April 8, 2025

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पूर्णिया बिहार 6 अप्रैल25*  नवजात शिशुओं को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए कार्यरत हैं जीएमसीएच, पूर्णिया

पूर्णिया बिहार 6 अप्रैल25*  नवजात शिशुओं को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए कार्यरत हैं जीएमसीएच, पूर्णिया

पूर्णिया बिहार 6 अप्रैल25*  नवजात शिशुओं को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए कार्यरत हैं जीएमसीएच, पूर्णिया

मोहम्मद इरफान कामिल यूपी आज तक न्यूज़ चैनल पूर्णिया बिहार की रिपोर्ट।

लोगों की जागरूकता के लिए 07 अप्रैल को मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं की जांच के बाद प्रसव उपचार और नवजात शिशु देखभाल की सभी सुविधाएं अस्पताल में उपलब्ध
कमजोर नवजात शिशुओं के इलाज के लिए अस्पताल में संचालित है एसएनसीयू
कंगारू मदर केयर सुविधा द्वारा बच्चों को उपलब्ध कराई जाती है स्वास्थ्य सुविधा
01 माह से 12 वर्ष से बच्चों की चिकित्सिकीय जांच और उपचार सुविधा बच्चा वार्ड में उपलब्ध

पूर्णिया बिहार। ‌लोगों को स्वास्थ्य के विभिन्न सुविधाओं की समय पर जांच और उपचार सुविधा का लाभ उठाने के लिए पूरे विश्व में 07 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान स्वस्थ जीवन के लिए अस्पताल में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध कराते हुए लोगों को इसका लाभ उठाने की जानकारी दी जाती है। विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की संगठन के साथ शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य स्वस्थ जीवनशैली का लाभ उठाकर मां और होने वाले बच्चे के स्वास्थ को स्वस्थ और सुरक्षित रखना है। वर्ष 2025 में विश्व स्वास्थ्य दिवस का थीम “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य और मातृ एवं नवजात शिशु के स्वास्थ्य में सुधार” पर केंद्रित है।

मातृ एवं नवजात शिशुओं को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए कार्यरत हैं जीएमसीएच, पूर्णिया :

मातृ एवं नवजात शिशुओं को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए पूर्णिया जिले में संचालित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) पूर्ण रूप से कार्यरत है। इसके लिए जीएमसीएच पूर्णिया में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच और सुरक्षित प्रसव के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रशिक्षित एएनएम उपलब्ध रहती हैं। अस्पताल में प्रसव पूर्व जांच के बाद और आवश्यक चिकित्सिकीय सहायता उपलब्ध कराते हुए लाभार्थियों को सुरक्षित प्रसव सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके बाद भी मां और नवजात शिशु में किसी तरह की समस्या पाए जाने पर अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सकों द्वारा तत्काल उपचार सुविधा उपलब्ध कराते हुए माँ और बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित किया जाता है। प्रखंड स्तर पर संचालित अस्पतालों में गंभीर स्थिति वाले माँ और नवजात शिशु को बेहतर चिकित्सिकीय सहायता के लिए जीएमसीएच, पूर्णिया रेफर किया जाता है जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराते हुए माँ और बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित किया जाता है।

प्रसव उपचार और नवजात शिशु देखभाल की सभी सुविधाएं अस्पताल में उपलब्ध :

गर्भवती महिला और नवजात शिशु को सुरक्षित रखने के लिए जीएमसीएच अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सभी चिकित्सिकीय सुविधा के साथ प्रसव सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। प्रसव के बाद अस्पताल में महिला चिकित्सकों द्वारा माँ और नवजात शिशु के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। किसी तरह की समस्या होने पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मां और बच्चों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि मां और बच्चे बिल्कुल स्वस्थ होकर घर पहुंच सकें।

कमजोर नवजात शिशुओं के इलाज के लिए अस्पताल में संचालित है एसएनसीयू :

जीएमसीएच, पूर्णिया के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रेम प्रकाश ने बताया कि कमजोर नवजात शिशुओं की जांच और उपचार के लिए जीएमसीएच, पूर्णिया में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) और बच्चा वार्ड संचालित है जहां 0 से 12 वर्ष तक के बच्चों की जांच और उपचार विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। कमजोर नवजात शिशुओं के जांच और उपचार के लिए एसएनसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा शिशुओं की जांच और उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। एसएनसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा 0 से 28 दिन तक के बच्चों को जांच और उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। एसएनसीयू में नवजात शिशुओं के उपचार के लिए रेडिएंट वार्मर उपलब्ध रहता है जो नवजात शिशुओं को हाइपोथर्मिया से सुरक्षित करता है। एसएनसीयू में सभी स्वास्थ्य कर्मी पूर्णतः प्रशिक्षित है जिसके द्वारा नवजात शिशुओं को आवश्यक चिकित्सिकीय जांच और उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। एसएनसीयू में कम वजन के बच्चे एवं जिन्हें सांस लेने में समस्या हो, पीलिया की समस्या हो, जन्म के बाद नहीं रोने वाले बच्चे हो ऐसे नवजात शिशुओं को विशेष चिकित्सिकीय जांच और उपचार के लिए एसएनसीयू में रखा जाता है। ऐसे बच्चों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि बच्चे समय पर स्वास्थ्य और सुरक्षित हो जाते हैं। एसएनसीयू में सभी नवजात शिशुओं की जांच और उपचार बिल्कुल निःशुल्क होता है। एसएनसीयू में दो कक्ष बनाये गए हैं जहां जीएमसीएच में जन्म लेने वाले बच्चों को अलग और जीएमसीएच के बाहर जन्म लेने वाले बच्चों को अलग अलग कक्ष में रखते हुए उपलब्ध समस्या के अनुसार उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जिस नवजात शिशु को सांस लेने में समस्या हो एसएनसीयू में ऐसे बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट सुविधा के साथ रखा जाता है। सांस लेने में ज्यादा समस्या होने पर संबंधित नवजात शिशुओं को सी-पैप मशीन के साथ एसएनसीयू में रखा जाता है जिससे कि शिशु द्वारा सांस लेने की समस्या को सुरक्षित किया जा सके। इसके अलावा एसएनसीयू में उपस्थित नवजात शिशुओं की खून जांच, इंफेक्शन, हीमोग्लोबिन, जोइंडिस लेवल, ब्लड ग्रुप, सुगर की जांच करते शिशुओं को चिकित्सिकीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इस दौरान एसएनसीयू में नवजात शिशुओं के माँ के रहने और खाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि परिजनों को नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की सभी जानकारी नियमित रूप से उपलब्ध हो सके।

कंगारू मदर केयर सुविधा द्वारा बच्चों को उपलब्ध कराई जाती है स्वास्थ्य सुविधा :

डॉ प्रेम प्रकाश ने बताया कि एसएनसीयू में नवजात शिशुओं को माँ के साथ सुरक्षित रखने के लिए एसएनसीयू में कंगारू मदर केयर यूनिट सुविधा उपलब्ध कराई गई है। काँगरु मदर केयर सुविधा द्वारा माँ और बच्चे को एकसाथ रखते हुए माँ और बच्चों की बॉन्डिंग का विकास करते हुए बच्चों को पोषण सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। काँगरु मदर केयर द्वारा नवजात शिशुओं को मां द्वारा स्तनपान सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है जिससे कि नवजात शिशु की पोषण क्षमता और शारीरिक शक्ति का विकास होता है, इंफेक्शन होने में कमी होती है, नवजात शिशु जल्द रिकवर होता है और अस्पताल से जल्द घर जा सकता है। एसएनसीयू में कंगारू मदर केयर सुविधा के लिए 03 बेड की सुविधा उपलब्ध है जिसका लाभार्थियों द्वारा लाभ उठाया जाता है। सभी लाभार्थियों को कंगारू मदर केयर सुविधा की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एसएनसीयू में स्वास्थ्य कर्मी नियमित रूप से उपलब्ध रहती है जिसके द्वारा लाभार्थियों को सभी जानकारी देते हुए मां और शिशु को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। कंगारू मदर केयर में माँ द्वारा अपने बच्चे को छाती में बांधकर रखते हुए स्तनपान सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि माँ और बच्चे में लगाव बढ़ता है और बच्चे आवश्यक पोषण का लाभ उठाते हुए बहुत जल्द स्वास्थ और सुरक्षित होते हैं।

01 माह से 12 वर्ष से बच्चों की चिकित्सिकीय जांच और उपचार सुविधा बच्चा वार्ड में उपलब्ध :

डॉ प्रेम प्रकाश ने बताया कि जन्म के बाद विभिन्न बीमारियों से ग्रसित बच्चों का उपचार के लिए जीएमसीएच में बच्चा वार्ड में चिकित्सकों द्वारा बच्चों की जांच और उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसमें 01 माह से 12 वर्ष तक के बच्चों के विभिन्न प्रकार की बीमारी जैसे डायरिया, निमोनिया, सर्दी-खांसी, पीलिया, ब्रेन इंफेक्शन, हेपेटाइटिस, टायफाइड, फीवर जैसे विभिन्न बीमारियों का विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आसानी से उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। सभी बीमारी के उपचार के लिए अस्पताल में सभी दवाई सुविधा उपलब्ध रहती है। अस्पताल में रहने वाले बच्चों को रहने के साथ साथ खाने की सभी सुविधाएं नियमित रूप से उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि बच्चे स्वास्थ्य होकर घर पहुँचते हैं। अस्पताल में सभी जांच और दवाई सुविधा लाभार्थियों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए जीएमसीएच में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) संचालित किया जाता है जहां 05 साल तक के कुपोषित बच्चों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच और उपचार के साथ साथ न्यूट्रिशन विशेषज्ञ द्वारा आवश्यक पोषण सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि कुपोषित बच्चों द्वारा बहुत जल्द सामान्य बच्चों की भांति स्वस्थ और सुरक्षित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उठाया जाता है। एनआरसी में कुपोषित रहने वाले बच्चों के साथ उनके परिजनों को भी रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस दौरान बच्चों के साथ परिजनों के रहने और खाने की सभी सुविधा अस्पताल द्वारा उठाया जाता है। एनआरसी में कुपोषित बच्चों की चिकित्सकों द्वारा आवश्यक उपचार के बाद स्वस्थ करते हुए बच्चों को घर भेजा जाता है। इसके अलावा जीएमसीएच के ओपीडी में उपस्थित बच्चों की मेडिकल कॉम्प्लेसन के अनुसार चिकित्सकों द्वारा बच्चों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसमें कुपोषण, निमोनिया, डायरिया, स्किन इंफेक्शन, हाइपोथर्मिया आदि ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए अस्पताल में भर्ती करते हुए उन्हें उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस दौरान बच्चों को अन्य किसी स्वास्थ्य समस्या पाए जाने पर सम्बंधित विभाग के चिकित्सकों द्वारा बच्चों की जांच करवाते हुए उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि बच्चे स्वस्थ और सुरक्षित रहते हैं।

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