May 2, 2024

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भागलपुर03अप्रैल24*शिक्षा प्रबल इच्छा शक्ति से पूर्ण होगी- डॉ मधुसूदन झा

भागलपुर03अप्रैल24*शिक्षा प्रबल इच्छा शक्ति से पूर्ण होगी- डॉ मधुसूदन झा

भागलपुर बिहार से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता यूपी आजतक

भागलपुर03अप्रैल24*शिक्षा प्रबल इच्छा शक्ति से पूर्ण होगी- डॉ मधुसूदन झा

दिनांक 3 अप्रैल 2024 दिन बुधवार को गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर सैनिक स्कूल एवं पूरनमल सावित्री देवी बाजोरिया सरस्वती शिशु मंदिर नरगाकोठी में चल रहे आचार्य कार्यशाला के तीसरे दिन और समापन दिवस का प्रारंभ विद्यालय के उपाध्यक्ष एवं तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ मधुसूदन झा एवं विद्यालय के उप प्रधानाचार्य अशोक कुमार मिश्र ने संयुक्त पुरुष रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
डॉ मधुसूदन झा ने कहा कि शिक्षा आत्मा है। शिक्षा ज्ञान की उपासना है। अंतर्निहित प्रकृति को निखारना ही शिक्षा है। शिक्षा पंचकोशीय है। शिक्षा अन्न से आनंद की यात्रा है। अन्यमय कोश, प्राणमय कोश, मनोमय कोश, ज्ञानमय कोश एवं आनंदमय कोश के माध्यम से बालकों का विकास सर्वांगीण विकास कहलाता है। शिक्षा सबल से संवेदनशील की यात्रा है। बालकों के अंदर इस प्रकार शिक्षा प्रदान करना है जो अधीति से प्रसार की यात्रा तय करे। मनुष्य निर्माण का उपयुक्त समय बाल्यकाल है। भैया/ बहनों के अंदर प्रबल इच्छा शक्ति जागृत कर शिक्षा प्रदान करने से शिक्षा पूर्ण होगी। शिक्षा का संबंध संस्कार से है।
उप प्रधानाचार्य अशोक कुमार मिश्र ने कहा कि यदि चिंतन मंथन उच्च कोटि का होता है तो परिणाम भी उच्च कोटि का होता है। चिंतन मंथन एक संसाधन होता है आगे बढ़ने का। हम लोगों ने कार्यशाला में कार्ययोजना बनाने में जो ऊर्जा लगाई हैं वह आगे मील का पत्थर साबित होगा यही शुभकामना है।
विद्यालय के सचिव उपेंद्र रजक द्वारा मुक्त चिंतन में आए समस्या का समाधान किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन कर आदर्श समाज की स्थापना कर सकते हैं।
आज का कार्यशाला 4सत्रों में संपन्न हुआ जिसमें वार्षिकोत्सव, अभिभावक संपर्क, गोष्टी, सम्मेलन, मातृ गोष्टी ,कार्यक्रम का निर्धारण ,गुरु पूर्णिमा उत्सव, सेवा कार्य ,आचार्य कल्याण कोष, संस्कृति ज्ञान परीक्षा, केंद्रीय आधारभूत विषय के क्रियान्वयन, नवीन प्रयोग, संस्कार केंद्र, सेवा प्रकल्प ,मुक्त चिंतन पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।
कार्यक्रम का संचालन डॉ संजीव झा द्वारा एवं अतिथि परिचय दीपक कुमार झा द्वारा किया गया। अंतिम सत्र में वंदे मातरम के साथ कार्यशाला समापन की घोषणा की गई।
इस अवसर पर विनोद पांडे, शेखर झा, अभिजीत आचार्य, मनोज तिवारी, अमर ज्योति ,महेश कुमर, उत्तम मिश्र, दीपक झा ,पुष्कर झा, शशि भूषण मिश्र एवं समस्त विद्यालय के आचार्य उपस्थित थे।
मीडिया प्रभारी,शशि भूषण मिश्र।

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