October 15, 2025

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सागर30सितम्बर25*अविराज सिंह ने पुरव्याउ की देवी महिषासुर मर्दिनी के दर्शन किए, शिव तांडव स्त्रोत सुनाया*

सागर30सितम्बर25*अविराज सिंह ने पुरव्याउ की देवी महिषासुर मर्दिनी के दर्शन किए, शिव तांडव स्त्रोत सुनाया*

सागर30सितम्बर25*अविराज सिंह ने पुरव्याउ की देवी महिषासुर मर्दिनी के दर्शन किए, शिव तांडव स्त्रोत सुनाया*

सागर। युवा भाजपा नेता श्री अविराज सिंह ने श्री सार्वदेशिक दुर्गा महोत्सव समिति, पुरव्याऊ टोरी पर स्थित माँ महिषासुर मर्दिनी के दिव्य दर्शन किए एवं आरती में शामिल हुए। उन्होने श्रद्धालुओं को संबोधित किया तथा शिव तांडव स्त्रोत का पाठ सुनाया।
श्री अविराज सिंह ने कहा कि, यह महोत्सव अपने आप में अद्वितीय है, क्योंकि वर्ष 1905 से निरंतर चली आ रही 121 वर्षों पुरानी परंपरा आज भी भक्तिभाव और आस्था के साथ जीवित है। भक्तों के कंधों पर देवी दुर्गा की स्थापना इस महोत्सव की सबसे विशेष और अनुपम परंपरा है, जो माँ के प्रति अटूट श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह पावन आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति, आस्था और एकता का जीवंत उत्सव है।

श्री अविराज सिंह ने कहा कि मॉ शक्ति की साधना भगवान शिव की साधना है और भगवान शिव की साधना मॉ शक्ति की साधना है। मॉ शक्ति और भगवान शिव एक ही हैं। रामायण की यह कथा हम जानते हैं, कि रावण से युद्ध करने के पहले भगवान श्रीराम ने मॉ अम्बिका की पूजा अर्चना की थी। 108 नीले कमल के फूलों के साथ भगवान श्रीराम ने मॉ अम्बिका की पूजा अर्चना की थी और जब एक कमल का फूल कम पड़ गया तब भगवान श्रीराम के ध्यान में ये आया कि उनकी माता कौशल्या जी बचपन से उन्हे कमलनयन के नाम से पुकारती थीं। तब भगवान श्री राम ने अपनी एक आंख एक नयन से एक नीला नयन मॉ के चरणों में अर्पित किया तब मॉ अम्बिका प्रकट हुई । मॉ अंबिका ने भगवान श्रीराम को शक्ति प्रदान की की वो लंका के रावण से युद्ध कर सकें परन्तु मॉ अंबिका ने श्रीराम जी से कहा कि आप रावण पर तब तक विजय प्राप्त नहीं कर पायेंगे जब तक आप शिवजी की पूजा नहीं करेंगे।

उन्होने कहा कि, जिस भी प्रांगण में शिव तांडव स्त्रोत का पाठ होता है, लोग शिव तांडव स्त्रोत सुनते हैं , वहां सभी पर भगवान शिव की कृपा होती है । हमारे जीवन में समृद्धि आती है । हम जीवन में तरक्की करते हैं ,आगे बढ़ते हैं। यह बात युवा नेता अविराज सिंह ने पुरव्याउ टौरी के नव रात्रि महोत्सव में कही। उन्होंने कहा कि हमें ये समझना होगा कि रावण इतना शक्तिशाली कैसे बना। रावण इतना शक्तिशाली तब बना जब उसने शिव तांडव स्त्रोत का पाठ किया जब उसने शिवजी की भक्ति की जहां भी भगवान शिव की आप पर कृपा है, तो माता लक्ष्मी जी की भी कृपा आपके उपर है। भगवान शिव की कृपा यदि आपके उपर है, तो आप सभी संकटों से दूर हैं, सभी दुखों से दूर हैं, इसलिए आज आप सभी को शिव तांडव स्त्रोत सुनाना चाहता हूं।

कार्यक्रम में सार्वदेशिक दुर्गा महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्री रूपेन्द्र ठाकुर, पार्षद श्री अमन चौरसिया, श्री संतोष दुबे, श्री मनोज शुक्ला उपस्थित रहे।

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