मऊरानीपुर । शुक्रवार को क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में मौनियां नृत्य का आयोजन किया गया। जिसमें जानकारों ने बताया गया कि पारंपरिक लोकनृत्य के रूप में बुंदेलखंड में विख्यात मौनियां नृत्य का इतिहास बहुत पुराना है जो पूरी तरह से कृष्ण भक्ति को समर्पित होने के साथ प्रकृति एवं गोवंश के प्रति संरक्षण का संदेश देने वाला है। इससे पहले नृत्य करने वाले मौनियां बिना कुछ खाए और कुछ बोले पैदल नाचते गाते चलते रहते है। उनका यह दिन गोवर्धन, अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह पावन पर्व दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के रूप में होता है। वही दीपावली पर्व की जितनी भव्य तैयारीयां पूरे जोर शोर से होती है उसी तरह बुंदेलखंड में दीपावली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा का भी महत्व है। लोगों का कहना है कि बुंदेलखंड में राजा बलि और भगवान विष्णु के बावन अवतार से भी दिवारी लोकनृत्य की कथाएं जुड़ी हुई है। बुंदेलखंड में दीपावली के बाद होने वाले मौनियां नृत्य की धूम चल रही है यही बुंदेलखंड की प्राचीन परंपरा को जीवित रखने के लिए मोनिया नृत्य की टीमें में छोटे-छोटे बच्चे से लेकर बड़े लोग आकर्षण का केंद्र बने रहे।
मऊरानीपुर । क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में हषोल्लास के साथ मनाया गया भाई दूज का त्योहार।जिसने बहनों ने भाइयों को मंगल तिलक लगाकर मिठाई के साथ श्रीफल देकर दिया। भाईयों ने बहनों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और ईश्वर से प्रार्थना कर इसी तरह से भाई बहन के बीच स्नेह बना रहे। इसी क्रम में शनिवार को ग्राम खिलारा में भाईदूज के त्योहार पर बहनों ने भाइयों को रोली का तिलक लगाकर मिठाई खिलाई तथा बहिन के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। पांच दिनों तक चले दीपावली के पावन पर्व का समापन भाई दूज के त्यौहार के साथ संपन्न हुआ। इससे पहले दीपावली का पावन पर्व क्षेत्र के ग्रामों में उल्लास के साथ मनाया गया।
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