झांसी7अक्टूबर2024*ग्राम धायपुरा में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत पुराण की कथा।
मऊरानीपुर। मनुष्य को सबसे बड़ी औषधि मानसिक रोग तनाव, डिप्रेशन के अवसाद से दूर रहने की है। यह बात ग्राम पंचायत धायपुरा स्थित मरई माता मंदिर प्रांगण में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत पुराण कथा की वक्ता वाल व्यास प्रिंसी अरजरिया ने कही। उन्होंने कहा कि किसी भी जाति वर्ग का व्यक्ति हो जब तक वह आध्यात्मिकता से नहीं जुड़ेगा, ईश्वर की कथाओं को नहीं सुनेगा योग, भजन नहीं करेगा वह कभी भी भगवान से नहीं जुड़ सकता है और काम, क्रोध, मोह, लोभ माया, वासना, अहंकार, क्रोध से छुटकारा प्राप्त नहीं कर सकता। सुख शांति का सबसे बड़ा मार्ग पूर्वजों से और महापुरुषों से संत महात्माओं से नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक जीवन अध्यापन की कथाओं से सबसे बड़ा सुख शांति, रिद्धि-सिद्धि से मिलती और आत्मा को परम शांति श्रीमद्भागवत पुराण की कथा से ही प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि कथाओं के स्वरूप अलग-अलग धार्मिक ग्रंथो से मिलते रहते है जिसे पढ़ना सुना बहुत जरूरी है। इसके लिए संत तुलसीदास ने रामचरितमानस ग्रंथ में अद्भुत लिख दिया है। कि बिनु सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिन सुलभ न सोई।। वाल व्यास ने बताया कि विस्तार से लिखने की आवश्यकता नहीं है लेकिन फिर भी भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण को सीता के वियोग के बाद उनकी जिज्ञासा को पूर्ण करने उनके मन को तृष्णा ,संदेह दूर करने के लिए वह, फटकशिला पर बैठकर वेद पुराण शास्त्रों ज्ञान की कथाओं को सुना कर उनका भ्रम ,कष्ट दूर करते है। यजमान शिवानी कुलदीप साहू ने पुराण की आरती उतारी। कथा में वेद पाठी आचार्य रिंकू अरजरिया, बालमुकुंद महाराज, अंशुल पाठक, मृदुल अरजरिया, अजय गुप्ता, घनेद्र रावत, सोनू गुप्ता, निशेनद्र, आदर्श गुप्ता, बिक्की सेन, सोनू पाल, ओमप्रकाश पाल, प्रवीण कुशवाहा, अनिल सैन, नीरज यादव, मनीष साहू,घनेद्र यादव, अजय पाल, आलोक परिहार, रामजी खरे, चन्दन परिहार ,छोटू प्रजापति, धमेंद्र, मोहित पाल,गौरव सेन, अंकित, आंनद पाल,बीरु,उदेश, जितेन्द्र रोहित आदि उपस्थित रहे।
झाँसी से जिला संवाददाता सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी यूपी आजतक।
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