लखनऊ 22 सितंबर*अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का आकस्मिक रूप से ब्रह्मलीन होना वास्तविक स्थिति पर प्रश्न चिन्ह लगाता है
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मसूद अहमद ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का आकस्मिक रूप से ब्रह्मलीन होना वास्तविक स्थिति पर प्रश्न चिन्ह लगाता है l साथ ही साथ पुलिस प्रशासन द्वारा आत्महत्या का प्रमाण पत्र देना भी संदेह के घेरे में हैं क्यों कि जो महंत जी हस्ताक्षर तक नहीं करते थे उनके द्वारा कई पेज का सुसाइड नोट बरामद होना भी संदेह के घेरे को और मजबूत करता है l उन्होंने कहा कि जहां पर महंत जी को आत्महत्या करते दिखाया गया है वहां स्टूल तक नहीं है फिर कैसे उन्होंने सुसाइड किया और इतना ही नहीं महंत जी को वाई श्रेणी की सुरक्षा भी प्रदान थी वह सुरक्षाकर्मी भी उस दुखद घटना के दौरान कहा थे l
डॉ अहमद ने कहा कि प्रदेश के भाजपा शासन मे संत महंत भी सुरक्षित नहीं है जबकि इन्हीं के आशीर्वाद और अथक प्रयास से भाजपा सत्तासीन हुयी l महिला सुरक्षा, लूट डकैती, बलात्कार जैसी घटना इस शासन मे पहले ही कानून व्यवस्था का मज़ाक उड़ाती रही है वास्तविकता यह है सरकार संत महंतो की रक्षा नहीं कर सकती तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी दी जा सकती है l मुख्यमंत्री द्वारा SIT की जांच घोषित करना संतोषजनक नहीं है क्यों कि सम्पूर्ण पुलिस प्रशासन मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार ही कार्य करेगा l
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की कि अखाड़ा परिषद के महंत की मृत्यु का असली कारण जानने के लिए माननीय उच्च न्यायालय के किसी कार्यरत न्याय मूर्ति के द्वारा जाँच करायी जाय ताकि गुनाहगारों को भरपूर सजा का प्राविधान हो सके l उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री सरकार गठन से लेकर अब तक केवल मन्दिर – मस्जिद,शमशान- कब्रिस्तान और भारत- पाकिस्तान के साथ – साथ मुख्य रूप से हिन्दू- मुस्लिम भेदभाव स्थापित करने मे अग्रणी भूमिका निभाते रहे है यही कारण है कि प्रदेश में सिर्फ कानून बचा है व्यवस्था समाप्त हो चुकी है l
(सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी)
प्रदेश प्रवक्ता
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