वाराणसी20जनवरी*मीडिया सूचना साक्षरता और विकास बिषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का भव्य उद्घाटन ।
बीएचयू, वाराणसी ।
मीडिया सूचना साक्षरता और विकास विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ आज शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग में आयोजित किया गया। दस विश्वविद्यालयों के 45 शोध छात्र-छात्राओं एवं आचार्यों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।
मीडिया सूचना साक्षरता और विकास दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर विश्वविद्यालय कुलगुरू प्रोफेसर विजय कुमार शुक्ला व विशिष्ट अतिथि के तौर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार उपाध्याय उपस्थित रहे। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कला संकाय प्रमुख प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह व स्वागत उद्बोधन पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग विभागाध्यक्षा डॉ शोभना नेरलिकर ने किया और संचालन राष्ट्रीय सेमिनार संयोजक डॉ बाला लखेंद्र व धन्यवाद ज्ञापन डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्रा ने किया।
मीडिया सूचना साक्षरता दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि कुलगुरू प्रोफेसर विजय कुमार शुक्ला ने मीडिया सूचना साक्षरता के आयाम व सामाजिक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये तो हम सब जानते हैं कि पूरे संसार में घटी हुई विभिन्न घटनाओं की जानकारी हमें मीडिया के माध्यम से ही मिलती है। यदि ये जानकारी सकारात्मक रूप से पेश की जाती है तो समाज में ईमानदारी शांति, नैतिकता, सौहार्द कायम रह सकता है और यदि यही जानकारी नकारात्मक तरीके से पेश की जाती है तो समाज में भ्रष्टाचार लालच, भय, द्वेष, दुर्भावना, दंगे, असंतुलन और अव्यवस्था फ़ैल जाती है। इन सभी चीज़ों को देखते हुए मीडिया साक्षरता आज के समय में बहुत जरुरी है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर अनिल कुमार उपाध्याय ने मीडिया साक्षरता के अर्थ को समझाते हुए कहा कि बच्चों या लोगों को मीडिया के प्रति जागरूक बनाना और समाज में मीडिया के फैलते स्वरूप और बहुत बड़े स्तर पर उनके प्रभाव को देखते हुए उन्हें मीडिया के बारे में जागरूक करना ही मीडिया साक्षरता का मुख्य लक्ष्य है। किसी भी समाज के निर्माण व संचालन में सूचनाओं का अहम योगदान होता है और इन सूचनाओं को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में मीडिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उद्घाटन सत्र के बाद राष्ट्रीय सेमिनार में उपस्थित विभिन्न विश्वविद्यालय के शोधार्थियों व आचार्य द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किया गए। शोधपत्र प्रस्तुति के दौरान मीडिया सूचना साक्षरता और उसके विकास विषय पर उपस्थित श्रोता समूह को विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई। साथ ही मीडिया साक्षरता का अर्थ सिर्फ अखबार, रेडियो और टेलीविज़न का प्रशिक्षण देने से नहीं है बल्कि लोगों को मीडिया के प्रति जागरूक बनाने पर जोर दिया गया।
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