मथुरा3अगस्त24* नौहझील पुलिस 7 माह की गर्भवती महिला को नही दिला पा रही न्याय*
मथुरा से रिपोर्ट कु0 सोनम यूपीआजतक
प्रदेश के मुखिया आए दिन लंबे लंब भाषण जारी कर प्रदेश मै न्याय की गारंटी की बात करते दिखाई देते है, आगरा एडीजी द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी लम्बे समय से अभियान भी चला रखा है हर थाना चौकी एडीजी आगरा के आदेश का पालन करने मै लगा भी है पर कही ना कही मथुरा पुलिस अपनी जिम्मेदारी मै कमी छोड़ कर जनता को बोलने पर मजबूर कर रही है एक 7 माह की गर्भवती महिला अपने लिए न्याय की गुहार लगाने को मजबूर हो दर दर भटक रही है आपको बताते चलें कि मथुरा जनपद के नौहझील थाना अंतर्गत आने वाले अड्डा वघर्रा की रहने वाली लक्ष्मी को पति सहित ससुराल वालों ने मारपीट कर गर्भावस्था में घर से निकाल दिया पीड़िता द्वारा थाना नौहझील मै अपनी तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई। जिस इलाका पुलिस का कार्य पीड़िता को न्याय दिलाने का था उस थाना प्रभारी ने पीड़िता की अवस्था का ख्याल ना किया और न्याय दिलाना तो दूर उससे घटना के बारे मैं भी कोई हाल चाल नही लिया। न्याय की उम्मीद लगाए बैठी पीड़िता द्वारा जव थाने से न्याय की उम्मीद न देखी तो मथुरा पुलिस कप्तान को भी जाकर अपना दुखड़ा लिखित प्रार्थना पत्र के माध्यम से सुनाया पर न्याय के लिए भटकने वाली पीड़िता की अवस्था पर पुलिस कप्तान को भी तरस नहीं आया और मामले मै उचित कार्यवाही का दिलासा देकर टहला दिया। पीड़िता न्याय की उम्मीद त्याग अपने भाग्य को कोसने पर मजबूर है। पीड़िता द्वारा अपने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि उसकी शादी 29/06/2020 को बढ़े धूमधाम से हिंदुरिति अनुसार चेतराम पुत्र सीताराम निवासी बघर्रा नौहझील के साथ हुई पिता द्वारा अपनी पुत्री को हद से ज्यादा दान दहेज देकर इस उम्मीद के साथ बिदा किया कि बेटी का व्यावहिक जीवन मंगलमय बीते पर पीड़िता ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि दहेज के लालची ससुराल वालों ने उसके साथ आए दिन मारपीट करना चालू कर दिया लोकलाज के भय से वह इन जालिमों के जुल्म को सहती रही कई बार घर से निकाल दिया गया पर समाज और पंचों के समझाने पर उसे ससुराल वापस भेज दिया गया जालिमों के जुल्म की इंतहा तव और बढ़ गई जव वह गर्भवती हुई और ससुराल वालों ने उस परिस्थिति मै भी अपना जुल्म बंद नहीं किया और मारपीट कर घर से निकाल दिया पीड़िता द्वारा ससुराली जनों पर और दहेज मांगने का आरोप लगाया है। न्याय की गारंटी की वात करने वाले पुलिस प्रशासन को महिला के मामले मै उचित कार्यवाही कर अपने ऊपर उठने वाले सवालों को खत्म करना चाहिए मामले मै जांच कर उचित कार्यवाही कर नौहझील पुलिस को एक कड़ा संदेश देकर समाज में इस तरह के अपराध पर अंकुश लगाने की पहल करनी चाहिए। इस मामले में नौहझील थाना प्रभारी से वार्ता कर मामले मै कार्यवाही की बात की गई जिस पर थाना प्रभारी द्वारा यह कहकर मामले को टालने वाला रवैया अपनाया कि मामला जव सीओ साहब के पास है तो उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही होगी सोचने वाली बात है कि थाना प्रभारी अपना कार्य समय रहते करते तो मामला उच्च अधिकारियों तक जाता ही क्यों जब थाने चौकी अपना काम सही तरीके से नही कर पाते इसी लिए उच्च अधिकारियों को जनता दरबार लगाना पड़ता है। अगर उच्च अधिकारियों को ही कार्य करना है तो थाना चौकी किस लिए सरकार ने खोल कर रखे है।
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