लखनऊ3जुलाई25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर लखनऊ की कुछ महत्वपूर्ण खबरें
[03/07, 9:45 pm] +91 81888 99938: *प्रदेश के इकॉनमिक ग्रोथ के बैकबोन हैं एक्सप्रेसवे : योगी आदित्यनाथ*
*- उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रांति, सीएम योगी ने की 26 जिलों में 27 इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर की शुरुआत*
*- यूपी में एक साथ 5 एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 13,240 एकड़ से अधिक क्षेत्र में स्थापित होगी आईएमएलसी*
*- आईएमएलसी की लांचिंग को मुख्यमंत्री ने बताया प्रधानमंत्री के सपने का साकार होना*
*- देश के लिए भी रोल मॉडल बनेगा आईएमएलसी : मुख्यमंत्री*
*- डबल इंजन सरकार ने बीते 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश को ‘एक्सप्रेसवे प्रदेश’ के रूप में स्थापित किया : योगी आदित्यनाथ*
*- निवेश के लिए सुरक्षा, लैंडबैंक और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर होती है पहली शर्त : सीएम योगी*
*- 27 क्लस्टर्स में मैन्युफैक्चरिंग व लॉजिस्टिक्स इकाइयां होंगी स्थापित, विकास के साथ ही रोजगार सृजन का बनेगा माध्यम*
*- प्रदेश में एक्सप्रेसवेज के किनारे हो रहा है आईएमएलसी का निर्माण व विकास*
*- उत्तर प्रदेश को देश के औद्योगिक पावरहाउस के रूप में स्थापित करेगा आईएमएलसी*
*- यूपीडा द्वारा धरातल पर उतारी जा रही आईएमएलसी परियोजना*
*लखनऊ, 3 जुलाई।* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास से प्रदेश के 26 जिलों में 27 इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर (आईएमएलसी) की ऐतिहासिक शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश में संचालित और निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा भी की। मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेसवे को प्रदेश की इकॉनमिक ग्रोथ का बैकबोन बताते हुए कहा कि यह पहली बार है जब यूपी में एक साथ 5 एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 13,240 एकड़ से अधिक क्षेत्र में आईएमएलसी की स्थापना हो रही है।
*साकार हो रहा प्रधानमंत्री का विजन*
मुख्यमंत्री ने इस लॉन्चिंग को प्रसन्नता का क्षण बताते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन का हिस्सा बताया, जिसमें उत्तर प्रदेश को देश के औद्योगिक विकास का केंद्र बनाना है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार ने बीते 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश को ‘एक्सप्रेसवे प्रदेश’ के रूप में स्थापित किया है। यही कारण है कि आज यूपी निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के सभी 6 नोड भी एक्सप्रेसवे के किनारे ही विकसित किए जा रहे हैं।
*नये भारत का नया उत्तर प्रदेश*
मुख्यमंत्री ने आईएमएलसी को नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की तस्वीर बताया। उन्होंने कहा कि निवेश के लिए सुरक्षा, लैंडबैंक और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर पहली शर्त होती है और उत्तर प्रदेश ने इन सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के उद्घाटन का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने स्वयं इस पर सफर किया, जो तेज रफ्तार के साथ-साथ आरामदायक भी था। सीएम ने कहा कि जिस उत्तर प्रदेश को कभी पिछड़ा माना जाता था, जहां निवेशक आने से हिचकते थे, वहां आज आईएमएलसी के रूप में एक बड़ा सपना साकार हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उद्योगों और फैक्ट्रियों को हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल रूप में विकसित करना होगा, ताकि स्थान का अधिकतम उपयोग हो सके।
*देश के लिए रोल मॉडल बनेगा आईएमएलसी*
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएमएलसी पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों की धारणा बदलेगी, बल्कि वैश्विक निवेश और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आईएमएलसी के निर्माण में मैनपावर की कोई कमी न हो और निवेशकों की भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जाए।
*एक्सप्रेसवे और पर्यावरण का संतुलन का दिया मंत्र*
कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को निर्माणाधीन और गतिशील एक्सप्रेसवे की प्रगति की जानकारी दी। मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे की समीक्षा के दौरान सीएम ने सुझाव दिया कि इसका अलाइनमेंट शुक तीर्थ से भी जोड़ा जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि एक्सप्रेसवे निर्माण में वन क्षेत्र को न्यूनतम नुकसान हो। मुख्य सचिव ने बताया कि एक्सप्रेसवे के किनारे आईएमएलसी के विकास से उत्तर प्रदेश में वैश्विक निवेश को और बल मिलेगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
*बॉक्स 1*
*डिफेंस कॉरीडोर के अंतर्गत जारी कार्यों की भी ली जानकारी*
सीएम योगी ने आईएमएलसी के लॉन्चिंग इवेंट के दौरान प्रदेश के विभिन्न एक्सप्रेसवे किनारे विकसित किए जा रहे डिफेंस कॉरीडोर्स पर भी जारी कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर (यूपीडीआईसी) योजना के अंतर्गत प्रदेश में 6 जिलों में कुल 5,184 एकड़ क्षेत्रफल में डिफेंस नोड्स को स्थापित किया जा रहा है। इसमें से 5017 एकड़ क्षेत्रफल प्राधिकरण द्वारा अर्जित किया जा चुका है जबकि 167 एकड़ का अधिग्रहण बाकी है। जिन जिलों में डिफेंस नोड के अंतर्गत कार्य हो रहा है उनमें चित्रकूट, झांसी, कानपुर, अलीगढ़, लखनऊ व आगरा मुख्य हैं। यहां पहले ही ब्रह्मोस, भारत डायनामिक्स, अडानी डिफेंस व एयरोस्पेस, आधुनिक मटीरियल साइंस प्राइवेट लिमिटेड, डीप एक्सप्लो, एरोलॉय टेक्नोलॉजी व टाटा टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियां कार्यरत हैं।
*बॉक्स 2*
*आईएमएलसी से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य…*
* प्रदेश में 5 एक्सप्रेसवे के किनारे 27 क्लस्टर्स के रूप में कुल 13,240 एकड़ में इंडस्ट्रियल नोड्स की स्थापना होगी।
* इसमें से 9,864 एकड़ क्षेत्र को पहले ही प्राधिकरण द्वारा अर्जित किया जा चुका है जबकि 3376 एकड़ क्षेत्र की अधिग्रहण की कार्रवाई को भी जल्द पूरा किया जाएगा।
* इन सभी नोड्स में क्षेत्रफल के लिहाज से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे वाला नोड सबसे बड़ा है, गंगा एक्सप्रेसवे वाला नोड सबसे ज्यादा जिलों में विस्तृत है जबकि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे नोड सबसे छोटा है (क्षेत्रफल और जिलों के आधार पर)।
* वहीं, यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर (यूपीडीआईसी) 6 जिलों में 5,184 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित किया जा रहा है। इसमें से 5017 एकड़ क्षेत्रफल प्राधिकरण द्वारा अर्जित किया जा चुका है जबकि 167 एकड़ का अधिग्रहण बाकी है।
* बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के समीप 6 जिलों में कुल 4723 एकड़ क्षेत्र में आईएमएलसी की स्थापना होगी जिसमें से प्राधिकरण द्वारा 3,873 एकड़ क्षेत्र अधिग्रहित कर लिया गया है।
* बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर जालौन में स्थापित होने वाला आईएमएलसी क्लस्टर क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा होगा जो कि 1677 एकड़ में फैला होगा। इसी प्रकार, बांदा नोड 1426, चित्रकूट नोड 765, औरैया नोड 324, महोबा नोड 272 तथा हमीरपुर नोड 259 एकड़ में विस्तारित होगा।
* सबसे ज्यादा जिलों में प्रसार के लिहाज से गंगा एक्सप्रेसवे के समीप बनने वाले आईएमएलसी नोड्स होंगे। 11 जिलों में कुल मिलाकर 3707 एकड़ में नोड्स की स्थापना होगी। इसमें से 2673 एकड़ क्षेत्र को प्राधिकरण द्वारा अधिकृत कर लिया गया है।
* गंगा एक्सप्रेसवे नोट पर निर्माणाधीन क्लस्टर के अंतर्गत संभल में 591, मेरठ में 529, उन्नाव में 333, हरदोई में 335, बदायूं में 269, शाहजहांपुर में 252, अमरोहा में 348, प्रतापगढ़ में 263, रायबरेली में 232, हापुड़ में 304 तथा प्रयागराज में 251 एकड़ क्षेत्र में नोड्स की स्थापना होगी।
* गोरखरपुर लिंक एक्सप्रेसवे के अंतर्गत मात्र 2 जिलों में 514 एकड़ क्षेत्र में नोड्स की स्थापना होगी। इसमें से गोरखपुर में 361 तथा अंबेडकरनगर में 153 एकड़ क्षेत्र में नोड्स का निर्माण होगा। अंबेडकरनगर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतर्गत भी 609 एकड़ क्षेत्र में नोड का निर्माण होगा।
* पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के समीप 5 क्लस्टर नोड्स का निर्माण होगा जिसका कुल क्षेत्रफल 3383 एकड़ होगा। इसके अंतर्गत बाराबंकी में 811, अमेठी में 570, सुल्तानपुर में 1026, अंबेडकरनगर में 609 तथा गाजीपुर में 367 एकड़ क्षेत्र में नोड्स का निर्माण होगा। यहां कुल 2230 एकड़ क्षेत्र अर्जित किया जा चुका है।
* इसी प्रकार, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर किल 913 एकड़ क्षेत्र में तीन नोड्स की स्थापना होगी। इसमें फिरोजाबाद में 344, इटावा में 217 तथा कन्नौज में 352 एकड़ क्षेत्र में नोड्स की स्थापना होगी।
*बॉक्स 3*
*निवेशकों को मिलेंगी यह सुविधाएं…*
आईएमएलसी के अंतर्गत निवेशकों को आकर्षक भू-दरों पर भूखंड, लॉजिस्टिक्स की विशेष सुविधाएं, सुगम कनेक्टिविटी, सुविधाजनक सड़क, रेल व हवाई कनेक्टिविटी, समर्पित बुनियादी सुविधाएं, पारदर्शी भू-आवंटन प्रक्रिया तथा अनुकूल औद्योगिक वातावरण व श्रम श्रक्ति उपलब्धता जैसी सुविधाएं मिलेंगी। उन्हें टेलर मेड भूखंड आवंटन, नोड विशेष पर बल्क भूमि आवंटन के लिए अभिरुचि तथा विकासकर्ता के रूप में उन्हें पीपीपी मॉडल पर इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने की सुविधाएं मिलेंगी
[03/07, 9:45 pm] +91 81888 99938: *आउटसोर्सिंग कार्मिकों के लिए ऐतिहासिक कदम, यूपी में बनेगा ‘आउटसोर्स सेवा निगम’*
*मुख्यमंत्री योगी का बड़ा फैसला: श्रमिकों को मिलेगा समय पर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और सम्मान*
*हर माह 5 तारीख तक वेतन भुगतान और ईपीएफ-ईएसआई की समयबद्ध जमा अनिवार्य*
*मुख्यमंत्री के निर्देश पर ‘UPCOS’ करेगा पारदर्शी चयन और एजेंसियों की सख्त निगरानी*
*एससी/एसटी, ओबीसी, महिलाओं, दिव्यांगों, पूर्व सैनिकों को मिलेगा आरक्षण; परित्यक्ता और निराश्रितों को भी प्राथमिकता*
*तीन साल के लिए जेम पोर्टल से होगा एजेंसी चयन, वर्तमान कार्मिकों को मिलेगा अनुभव का वेटेज*
*आउटसोर्सिंग एजेंसियों की मनमानी पर लगेगा अंकुश, नियम उल्लंघन पर ब्लैकलिस्टिंग और दंड*
*निगम से आएगा लाखों श्रमिकों के जीवन में स्थायित्व, भरोसा और पारदर्शिता*
*लखनऊ, 03 जुलाई:*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS)” के गठन को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निगम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व और भरोसा सुनिश्चित करेगा।
गुरुवार को सम्पन्न उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित निगम की कार्यप्रणाली, संरचना और दायरे पर विस्तृत विचार-विमर्श करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार श्रमिकों के श्रम, सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित है और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के सामाजिक व आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन विकेन्द्रीकृत तरीके से होता है, जिसके कारण समय पर वेतन न मिलना, वेतन में कटौती, ईपीएफ/ईएसआई लाभों से वंचित रहना, पारदर्शिता की कमी और उत्पीड़न जैसी अनेक शिकायतें मिलती हैं। इस परिप्रेक्ष्य में संपूर्ण व्यवस्था में व्यापक सुधार आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रस्तावित निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाए। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक “बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स” और एक महानिदेशक की नियुक्ति की जाएगी। मंडल व जिला स्तर पर भी समितियों का गठन किया जाएगा। एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम तीन वर्षों के लिए किया जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्तमान कार्यरत कार्मिकों की सेवाएं बाधित न हों और चयन प्रक्रिया में उन्हें अनुभव के आधार पर वेटेज मिले।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि सभी आउटसोर्सिंग कार्मिकों का पारिश्रमिक प्रत्येक माह की 05 तारीख तक सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाए तथा ईपीएफ और ईएसआई की रकम समय से जमा हो। साथ ही ईपीएफ, ईएसआईसी तथा बैंकों से अनुमन्य सभी लाभ भी कर्मचारियों को प्रदान किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि निगम को रेगुलेटरी बॉडी की भूमिका में रखा जाए जो एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निगरानी करे और नियमों के उल्लंघन पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबारमेंट, पेनाल्टी एवं वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करे।
प्रस्तावित निगम द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, महिला, दिव्यांगजन और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण प्रावधानों का पूर्णतः पालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निराश्रित, तलाकशुदा व परित्यक्ता महिलाओं को भी प्राथमिकता देने की बात कही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि नियमित पदों के विरुद्ध कोई भी आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाए। चयन के बाद कोई भी कार्मिक तब तक सेवा से मुक्त न किया जाए, जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम प्रदेश की प्रशासनिक प्रणाली में एक नई पारदर्शिता और जवाबदेही का अध्याय जोड़ेगा। इससे न केवल राज्य के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मियों को लाभ मिलेगा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी।
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