June 16, 2025

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पीलीभीत16जून25*जंगल सफारी पर ब्रेक,दुधवा टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए 5 माह तक बंद,अब नवंबर में होगा बाघों का दीदार*

पीलीभीत16जून25*जंगल सफारी पर ब्रेक,दुधवा टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए 5 माह तक बंद,अब नवंबर में होगा बाघों का दीदार*

पीलीभीत16जून25*जंगल सफारी पर ब्रेक,दुधवा टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए 5 माह तक बंद,अब नवंबर में होगा बाघों का दीदार*

पीलीभीत।जंगल की बेहद खूबसूरती और बाघों की निराली दुनिया से सुर्खियों में रहने वाले पीलीभीत टाइगर रिजर्व रविवार शाम से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया।जंगल के राजा और दुर्लभ जीवों का दीदार करने का मौका अब पांच महीने बाद मिलेगा।अब यह पार्क 15 नवंबर को दोबारा खुलेगा।सीजन के आखिरी दिन जंगल सफारी का लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे।किसी ने कैमरे में बाघ की झलक कैद की तो कोई हाथी की झुंड देख रोमांचित हो उठा।

*15 नवंबर से 15 जून तक तक चलता है पर्यटन सीजन*

दुधवा टाइगर रिजर्व में हर साल 15 नवंबर से 15 जून तक पर्यटन सीजन चलता है।भारी संख्या देश-विदेश से यहां पर्यटक पहुंचते हैं।इस बार भी दुधवा और किशनपुर रेंज में पर्यटकों को बाघ,गैंडा,हाथी,पाढ़ा,बारहसिंगा,अजगर और भालू तक का पर्यटकों ने खूब दीदार किया।खास बात यह रही कि इस बार पर्यटकों को रेड कोरल जैसे बेहद दुर्लभ सांप भी देखने को मिले।

*इस बार पूरे सीजन में नहीं लगा ब्रेक*

पिछले सालों की तुलना में इस बार मौसम ने भी खूब साथ दिया।बारिश या अन्य कारणों से एक भी दिन पार्क बंद नहीं करना पड़ा।पार्क प्रशासन ने व्यवस्था बेहतर बनाए रखी और भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों को सुगमता से सफारी का मौका मिला।शनिवार को पर्यटकों को अंतिम सफारी कराई गई।रविवार शाम को पार्क के सभी द्वार बंद कर दिए गए हैं। अब यह 15 नवंबर को ही खुलेगा।

*कैमरे में कैद हुए जंगल के असली सितारे*

अंतिम सप्ताह में पर्यटकों की संख्या में बेहद बढ़ोतरी देखी गयी।स्कूली बच्चों के साथ-साथ परिवार और प्रकृति प्रेमी जंगल सफारी का भरपूर आनंद उठाते हुए नजर आए। कई पर्यटकों को खुले में बाघ टहलते और भालू क्रीड़ा करते दिखे। वन्यजीवों को पास से देखने का अनुभव पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय बन गया।

*अब अगले सीजन में होगा रोमांच*

15 जून से 15 नवंबर तक दुधवा रिजर्व बंद रहेगा।इस दौरान मानसून की वजह से जंगलों में हरियाली और दलदली इलाकों की वृद्धि होती है, जिससे पर्यटक सफारी नहीं कर सकते। साथ ही यह समय वन्यजीवों के प्राकृतिक जीवन में खलल न पहुंचाने के लिए भी बेहद अहम माना जाता है।

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