June 14, 2025

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पूर्णिया बिहार 13 जून 25* “शक्ति बाजार” में महिला उद्यमिता और पंचायत नेतृत्व का अद्वितीय संगम

पूर्णिया बिहार 13 जून 25* “शक्ति बाजार” में महिला उद्यमिता और पंचायत नेतृत्व का अद्वितीय संगम

पूर्णिया बिहार 13 जून 25* “शक्ति बाजार” में महिला उद्यमिता और पंचायत नेतृत्व का अद्वितीय संगम

पूर्णिया से मोहम्मद इरफान कामिल की खास खबर यूपी आज तक चैनल

माननीय मंत्री ने 44 महिला मुखियाओं को किया सम्मानित, स्टाल से उत्पाद भी खरीदे

पूर्णिया बिहार।बिहार के ग्रामीण परिदृश्य में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और नेतृत्व को नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से सेंटर फॉर कैटलाईजिंग चेंज (सी 3) द्वारा संचालित “शक्ति धारा परियोजना” के अंतर्गत “शक्ति बाजार” कार्यक्रम का भव्य आयोजन उत्तर बिहार वाणिज्य एवं उद्योग परिषद्, मुज़फ़्फरपुर में किया गया जो 14 जून तक चलेगा। कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय मंत्री, पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार ने किया। इस आयोजन ने महिला उद्यमिता, पंचायत नेतृत्व और वित्तीय समावेशन को एक मंच पर लाकर बिहार में महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत की।
सी थ्री की 17 वर्षों की प्रतिबद्ध यात्रा:
सी 3 विगत 17 वर्षों से बिहार में पंचायती राज विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास निगम, जीविका, आईसीडीएस, पर्यावरण व आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर महिलाओं और किशोरियों के अधिकारों, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका को केंद्र में रखकर सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रहा है।
“शक्ति धारा परियोजना” इसी सोच की परिणति है, जिसके अंतर्गत पंचायत भवनों में “शक्ति सलाह केंद्र” की स्थापना कर महिला मुखियाओं को कौशल, करियर काउंसलिंग, डिजिटल/वित्तीय साक्षरता और उद्यमिता से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। “शक्ति बाजार” उसी यात्रा की एक झलक है, जहाँ महिलाएं उपभोक्ता नहीं, निर्माता और नेतृत्वकर्ता की भूमिका में दिखाई दीं।
महिला मुखियाओं का सम्मान व मंत्री द्वारा खरीद:
कार्यक्रम में मुज़फ़्फरपुर ज़िले के 44 महिला मुखियाओं को माननीय मंत्री द्वारा विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया। ये महिला मुखिया अपने पंचायतों में न केवल योजनाओं का संचालन कर रही हैं, बल्कि महिलाओं को स्वरोजगार, डिजिटल लिंकेज और स्थानीय बाजारों से जोड़ने का सराहनीय कार्य कर रही हैं।
इसके अतिरिक्त, माननीय मंत्री द्वारा “शक्ति बाजार” में लगे स्टालों का भ्रमण भी किया गया। उन्होंने अचार, मधुबनी पेंटिंग, एंब्रॉयडरी किए हुए बैग, घरेलू उत्पादों सहित 2500 रुपये से अधिक मूल्य के उत्पाद खरीदकर महिला उद्यमियों को प्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहित किया। यह न केवल एक प्रेरणात्मक कदम था, बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकार अब केवल योजनाएँ नहीं बना रही, बल्कि स्थानीय उत्पादन को आत्मनिर्भरता से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है।
स्थानीय नेतृत्व की प्रेरणा
गुड़िया कुमारी, मुखिया, सुमेरा पंचायत, कुढ़नी, मुज़फ़्फरपुर ने कहा- “शक्ति सलाह केंद्र और शक्ति बाजार ने हमें सिर्फ प्रशिक्षण नहीं दिया, बल्कि हमें यह यकीन दिलाया कि हम बदलाव की अगुआ बन सकती हैं। आज हम न केवल निर्णय ले रहे हैं, बल्कि आर्थिक दिशा भी तय कर रहे हैं।

माननीय मंत्री, पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि “शक्ति बाजार केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि महिलाओं की क्षमता, उनके संघर्ष और उनके नेतृत्व की एक जीवंत तस्वीर है। जो महिलाएं कभी चारदीवारी से बाहर निकलने से डरती थीं, वे आज बाजार चला रही हैं, उत्पादन कर रही हैं और प्रेरणा बन रही हैं। पंचायती राज विभाग पूरे राज्य में महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दे रहा है, और यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक उल्लेखनीय प्रयास है।”
उन्होंने कहा कि आज जब हम पंचायती राज की बात करते हैं, तो यह केवल स्थानीय शासन की संरचना नहीं है, यह समाज के अंतिम व्यक्ति तक अधिकार, अवसर और सहभागिता पहुँचाने का माध्यम है। और यदि हम वास्तव में पंचायती राज को प्रभावी बनाना चाहते हैं, तो उसमें महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व अनिवार्य है।
बिहार की भूमि पर, जहाँ कभी बेटियों को चारदीवारी से बाहर निकलने तक की इजाज़त नहीं होती थी, वहीं आज वही बेटियाँ अपने हुनर, उत्पाद और आत्मबल से पूरे बाजार को दिशा दे रही हैं। ये महिला उद्यमी सिर्फ पैसे नहीं कमा रहीं, वे पूरे समाज को प्रेरित कर रही हैं कि परिवर्तन संभव है -यदि अवसर मिले, विश्वास मिले और मंच मिले।
मैं यह भी कहना चाहता हूँ कि शक्ति धारा जैसे कार्यक्रम न केवल आर्थिक विकास का माध्यम हैं, बल्कि ये सामाजिक बदलाव की बुनियाद रख रहे हैं। इनमें पंचायतों की सक्रिय भागीदारी यह सुनिश्चित करती है कि यह परिवर्तन टिकाऊ हो, समुदाय-आधारित हो और सभी के लिए समान अवसर लेकर आए।
हमारा पंचायती राज विभाग पूरे राज्य में महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दे रहा है – चाहे वह पंचायतों में आरक्षण हो, प्रशिक्षण कार्यक्रम हों, या आर्थिक सहयोग। हमारा प्रयास है कि हर पंचायत में ऐसी ‘शक्ति केंद्र’ विकसित हों, जहाँ महिलाएँ नेतृत्व करें, निर्णय लें, और अपने परिवार, गाँव और ज़िले की दिशा तय करें।
मैं आप सबको विश्वास दिलाता हूँ कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के इस मिशन में पूरी तरह आपके साथ है। हमारी नीतियाँ, बजट और योजनाएँ – सभी इसी दिशा में समर्पित हैं।
इस शक्ति बाजार के माध्यम से आपने यह दिखा दिया है कि बिहार की महिलाएँ केवल उपभोक्ता नहीं, निर्माता और नेतृत्वकर्ता भी हैं। यही असली आत्मनिर्भर बिहार की तस्वीर है।
कार्यक्रम के समापन पर सी थ्री बिहार के राज्य प्रमुख, श्री प्रकाश रंजन ने कहा कि “यह शक्ति बाजार नहीं, शक्ति की अभिव्यक्ति है। महिलाओं को केवल योजनाओं की लाभार्थी नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता बनाने का जो प्रयास हमने पंचायत स्तर पर शुरू किया था, आज उसका परिणाम इस मंच पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।”
“शक्ति बाजार” ने यह सिद्ध कर दिया कि जब महिला मुखिया नेतृत्व करती हैं, तो ग्राम पंचायतों में सशक्तिकरण केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक क्रांति बन जाती है। यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत और समावेशी बिहार की दिशा में एक मील का पत्थर है।

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