भागलपुर26मई2024* विश्वविद्यालय के आदेश की आलोचना करना दुर्भाग्यपूर्ण : कुलपति।
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा है की कुछ लोग विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत आदेश की सरेआम सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से आलोचना कर रहे हैं, जो काफी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय नियम और परिनियम से चलता है। नियमों से कतई समझौता नहीं किया जा सकता है। प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। वे किसी भी सूरत में विश्वविद्यालय के अनुशासन को खराब नहीं होने देंगे। यदि कोई लोग ऐसा करते हैं या ऐसा सोचते हैं तो ये काफी दुखद है।
उन्होंने कहा की गत दिनों उनके निर्देश पर कुलसचिव द्वारा जारी एक पत्र जिसमें विश्वविद्यालय में अपने संस्थान प्रमुख से अनुमति लेकर ही आने संबंधी आदेश पर कुछ लोग गलत बयानी कर रहे हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। इस तरह का आदेश विश्वविद्यालय को अनुशासित ढंग से चलाने के लिए ही निकाला गया है। हालांकि उन्होंने कहा की रिटायर्ड शिक्षक व कर्मी अथवा वैसे लोग जो जरूरी काम से विश्वविद्यालय आते हैं उनके लिए किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। ऐसे लोग बेहिचक अपनी समस्या विश्वविद्यालय प्रशासन को बताएं। उनके समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा की कार्यावधि में विश्वविद्यालय आने के लिए शिक्षकों और कर्मियों को अपने संस्था प्रमुख से अनुमति लेना जरूरी है। कई महाविद्यालयों के औचक निरीक्षण के क्रम में यह बात सामने आई है की कतिपय शिक्षक और कर्मी बिना किसी सूचना के कार्य स्थल से गायब पाए गए हैं। जो काफी खेदजनक है। बिना उपयुक्त अनुमति के गायब रहने वाले शिक्षकों और कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
कुलपति ने कहा की विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों में बेवजह दखल देना नियमानुकूल नहीं है। वीसी ने कहा की शिक्षकों और कर्मियों के हितों की रक्षा करना विश्विविद्यालय का काम है और यह काम टीएमबीयू प्रशासन बखूबी कर भी रही है। पेंशनरों की समस्याओं का समाधान तीव्रता के साथ की जा रही है। यदि किसी को कोई परेशानी है तो वे बेहिचक उन्हें बताएं। समस्या का समाधान किया जाएगा।
[26/05, 9:41 pm] Shailu Bhagalpur: आठ छात्र अभी भी हॉस्टल में रह रहे हैं अवैध रूप से, खाली कराने के लिए कवायद शुरू।
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के डीएसडब्लू प्रो. योगेंद्र ने बताया की विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित पीजी पुरुष छात्रावासों में अब मात्र आठ अवैध छात्र ही रह गए हैं। इन अवैध छात्रों को भी हॉस्टल खाली करने के लिए नोटिस भेजी जा रही है। उन्होंने बताया की रिसर्च हॉस्टल में चार और हॉस्टल नंबर एक में भी चार छात्र अवैध रूप से रह रहे हैं।
इन अवैध छात्रों को भी खाली करवाने की कार्रवाई की जा रही है।

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