July 8, 2025

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सुल्तानगंज13मई25* गंगा नदी में डूबने से हुई युवक की मौत, एक साल बाद भी पीड़ित परिवार को नहीं मिली आपदा राशि

सुल्तानगंज13मई25* गंगा नदी में डूबने से हुई युवक की मौत, एक साल बाद भी पीड़ित परिवार को नहीं मिली आपदा राशि

सुल्तानगंज13मई25* गंगा नदी में डूबने से हुई युवक की मौत, एक साल बाद भी पीड़ित परिवार को नहीं मिली आपदा राशि

**सुल्तानगंज (भागलपुर):** सुल्तानगंज प्रखंड क्षेत्र के इस्लामनगर निवासी सुलेमान के 18 वर्षीय पुत्र साहिल कुमार की पिछले साल 28 मई को गंगा नदी में स्नान करते समय डूबने से मौत हो गई थी. इस घटना के बाद मृतक के पिता सुलेमान ने एक महीने बाद अंचलाधिकारी को आपदा राहत राशि के लिए आवेदन दिया था. उन्होंने आवेदन के साथ सुलतानगंज थाने की एफआईआर कॉपी, मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतियां भी संलग्न की थीं. लेकिन, एक साल बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को कोई सहायता राशि नहीं मिली है, जिसके कारण सुलेमान लगातार अंचल कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. मंगलवार दोपहर लगभग 3 बजे मीडिया को जानकारी देते हुए सुलेमान ने बताया कि उनका पुत्र गंगा स्नान के दौरान डूब गया था, जिसके बाद प्रशासन ने आपदा राहत राशि देने का आश्वासन दिया था. उन्होंने कहा, “एक साल होने को है, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं मिला है. अंचल कार्यालय में कर्मचारी कहते हैं कि घर जाकर सो जाओ, हम कॉल करेंगे.” सुलेमान ने बताया कि वे लगातार अंचल कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहा है. उन्होंने कहा कि उनके तीन बेटे और एक बेटी है, जिनमें साहिल उनका पहला पुत्र था. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द आपदा राहत राशि प्रदान करने की मांग की है, ताकि उन्हें कुछ आर्थिक मदद मिल सके.इस मामले पर जनसंसद के संरक्षक अजीत कुमार ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही निराशाजनक है कि एक गरीब पिता को अपने बेटे की मृत्यु के बाद भी न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और सुलेमान को जल्द से जल्द सहायता राशि प्रदान करने की मांग की है। अजीत कुमार ने कहा कि अंचल कार्यालय दलालों का अड्डा बन गया है अगर इसका सुधार नहीं हुआ तो भागलपुर जिले में सिर्फ और सिर्फ अंचल कार्यालय से जुड़े मामलों में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। मैं जिलाधिकारी से मांग करता हूं कि इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए। यह घटना प्रशासन की संवेदनहीनता और गरीबों के प्रति उदासीनता को उजागर करती है। यह देखना दुखद है कि एक गरीब पिता अपने बेटे की मौत के बाद न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है और कोई उसकी सुनने वाला नहीं है। इस मामले में अंचलाधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका

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