June 29, 2025

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भागलपुर10मई23*यूपीआजतक न्यूज़ चैनल पर भागलपुर की खास खबरें

भागलपुर10मई23*यूपीआजतक न्यूज़ चैनल पर भागलपुर की खास खबरें

भागलपुर10मई23*यूपीआजतक न्यूज़ चैनल पर भागलपुर की खास खबरें

[09/05, 10:26 pm] +91 90654 97869: भागलपुर में अपराधियों ने मवेशी बेचने वाली महिला की चाकू मारकर की हत्या

भागलपुर में बेलगाम अपराधियों ने मवेशी बेचने वाली एक महिला की चाक़ू मार कर हत्या कर दिया। घटना मुजाहिदपुर थाना क्षेत्र के लोहिया पुल के पास की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अज्ञात अपराधियों ने चाक़ू से महिला के ऊपर प्रहार किया है।भागलपुर में बेलगाम अपराधियों ने मवेशी बेचने वाली एक महिला की चाक़ू मार कर हत्या कर दिया। घटना मुजाहिदपुर थाना क्षेत्र के लोहिया पुल के पास की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अज्ञात अपराधियों ने चाक़ू से महिला के ऊपर प्रहार किया है। हत्या का क्या कारण है फिलहाल स्पष्ट नहं हो पाया है। मृतका की पहचान अभी नहीं हो पाई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। मामले की जांच कर रहे डीएसपी अजय कुमार चौधरी ने बताया की अज्ञात अपराधियों द्वारा महिला को चाकू मारी गई है। डीएसपी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
[09/05, 10:29 pm] +91 90654 97869: एकेडमिक काउंसिल की बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर लगी मुहर।

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में मंगलवार को कुलपति प्रो. जवाहर लाल की अध्यक्षता में एकेडमिक काउंसिल (विद्वत परिषद) की बैठक आयोजित हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर सहमति बनी।
कुलपति प्रो. लाल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा की सभी महाविद्यालय अपने यहां रोजगारपरक वोकेशनल कोर्सों को शुरू करने के लिए प्रस्ताव दें। एनईपी 2020 के लक्ष्य और उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा की छात्रों में स्किल विकसित करना जरूरी है। रोजगार परक शिक्षा से ही छात्र आत्मनिर्भर बनेंगे। इसी को ध्यान में रखकर कॉलेज और पीजी विभाग अपने यहां वोकेशनल कोर्स को डिजाइन करें।
उन्होंने कहा की जितने भी कोर्स पूर्व से संचालित हो रहे थे, यदि वे किसी कारणवश अभी बंद पड़े हुए हैं। ऐसे कोर्सों को फिर से पुनर्जीवित किया जाएगा। छात्रों का रुझान इन नए कोर्सों की ओर बढ़ाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार जरुरी है। छात्रों को प्लेसमेंट की सुविधा उपलब्ध कराएं।
पीजी इंग्लिश विभाग में अब सर्टिफिकेट कोर्स इन कम्युनिकेशन स्किल एण्ड पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कोर्स शुरू किया जाएगा। शिक्षकों की कमी स्थानीय स्तर पर एमोयू के माध्यम से दूर की जाएगी।
टीएनबी लॉ कॉलेज में साइबर लॉ और ह्यूमन राइट्स की पढ़ाई शुरू होगी।
जबकि पीजी फिजिक्स विभाग में टीएमबीयू का रिसर्च एंड इनोवेशन सेंटर खुलेगा। यहां सभी विषयों के शिक्षकों को रिसर्च प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा। इससे शोध, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा भी मिलेगा। सभी पीजी विभागों में बंद और रख रखाव के अभाव में बेकार पड़े उपकरण हैं उनकी मरम्मती कराकर उपयोग में लाया जाएगा।
कुलपति ने कहा की सभी विभागों और कॉलेजों में बायोमेट्रिक हाजिरी के साथ साथ रजिस्टर पर भी उपस्थिति बनाना अनिवार्य होगा। सक्षम पदाधिकारी की बिना अनुमति के कोई भी शिक्षक और कर्मी मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं। हाजिरी की नियमित रूप से मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
मारवाड़ी कॉलेज में आईआरपीएम विषय में शिक्षकों की कमी को देखते हुए पीजी आईआरपीएम विभाग से तत्काल शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
ग्रीष्मावकाश के दौरान परीक्षाएं आयोजित की जाएगी ताकि लेट चल रहे सत्र को नियमित किया जा सके।
बैठक में प्रतिकुलपति प्रो रमेश कुमार, डीएसडब्लू डॉ योगेंद्र, रजिस्ट्रार डॉ गिरिजेश नंदन कुमार, डॉ अशोक कुमार ठाकुर, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर सहित सभी पीजी विभागों के हेड मौजूद थे।
[09/05, 10:33 pm] Shailendra Kumar Gupta Bhagalpur: “नगरपालिका अधिनियम की धारा 127 एवं 127 की उप-धारा (8) के अनुसार राज्य सरकार के अनुमोदन के बिना ना टैक्स बढ़ाई जा सकती है और ना ही कोई टैक्स कम की जा सकती हैं।
आज नगर निगम बोर्ड की बैठक में 62.5% अवैध एवं असंवैधानिक टैक्स वृद्धि को घटाकर 10% की वृद्धि में परिवर्तित किया गया है जो 62.5 डंडे मारने के बदले 10 डंडा मारने के समान है क्योंकि बिना राज्य सरकार के अनुमोदन प्राप्त किए बगैर इसकी तत्कालिक वसूली करना नगर पालिका अधिनियम की धारा 127 के विरुद्ध होगा और कोई भी नगर निकाय को ऐसा करने का अधिकार प्राप्त नहीं है।
पूर्व में दिसंबर माह से ही कानून को ताक पर रखकर राज्य सरकार के अनुमोदन और गजट प्रकाशन की बात को तो छोड़ दिया जाए, हद तो ये हो गई की बिना नगर निगम बोर्ड की स्वीकृति के वाणिज्यक एवं औद्योगिक भवनों एवम भूखंडों से 62.5% तथा आवासीय भवनों एवं भूखंडों से 2020 में तत्कालीन महापौर रूमा राज के कार्यकाल में बोर्ड के स्वीकृति से 10% टैक्स की वृद्धि को , राज्य सरकार से बिना अनुमोदित एवम बिना गजट प्रकाशित करवाए निरंतर बढ़े हुए टैक्स की वसूली NGO के माध्यम से नई मापी (Assessment) करवाकर वसूली जा रही है जबकि कानूनी रूप से NGO को मापी का अधिकार प्राप्त नहीं है।
62.5% बढ़े हुए टैक्स की लगभग 2 करोड़ की वसूली मुंगेरवासियों से वर्तमान में की जा चुकी है और नगर निगम ने फैसला दिया है की 62.5% की दर से जो बढ़ा हुआ टैक्स जिनसे भी वसूली गई है वो आने वाले वर्षो में समायोजित किया जाएगा।
नगर निगम ने ये जो ली गई बढ़े हुए टैक्स में समायोजन की व्यवस्था लाई है ये व्यवस्था खुद चीख चीख कर ये प्रमाणित कर रही है कि निगम से 62.5% जो टैक्स की वसूली हुई है वो अवैध एवं असंवैधानिक है।जनता की अदालत में पकड़े जाने के बाद वसूले गए अवैध राशि को समायोजन के रास्ते जनता को वापस कर रही है जबकि नगरपालिका अधिनियम की धारा 127 एवं 127 की उप-धारा (8) ये कहती है की राज्य से अनुमोदन के बिना ना टैक्स बढ़ाई जा सकती है और ना ही कोई भी टैक्स कम की जा सकती है तो वर्तमान महापौर के अनुसार अगर पूर्व बोर्ड के द्वारा 62.5% टैक्स की वृद्धि की गई तो बिना राज्य के अनुमोदन के ये बढ़ा हुआ टैक्स आज कैसे वापस ले लिया गया।
सड़को के वर्गीकरण के भ्रमजाल में जनता को भ्रमित कर वर्तमान महापौर जनता को मूल विषय से ध्यान भटकाना चाहती है ।नगर पालिका कानून में ये प्रावधान है कि सड़को के वर्गीकरण को नगर निगम बोर्ड Review कर सकता है और राज्य सरकार के अनुमोदन के पश्चात इसे लागू किया जा सकता है।
सवाल ये है कि जब सरकार के द्वारा वर्तमान में इन सभी चीजों का अनुमोदन ही नहीं हुआ तो बढ़े हुए टैक्स की वसूली कैसे?
पूर्व महापौर रूमा राज के कार्यकाल में बढ़े हुए टैक्स की वसूली नहीं हो रही थी ।
अंत में मुंगेर की जनता के तरफ से मुंगेर की महापौर महोदया से एक सवाल की बढ़े हुए टैक्स की लगभग 2 करोड़ की वसूली में इस कार्य में लगे हुए NGO को जो कुल वसूली गई रकम का 9.5% का सेवाशुल्क भुगतान किया गया है जो आज की तारीख में गलत है और इस 2 करोड़ की वसूली गई राशि को टैक्स भुगतान करने वाले लोगों के बीच समायोजन के माध्यम से आज के फैसले के अनुसार वापस भी होना है।NGO को ये जो 52.5% टैक्स वृद्धि आज वापस हुआ है उसका भी सेवाशुल्क का भुगतान हो चुका है। उक्त NGO से अधिक भुगतान की गई सेवाशुल्क की राशि के वापस लेने की बात आपने अपने बोर्ड के समक्ष नहीं की है।आखिर NGO को अधिक सेवाशुल्क के भुगतान के वापसी का क्या होगा ?

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