हरिद्वार रुड़की06सितम्बर24* पिछले चार माह में 120 मरीजों में पाया गया काला पीलिया हैपेटाइटिस-सी
अरशद हुसैन 9997204820, 8077032828
एंकर : देशभर में इस समय काला पीलिया यानी कि (HEPATITIS- C) हैपेटाइटिस-सी तेजी से फैल रहा है, जिस कारण रुड़की सिविल अस्पताल में पिछले चार माह में 120 मरीजों में काला पीलिया यानि कि हैपेटाइटिस-सी पाया गया है, वहीं इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सभी मरीजों को अस्पताल में हैपेटाइटिस-सी का इलाज मिल रहा है, वहीं रूड़की अस्पताल में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व अन्य जिलों के मरीज भी बड़ी संख्या में काला पीलिया का इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं, बताया गया है कि इस बीमारी की दवाई अगर निजी हॉस्पिटल या मेडिकल स्टोर से खरीदी जाए तो वह काफी मंहगी होती है, यही वजह है कि ज्यादातर मरीज सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक हैपेटाइटिस-सी (HEPATITIS- C) की बीमारी का इलाज अगर समय पर न कराया जाए तो यह बीमारी एक भयंकर मोड़ ले लेती है और मरीज का बचना मुश्किल हो जाता है, हालांकि इन दिनों हैपेटाइटिस-सी (HEPATITIS- C) के मरीजों में काफी संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत अन्य जगहों से भी रूड़की के सिविल अस्पताल में दवाई लेने के लिए मरीज पहुंच रहे हैं, वहीं इस भयंकर बीमारी को लेकर रुड़की सिविल अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस ऐ०के० मिश्रा ने बताया कि काला पीलिया यानि हैपेटाइटिस-सी (HEPATITIS- C) का नाम सुनकर हर कोई चौक जाता हैं, क्योंकि यह ऐसी गंभीर बीमारी हैं पहले अस्पतालों में इस बीमारी की दवाइयां नही मिल पाती थी, हालांकि अस्पताल में इस रोग की दवाइयां अभी भी मौजूद नहीं होती हैं, जब कोई मरीज दवाई लेने के लिए अस्पताल आता है तो पहले मरीज का रजिस्ट्रेशन होता है, जिसके बाद दवाई का कोर्स ऑर्डर पर मंगवाया जाता है और उसके तीन महीने बाद मरीज को दवाई दी जाती है, क्योंकि इस भयंकर बीमारी का तीन महीने का कोर्स होता है, कार्यवाहक सीएमएस ऐoकेo मिश्रा ने बताया कि काला पीलिया फैलने का कारण ब्लड ट्रान्ज्यूशन का कारण भी हो सकता है, साथ ही इसका इंफेक्शन इंजेक्शन की सिरींज में लगी सूई भी हो सकता है, उनका कहना है कि इस इंफेक्शन की वजह सेक्सवल कॉन्टेक्ट भी हो सकता है, उन्होंने बताया कि काला पीलिया यानि हैपेटाइटिस-सी का समय पर इलाज ना होने के कारण रोगी का लीवर खराब होने लगता है, रोग की अनदेखी करने पर बीमारी बड़ी लाइलाज रूप ले लेती है, यह एक तरह से लीवर का संक्रमण है लेकिन अस्पताल में इसका इलाज मिल रहा है, साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल में पिछले चार माह में 120 मरीज हैपेटाइटिस-सी के आए हैं, जोकि आसपास क्षेत्रों के साथ साथ अन्य जिलों से मरीजों के आने से इस बीमारी के रोगियों में इजाफा हुआ है।
बाइट– ऐ०के० मिश्रा (कार्यवाहक सीएमएस सिविल अस्पताल रूड़की)
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