June 30, 2025

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प्रयागराज17फरवरी25*महाकुंभ में अब वो फिल्मी सीन नहीं,झट खोया और पट पाया,20 हजार से ज्यादा बिछड़े,लेकिन वहीं मिल गए*

प्रयागराज17फरवरी25*महाकुंभ में अब वो फिल्मी सीन नहीं,झट खोया और पट पाया,20 हजार से ज्यादा बिछड़े,लेकिन वहीं मिल गए*

प्रयागराज17फरवरी25*महाकुंभ में अब वो फिल्मी सीन नहीं,झट खोया और पट पाया,20 हजार से ज्यादा बिछड़े,लेकिन वहीं मिल गए*

प्रयागराज।अरे कुंभ के मेले में बिछड़ गए थे क्या,कुंभ में बिछड़ने और मिलने की कहानियां आम हैं।पहले लोग अपनों से बिछड़ जाते थे और उन्हें ढूंढने में घंटों लग जाते थे।इतना ही नहीं कई बार लोग अपनों से बिछड़ने के बाद मिल भी नहीं पाते थे। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में हर दिन दर्जनों लोग अपनों से बिछड़ते हैं और मिलने पर भावुक हो जाते हैं, यह एक आम दृश्य है,लेकिन अब तकनीक ने इसको आसान बना दिया है। अब तकनीक के साथ वे आसानी से अपने परिजनों तक पहुंच सकते हैं।यह बदलाव न केवल लोगों की जिंदगी को आसान बना रहा है, बल्कि महाकुंभ की पहचान को भी नया आयाम दे रहा है।

गंगा की रेती पर चल रहा दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई है।महाकुंभ को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए योगी सरकार ने कई अनुकरणीय पहल की है।महाकुंभ में खोए हुए लोगों को जल्द से जल्द उनके परिवारों से मिलाने के लिए योगी सरकार ने डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है।अब तक खोया-पाया केंद्र ने 20,144 श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाया है।इसमें भारी संख्या महिलाओं की रही।यही नहीं पुलिस ने देश के विभिन्न राज्यों और नेपाल से आए श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से सफलतापूर्वक पुनर्मिलन कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान के दौरान (28, 29 और 30 जनवरी) को भीड़ का प्रबंधन करते हुए डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने खोए हुए सभी 8,725 श्रद्धालुओं को उनके परिवार को सुपुर्द किया।मकर संक्रांति पर्व (13, 14 और 15 जनवरी) को खोए हुए 598 श्रद्धालु और बसंत पंचमी (2, 3 और 4 फरवरी) को 813 श्रद्धालुओं को डिजिटल खोया-पाया केंद्र की मदद से उनके परिजनों से मिलवाया गया।इसके अलावा अन्य स्नान पर्वों और सामान्य दिनों में खोए हुए 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को उनके परिवार से मिलवाया गया।

डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में अत्याधुनिक एआई आधारित चेहरा पहचान प्रणाली,मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं।इससे महाकुंभ में खोए हुए श्रद्धालुओं को तेजी से उनके परिवारों से मिलाया जा सका है।डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में पुलिस,प्रशासनिक अधिकारी और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की अहम भूमिका रही।इसमें यूनिसेफ सहित कई गैर-सरकारी संगठनों ने भी सक्रिय योगदान दिया।

सीएम योगी ने 7 दिसंबर 2024 को डिजिटल प्रणाली के जरिए खोया-पाया केंद्रों का शुभारंभ किया था।इसके साथ ही सीएम ने पुलिस प्रशासन और मेला प्राधिकरण को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी श्रद्धालु को परेशानी न हो।इसी के तहत 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए,जो संगम, झूसी,अरैल,फाफामऊ में सेक्टर 3, 4, 5, 8, 9, 21, 23, 24 और प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास स्थित हैं।

सीएम योगी के निर्देशों पर खोया-पाया केंद्रों पर प्रतीक्षा कक्ष, चिकित्सा कक्ष,शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं,ताकि खोए हुए श्रद्धालुओं को परिजनों से मिलवाने की प्रक्रिया के दौरान किसी को भी असुविधा न हो। सीएम ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सेवा और सुशासन का भी प्रतीक बने।इसी के तहत डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की गई है।किसी भी प्रकार की सहायता के लिए श्रद्धालु नजदीकी डिजिटल खोया-पाया केंद्र से संपर्क कर सकते हैं या आधिकारिक हेल्पलाइन 1920 पर कॉल कर सकते हैं।

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