May 20, 2024

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रायबरेली 02 अगस्त *कानपुर विश्वविद्यालय की गलती से हजारों छात्रों के पर्यावरण का छूटा पेपर

रायबरेली 02 अगस्त *कानपुर विश्वविद्यालय की गलती से हजारों छात्रों के पर्यावरण का छूटा पेपर

रायबरेली 02 अगस्त *कानपुर विश्वविद्यालय की गलती से हजारों छात्रों के पर्यावरण का छूटा पेपर

महराजगंज/रायबरेली: छत्रपति साहू जी विश्वविद्यालय कानपुर की दोषपूर्ण कार्यप्रणाली के चलते स्नातक तृतीय वर्ष के हजारों बच्चों का पर्यावरण की परीक्षा में छात्र-छात्राएं शामिल नहीं हो सकी। जिससे अभिभावकों में भारी रोष व्याप्त है। अभिभावकों ने प्रदेश के कुलाधिपति राज्यपाल से मामले की जांच करा कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने तथा परीक्षा देने से वंचित रह गए छात्र छात्राओं को इस विषय की परीक्षा फिर से कराने की मांग की है।
आपको बता दें कि, विश्वविद्यालय से संबंध श्रीमती राजरानी अग्निहोत्री डिग्री कॉलेज सेमरौता में पढ़ रहे b.a. तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं में छात्राओं का सेंटर राजीव गांधी विद्यापीठ महाविद्यालय तिलोई अमेठी किया गया था, जबकि छात्रों का सेंटर महराजगंज के अंबेडकर बालिका महाविद्यालय में किया गया था। दोनों स्थानों पर पूरी परीक्षाएं संचालित हो रही थी। छात्रों का अंतिम पेपर विगत 23 जुलाई 2021 को हो गया था, जबकि छात्राओं का अंतिम पेपर 29 जुलाई 2021 को हुआ। पर्यावरण विषय की परीक्षा दोनों विद्यालयों में 1 अगस्त 2021 दिन रविवार को दोपहर 2:00 बजे से होने की जानकारी पहले से तय थी। इसलिए परीक्षार्थी नियत समय पर परीक्षा देने के लिए तैयार बैठे थे।
मऊ गांव के रहने वाले छात्र रजनीकांत अवस्थी जिनका परीक्षा केंद्र अंबेडकर बालिका महाविद्यालय महराजगंज में था, अचानक दिन में 10:00 बजे राजरानी अग्निहोत्री महाविद्यालय के लिपिक का फोन आया कि, आपकी परीक्षा छूट गई है। आप निर्धारित 8:00 बजे परीक्षा केंद्र पर क्यों नहीं पहुंचे। इस पर छात्र रजनीकांत अवस्थी चकित रह गया, और उसने जवाब दिया कि, परीक्षा तो 2:00 बजे से होनी है। तब लिपिक ने बताया कि, कल ही विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा का समय बदलकर दिन में 2:00 बजे से सुबह 8:00 बजे कर दिया गया था।
इसी प्रकार छात्रा प्रिया अवस्थी का कहना है कि, उनका b.a. थर्ड ईयर का पेपर 29 तारीख को संपन्न हुआ था, आज ही उनकी भी पर्यावरण विषय की परीक्षा राजीव गांधी विद्यापीठ महाविद्यालय तिलोई अमेठी में होना था। वह जब 12:00 बजे अपने घर से परीक्षा केंद्र रवाना होने को तैयार हुई, तो उन्हें भी बताया गया कि, यह परीक्षा तो 8:00 ही संपन्न हो चुकी है। इसी प्रकार दोनों परीक्षा केंद्रों पर सैकड़ों छात्रों के साथ भी यह समस्या उत्पन्न हुई, और छात्र-छात्राएं परीक्षा देने से वंचित रह गई।
गौरतलब हो कि, न तो विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा का समय बदलने की सूचना सार्वजनिक की गई, और न मीडिया में प्रकाशित कराई गई, ना ही छात्र छात्राओं के विद्यालयों द्वारा समय से पहले उन्हें अवगत कराया गया, ना ही केंद्र व्यवस्थापकों ने छात्र छात्राओं को समय परिवर्तित होने की सूचना ही दी। इससे छात्र-छात्राएं परीक्षा देने से वंचित रह गए।
इस बारे में हमारे संवाददाता ने राजीव गांधी महाविद्यालय विद्यापीठ तिलोई अमेठी और श्रीमती राजरानी अग्निहोत्री महाविद्यालय सेमरौता तथा अंबेडकर बालिका महाविद्यालय महराजगंज के प्रबंधक के फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो मात्र श्रीमती राजरानी अग्निहोत्री महाविद्यालय के प्रबंधक और अंबेडकर बालिका महाविद्यालय महराजगंज के प्रबंधक ही फोन पर मौजूद मिले। सेमरौता के प्रबंधक ने बताया कि, यह जिम्मेदारी परीक्षा केंद्र व्यवस्थापको की थी, उन्हें ही छात्र छात्राओं को सूचित करना था। जबकि अंबेडकर बालिका महाविद्यालय महराजगंज के प्रबंधक ने बताया कि, उनके विद्यालय द्वारा 24 तारीख को ही विद्यालय के गेट पर परीक्षा के समय बदलने की जानकारी चस्पा कर दी गई थी, बावजूद अगर उनके विद्यालय द्वारा यह दोषपूर्ण गलती की गई है, तो वह संबंधित के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही करेंगे। शेष राजीव गांधी विद्यापीठ महाविद्यालय तिलोई अमेठी के प्रबंधक ने दर्जनों बार फोन मिलाने के बावजूद फोन उठाना मुनासिफ नहीं समझा। छात्र छात्राओं के अभिभावकों ने केंद्र व्यवस्थापकों पर गहरा रोष जताया है, और प्रदेश के कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मांग की है कि, शीध्राति शीध्र गलती की जांच काराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। इसके अलावा परीक्षा देने से वंचित रह गए छात्र छात्राओं के लिए पर्यावरण विषय की परीक्षा के लिए तिथि निर्धारित करते हुए उन्हें पूर्व से सूचित कराया जाए।

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