप्रैल2024*मीडिया का सम्मान, बार कोड स्कैनर गूगल-पे पर भेज रहे हैं धन
– एनजीटी पर्यावरण की उडाई जा रही है धज्जियां
– आधा दर्जन खदान जांच के घेरे में, बडी-बडी मशीनांे से बहती जलधारा से निकाली जाती है बालू
बांदा
बालू खदान संचालकांे द्वारा पत्रकारांे के नाम पर बार कोड स्कैनर और गूगल पे पर लम्बी रकम भेजी जा रही है। जानकारी के अनुसार ऐसे लगभग एक दर्जन खदान संचालक जांच के घेरे में है। जिले में लगभग एक दर्जन से अधिक बालू खदान संचालित है जिनका खदान पट्टा आवंटित है।वेतरतीब खनन को लेकर गली चौराहों में जो चर्चा है उसमें यह सुनने को मिल रहा है कि ज्यादा तर खनन क्षेत्र मे नदी कि जल धारा के मध्य से पानी डूबे क्षेत्र से खनन कर मोरम निकाली जा रही है । जानकार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बालू खनन कर रहे खदान में संचालकों द्वारा एनजीटी पर्यावरण के मापदंड को नियम के नजर अंदाज करते हुये धडाधड़ बालू खनन करते हैं। बालू संचालकांे द्वारा पोकलेन, जेसीबी, पनडुब्बी जैसी बडी-बडी मशीनांे से बहती नदी की जलधारा के पानी के अन्दर से कई मीटर तक रात दिन खनन में लगे रहते हैं जिससे नदी में पल रहे तमाम जीव-जन्तुआंे की खनन से हत्या हो रही है। खदान संचालकांे द्वारा खदान पट्टा क्षेत्र से ही ओवरलोड बालू भरे ट्रक लादे जाते हैं जो गांव के अन्दर से होते हुये निकलते हैं जिससे गांव के रास्ते में तमाम छोटे-छोटे बच्चांे की जान का खतरा बना रहता है। सूत्र बताते हैं कि खदान में बालू खनन के इन्हीं अवैध कार्यांे को और नियमांे के उल्लंघन का प्रचार रोकने के लिये खदान संचालकांे द्वारा पत्रकारांे के नाम पर बार कोड स्कैनर गूगल-पे किया जाता है। बताते हैं कि खदान संचालक के यहां पहुंचकर तमाम लोग खनन क्षेत्र का वीडियो मोबाइल में बनाने लगते है और खुद को पत्रकार बताते हैं। इसीलिये कुछ खास आदमियांे को चुनकर पत्रकारांे के नाम पर खदान संचालक उनको बार कोड स्कैनर और गूगल-पे करके उनका मुंह बन्द करने का काम कर रहे हैं। इस मामले को लेकर कुछ खदान संचालकों से बात की गयी तो नाम न छापने की शर्त में बताया कि भीड को रोकने के लिये कुछ अपने खास आदमियांे को गूगल पे करके मुंह बन्द करने का काम किया जा रहा है। इनका साफ तोर पर कहाना है कि यदि वह ऐनजीटी और पर्यावरण का सतप्रतिशत पालन करता है तो पट्टे कि धन राशि निकालना मुश्किल पड़ रहा है इस लिए खनन को पुरा करने के लिए अधिकारियों की भी जी हुजूरी करनी पड़ती है। बार कोड स्कैनर और गूगल पे को लेकर जिले में तरह-तरह की चर्चायें हो रही हैं कि इन्ही पेमेन्ट के दम पर एनजीटी पर्यावरण बहती नदी की जलधारा और ओवरलोड बालू ट्रकांे को लोड करने का काम धडल्ले से चल रहा है। चर्चा है कि खदान संचालकांे द्वारा इसी तरह अधिकारियांे और पत्रकारांे को रिश्वतखोरी देकर खनन का काम धडल्ले से किया जा रहा है। सूत्रांे से जानकारी मिली है कि इस मामले को लेकर एक दर्जन से अधिक खदानें जांच के घेरे मंे है।
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