अब्दुल जब्बार
अयोध्या4मार्च24*बेमौसम बारिश ने ईंट भट्ठा संचालकों की तोड़ी कमर
ईटो के बढ़े दाम
भेलसर(अयोध्या)शनिवार की रात तथा रविवार को हुई बेमौसम बारिश ने क्षेत्र के ईंट भट्ठा संचालकों की कमर तोड़ दी है।इससे पहले भी कुछ दिन पूर्व हुई बारिश में ईंट भट्ठा मालिकों को काफी घाटा उठाना पड़ा था।ज्यादातर भट्टों पर पकने के लिए तैयार ईंटें पानी में गलकर खराब हो गईं।ईंट भट्ठा संचालक मोहम्मद इरफ़ान व हाजी सुहैल का कहना है कि बारिश के चलते 10 से 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ है जिससे ईट के दामों मे बढ़ोत्तरी होना स्वाभाविक है।कई स्थानों पर तो बारिश ने छोटे स्तर पर ईंट भट्ठे लगाने वालों को कहीं का नहीं छोड़ा है।भट्टा मालिक उमैर अहमद व शीजान खान ने बताया कि लाखों कच्ची ईंटें बारिश की भेंट चढ़ चुकी हैं।ईंट भट्ठों में तैयार कच्ची ईंट मिट्टी बन गई हैं।जिले के ईंट भट्ठा संचालकों ने उत्तर प्रदेश सरकार से नुकसान की भरपाई करने के लिए रॉयल्टी एवं टैक्स में छूट देने की गुहार लगाई है।
रुदौली ब्लाक क्षेत्र के हलीमनगर,कोपेपुर,दशरथमऊ,रहीमगंज,अख्तियारपुर,नरौली,नेवरा,मवई सहित दर्जनो ईंट भट्ठा संचालित हैं।ईंट भट्ठों में लाखों की संख्या में कच्ची ईटों को खुले में सूखने के लिए रखा गया था।सूखने के बाद उसे चेंबर / भट्टे में डालकर पकाया जाता है।बरसात के बाद इसी मौसम में नवंबर से जून तक कच्ची ईंटें तैयार होती हैं और पकाने के बाद उसकी बिक्री होती है। इसी बीच गत शनिवार की रात तथा रविवार को हुई भारी बारिश ने भट्टा मालिकों के किये कराये पर पानी फेर दिया है। ईट भट्ठा संचालकों की मानें तो मजदूरी मद में काफी राशि का भुगतान ईंट भट्ठा संचालकों को करना पड़ता है।ऐसे में ईंटों के नुकसान होने से नए सिरे से ईंट का निर्माण एवं मजदूरी भुगतान के लिए राशि की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है। मौसम की मार झेल रहे ईंट भट्ठा मालिकों को ईंट के व्यवसाय में लगातार घाटा झेलना पड़ रहा है जिससे इस बार ईट 16000 से 17000 तक बिक्री रेट होने की सम्भावना है क्यूकि सरकार से ईंट भट्ठा उद्योग को किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल रही है।यही नहीं व्यवसायी विभिन्न प्रकार के टैक्स लगाए जाने से भी परेशान हैं।जीएसटी, जिला पंचायत कर, प्रदूषण बोर्ड कर, रॉयल्टी और इनकम टैक्स के रूप में तमाम टैक्स देने पड़ रहे हैं। उसके बाद प्राकृतिक आपदा की मार भी झेलनी पड़ती है।इस वर्ष जब से पथाई का काम शुरू हुआ है तब से लगातार प्राकृतिक कोप का भाजन बनना पड़ा है।कभी लॉक डाउन के चलते ईट पथाई का काम प्रभावित हुआ तो बेमौसम हुई बारिश ने बहुत नुकसान पहुंचाया है।इस संबंध में GDI भट्टा मालिक मोहम्मद इरफ़ान का कहना है कि ईंट भट्ठा व्यवसायियों के हित में सरकार को सोचना चाहिए।टैक्स का सही निर्धारण न करके उनका शोषण किया जा रहा है।बारिश के कारण हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए रॉयल्टी एवं टैक्स में छूट दी जाए।इसी क्रम में ईंट भट्ठा संचालक हसीब उर रहमान व राम सजीवन तिवारी का कहना है कि पथाई कर रखी कच्ची ईंट गल जाने से लाखों का नुकसान हुआ है। कैसे कर्ज की भरपाई होगी समझ में नहीं आ रहा है।सड़वा के ईंट भट्ठा संचालक सत्य प्रकाश यादव व हलीमनगर के भट्टा मालिक अमन खान का कहना है कि नए सिरे से ईंट का निर्माण एवं मजदूरी भुगतान के लिए राशि की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है।
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