टोंक3अक्टूबर*यूपीएससी में आईएएस परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं में ओबीसी,एस सी, एस टी. अभ्यर्थियों के साथ हो रहा भेदभाव*
एक स्नेही साथी से यूपीएससी की संरचना व कार्यप्रणाली पर एक पोस्ट साझा की है:- *यूपीएससी में आईएएस परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं में ओबीसी,एस सी, एस टी. अभ्यर्थियों के साथ हो रहा भेदभाव*
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*# भारत में ओबीसी की 55%, एस सी 15 % और एस टी की 7% जनसंख्या है शेष लगभग 23% जनरल केटेगरी की जनसंख्या है। लेकिन सिविल सेवा परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं में 40% अनारक्षित पदों पर साक्षात्कार के भेदभाव के आधार पर किस तरह लगभग 23-25% जनसंख्या वाले जनरल वर्ग के अभ्यर्थियों से EWS सहित 50% पद कैसे भरे जाते हैं उसको नीचे बताया जा रहा है।*
*# संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा सहित साक्षात्कार वाली परीक्षा (IAS,IFS,ISS,) के साक्षात्कार में ओबीसी,एस सी,एसटी. के अभ्यर्थियों के साथ बोर्ड द्वारा स्पष्ट भेदभाव किया जाता है. ताकि ये अभ्यर्थी टॉप 100 की मेरिट में न्यूनतम आए जिसका फायदा जनरल वर्ग के अभ्यर्थी को मिले जिसके उदाहरण या प्रमाण नीचे सिविल सेवा की पिछ्ली 5 भर्तियों (2015-2020)परिणाम के विश्लेषण में मौजूद है।*
*A.सबसे पहले पिछले 15 वर्षों में यूपीएससी के अध्यक्ष जान लिजिए जिससे सब कुछ पहले ही पता चल जाएगा कि शहरी कुलीन वर्ग के अभ्यर्थी साक्षात्कार के बल पर कैसे बाजी जीतते है -*
1.D P अग्रवाल 2008-2014
2. दीपक गुप्ता 2014-16
3. विनय मित्तल 2017-18
4.अरविंद सकसेना 2018-20
5. प्रदीप कुमार जोशी 2020-22 पिछड़े वर्ग से कभी कोई अध्यक्ष ही नहीं बनाया जाता है।*
* यूपीएससी यद्यपि संवैधानिक आयोग है लेकिन जब ऐसे परिणाम देखकर संदेह होना और प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि साक्षात्कार में खुल्लम-खुल्ला वर्ग और जाति के आधार पर भेदभाव कर रहे हैं तो उस परीक्षा के लिए पेपर बनाने, उनको जाँचने और साक्षात्कार में सदस्य के रूप में भी ओबीसी ,एस सी, एस टी के सदस्य को नहीं बुलाया जाता होगा गोपनीयता के बहाने अंदर क्या गुल खिलते होंगे।*
*B.यूपीएससी बोर्ड द्वारा भर्तियों में
ओबीसी,एस एसटी. के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में इतने कम अंक दिए जाते हैं कि इन केटेगरी के अभ्यर्थी अनारक्षित पदों की मेरिट में कम से कम आए, जेसे:-*
*(a.)वर्ष 2015 की सिविल सेवा परीक्षा की मेरिट में प्रथम 100 अभ्यर्थियों में ओबीसी के11,एस सी के 4,एसटी 00 थे. इस तरह आईएएस के लिए अनारक्षित लगभग 100 पदों में से 15 पद ही ओबीसी एस सी को मिले बाकी 85 पद पर जनरल के अभ्यर्थी आईएएस बने.यह उनका विशेष आरक्षण हो गया. इसका मुख्य कारण साक्षात्कार के 275 अंक में से अंक देने में यूपीएससी बोर्ड द्वारा केटेगरी के अनुसार भेदभाव करना है. सामन्यत बोर्ड एस सी और एस टी के अभ्यर्थी को अधिकतम 150 -160 और ओबीसी के अभ्यर्थी को अधिकतम 170-180 अंक देता है ताकि ये टॉप 100 में कम से कम आए. टॉप 100 मेरिट में आरक्षित वर्ग के जितने अधिक अभ्यर्थी आते है तो उतना ही फायदा आरक्षित वर्ग के पीछे के अभ्यर्थी को होता है और उनकी उतने ही अधिक आईएएस,आईपीएस बनते हैं उतना ही नुकसान जनरल की सीट का होता है. आईएएस के चयन के बाद में आरक्षित वर्ग की मेरिट नीचे जाती है वहां वे अपनी अपनी केटेगरी में शिफ्ट होते जाते हैं और उतने ही अभ्यर्थी चयनित होते हैं जितनी आरक्षित वर्ग की पोस्ट होती है. उनको अनारक्षित सीटों का फायदा नहीं मिलता है. जनरल वर्ग को खुला फायदा मिलता है।*
*(b.)वर्ष 2016 की सिविल सेवा परीक्षा की मेरिट में प्रथम 100 अभ्यर्थियों में से ओबीसी के 12 एस टी के 2 और एससी का एक अभ्यर्थी मिलाकर कुल 15 अभ्यर्थी आरक्षित वर्ग के और शेष 85 जनरल वर्ग के अभ्यर्थी चयनित हुए।*
*(c.)वर्ष 2017 की सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम 100 अभ्यर्थियों में से ओबीसी के 8, एसी 3, एस टी के 1 इस तरह से कुल 12 अभ्यर्थी आरक्षित वर्ग के एवं 88 अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग के चयनित हुए।*
*(d.)वर्ष 2018 सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम 100 अभ्यर्थियों में से 15 ओबीसी एवं 3 एस सी इस तरह से कुल 18 अभ्यर्थी एवं शेष 82 अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आईएएस बने।*
*(e.)वर्ष 2019 की सिविल सेवा परीक्षा की मेरिट में पहले 100 अभ्यर्थियों में से ओबीसी 16, एस सी 1,ईडब्ल्यूएस 2 इस तरह कुल 19 अभ्यर्थी आरक्षित श्रेणी से एवं शेष 81 अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी के आईएएस बने।*
*(f) वर्ष 2020 की सिविल सेवा परीक्षा की मेरिट के टॉप 100 अभ्यर्थियों में ओबीसी के 13, एस सी के 5, एस टी के 1 और ईडब्ल्यूएस के 4 इस तरह से कुल 23 अभ्यर्थी आरक्षित वर्ग के एवं 77 अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग के आईएएस बने. इस प्रकार इस तथ्य में पूर्ण सच्चाई है कि यूपीएससी बोर्ड आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ साक्षात्कार में भेदभाव करता है क्योंकि जो टॉप कर सकते हैं तो पहले 100 में जनसंख्या के अनुपात से आधे 40 -45 अभ्यर्थी आ ही जाने चाहिए।*
*(C) पिछले 5 वर्षों के परिणाम के अवलोकन से स्पष्ट स्पष्ट है कि बोर्ड द्वारा साक्षात्कार के अंको में इस तरह का विभाजन कर दिया जाता है या बोर्ड द्वारा साक्षात्कार के अंको की इस तरह की सीमा अप्रत्यक्ष रूप से तय कर दी गई जिससे कम से कम आरक्षित वर्ग ( ओबीसी एससी और एसटी ) के अभ्यर्थी टॉप 100 मेरिट में आए ताकि आईएएस की अधिक से अधिक सीट जनरल के अभ्यर्थी को मिले। यूपीएससी के बोर्ड द्वारा जनरल एवं एससी एसटी और ओबीसी के अभ्यर्थियों के बीच साक्षात्कार में किस तरह से भेदभाव किया जाता है उसके उदाहरण 2015 से 2020 की सिविल सेवा भर्ती परीक्षा की मेरिट के टॉप 100 अभ्यर्थियों के टॉप मार्क्स देखे तो हकीकत सामने आ गई जो पिछली 5 परीक्षा (2015-20) के जनरल अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के अंकों से स्पष्ट है क्योंकि साक्षात्कार के टॉपर सभी अभ्यर्थी जनरल के पाए गए।*
*(a.) वर्ष 2015 की सिविल सेवा भर्ती में साक्षात्कार के 275 अंकों में 100 में शामिल जनरल के अभ्यर्थियों को ही 190 या अधिक अंक दिए गए। जैसे- करण सारथी 206,अनुराग चंद्र शर्मा 200, आशीष शर्मा 195 , अंशुल गुप्ता 206 ,श्वेता अग्रवाल 195, विपिन गर्ग 209, सलोनी राय 206 ,अभिषेक पांडे 198 ,मेघा भारद्वाज 193 ,अभिमन्यु गहलोत 206, गजल भारद्वाज 206, प्रीति पांडे 193, गरिमा सिंह 197, अतुल 198 ,अन्नपूर्णा गर्ग 195, निमिषा गोड 196 ,अभिमन्यु कुमार 202 ,विनय गोयल 193 और अनुपम मिश्रा 200. टॉप टीना डाबी के अलावा टॉप 100 में अन्य वर्ग के किसी भी अभ्यर्थी के 190 उपर अंक नहीं है क्या कारणहै…..आप सब जानते हैं।*
*(b.)2016 की सिविल सेवा भर्ती के प्रथम 100 अभ्यर्थियों में से 190 से ऊपर अंक प्राप्त करने वाले इन अभ्यर्थियों में एक भी अभ्यर्थी आरक्षित श्रेणी का नहीं है जिनमें अनमोल वेदी 206 , सौम्या पांडे 184, अखिलेश मिश्रा 184 ,मुरलीधर 206 ,जेसी 198, सुरभि गौतम 198 शामिल हैं. ये लिखित में पीछे होते हुये भी साक्षात्कार के बल पर टॉप 100 में आकर सीधे आईएएस बन गए।*
*(c) सिविल सेवा परीक्षा 2017 में भी बोर्ड ने पिछला इतिहास दोहराते हुए जनरल के अभ्यर्थियों को अधिक अंक दिए जैसे अतुल प्रकाश 190, सिद्धार्थ जैन 190 , उत्कर्ष 190, अभिजीत सिन्हा 201,गिरीश 193 , वर्जित वालिया 193 ,संदीप 198, गौरव कुमार 195 ,अभिषेक 193, हनीफ 195, हर्ष कुमार 195 ,गोविंद 198, मनीष 201, लक्ष्मीकांत जोशी 193, अभिषेक शर्मा 190, अदिति 190, उत्पल 193 ,पूजा 198 , हसीन 198. उप्र के 20 अभ्यर्थियों में केवल अभिषेक चौधरी और मनीष कुमार ओबीसी से हैं। इस तरह से कुल 18 अभ्यर्थी जो जनरल केटेगरी से हैं जिनको 190 या अधिक अंक दिए गए।*
*(d.)सिविल सेवा परीक्षा 2018 में बोर्ड द्वारा 200 से अधिक कम अभ्यर्थियों को अंक दिए गए हैं। लेकिन जिन अभ्यर्थियों के 190 या उससे अधिक अंक हैं उनमें अक्षत जैन 198, विशाल सिंह 195 ,गुंजन द्विवेदी 193, अतिराग चपलोत 206 , चित्र मिश्रा 193, काजल 205 , हेमंत केशव 201, शिवांश अवस्थी 200, अक्ष 204 अंक।*
*(e) सिविल सेवा परीक्षा 2019 जिसमें भी बोर्ड जनरल के अभ्यर्थियों पर मेहरबान रहा. इसमें जनरल के अभ्यर्थियों को ही 200 या उससे अधिक अंक साक्षात्कार में दिए गए हैं।*
*परीक्षा में टॉपर साधारण किसान परिवार में जन्मे प्रदीप सिंह को साक्षात्कार में मात्र 158 अंक दिए जबकि लिखित परीक्षा में 914 अंक थे। इसी परीक्षा में 4th रैंक हिमांशु जैन के लिखित में टॉप प्रदीप से 63 अंक कम 851 अंक थे लेकिन साक्षात्कार में 200 अंक दिए। वहीँ शुभम अग्रवाल के लिखित में 815 अंक और साक्षात्कार में 206 अंक दिए जिससे वह आईएएस बन गया। आईएएस परीक्षा में साक्षात्कार बहुत ही निर्णायक होता है।*
*साक्षात्कार अंको पर नज़र डालें यथा हिमांशु जैन 200, जयदेव 206, गणेश कुमार भास्कर 205, नूपुर गोयल 184 ,अजय जैन 184 ,स्वाति शर्मा 184 ,नेहा बनर्जी 201, शुभम गीतांजलि शर्मा 190, पीडी रेडी 204, पंकज 206 ,जय श्रद्धा 204 ,रोमा श्रीवास्तव 200 और मधुमिता 201 अंक साक्षात्कार में दिए गए।*
*(f)सिविल सेवा परीक्षा वर्ष 2020 में भी पूर्व के वर्षों की तरह सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को ही 190 या अधिक अंक साक्षात्कार में दिए गए और ओबीसी एस सी एस टी की प्रतिभाओं को साक्षात्कार में कम अंक देकर पीछे रखा गया है. टॉपर शुभम कुमार को साक्षात्कार में 176 अंक दिए जिनके लिखित में 878 अंक है . 3rd रैंक अंकिता जैन को 212 अंक दिए जबकि लिखित में 839 अंक है और साक्षात्कार के दम पर तीसरी रैंक हासिल कर ली. 4th रैंक यश लिखित में 851 अंक लेकिन साक्षात्कार में 195 अंक, अल्पा मिश्रा लिखित परीक्षा में मात्र 816 अंक लेकिन साक्षात्कार में जोशी जी की कृपा से 215 अंक और 9th रैंक कर आईएएस बन गई. सत्यम गाँधी के लिखित में 827 अंक और साक्षात्कार 201 अंक दिए तो 10th रैंक मिली जबकि रिया डाबी के लिखित में 859 अंक और साक्षात्कार में 162 अंक ही दिए जिससे 15th रैंक मिली. 74th रैंक प्राप्त आयुष गुप्ता के लिखित में मात्र 781 अंक परंतु साक्षात्कार में 209 , 77रैंक प्राप्त अक्षय सिन्हा के लिखित परीक्षा में 778 अंक लेकिन साक्षात्कार में 212 अंक,81 रैंक प्राप्त शय्या गोयल लिखित परीक्षा में 774 अंक परंतु साक्षात्कार में 215, 91 रैंक प्राप्त अनमोल मित्तल लिखित परीक्षा 777 अंक लेकिन साक्षात्कार में 209, 109 वीं रैंक प्राप्त निधि ठाकुर लिखित परीक्षा मात्र 772 अंक लेकिन साक्षात्कार 209 और 119 वी रैंक प्राप्त हर्षिता लिखित परीक्षा 768 अंक लेकिन साक्षात्कार में 209 अंक दिये गये जो सभी समान्य वर्ग से है. किसी भी ओबीसी एस सी एस टी के अभ्यर्थी को 200 से अधिक अंक साक्षात्कार में नहीं दिए चाहे वो लिखित में टॉप अंक ला रहे हैं. जबकि ये अभ्यर्थी साक्षात्कार के अंकों के आधार पर ही भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हो गए हैं जबकि लिखित परीक्षा में 780 या इससे कम अंक प्राप्त करने वाले अन्य वर्गों के अधिकतर अभ्यर्थी भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं पुलिस सेवा से भी बाहर हो गए हैं।*
*सिविल सेवा परीक्षा 2020 में टॉप 100 अभ्यर्थियों में से साक्षात्कार में 190 या अधिक अंक वाले सभी अभ्यर्थी जनरल के है जैसे-*
*जागृति अवस्थी 193, अंकिता जैन 212 , यश जालूका 195, मीरा 206 ,अपाला मिश्रा 215, सत्य गांधी 201 ,सार्थक अग्रवाल 195 , नितेश कुमार जैन 206 ,कृष्ण कुमार सिंह 209, मैत्री नायडू 206 ,नारायण शर्मा 206 ,विनायक 212 , कनिष्का 206 , रजत 206 , सैलजा पांडे 193 , अनिशाम श्रीवास्तव 201, सोनाली वर्मा 201 ,आयुष गुप्ता 209, पित्र देव 198, सतत रक्षा 212 , शुभंकर बाला 206 , शवया गोयल 215 ,गरिमा 296, अनमोल मिश्रा 209 अंक. ये जनरल के भाग्यशाली अभ्यर्थी है जिन पर यूपीएससी द्वारा जाति के आधार पर साक्षात्कार में कृपा बरसा कर सीधा आईएएस बना दिया. *वर्ष 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में कुल 24 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में 190 या अधिक अंक दिए गए उनमें से एक भी अभ्यर्थी ओबीसी, एससी और एसटी से नहीं है। इससे स्पष्ट परिलक्षित होता है कि बोर्ड ने प्रत्येक वर्ग के लिए साक्षात्कार के 275 अंक में से अलग-अलग श्रेणी के अनुसार अंकों का दायरा निर्धारित कर रखा है इसके पीछे एकमात्र मंतव्य यही है की भारतीय प्रशासनिक सेवा अर्थात आईएएस के लिए अनारक्षित पदों पर एससी, एसटी और ओबीसी के कम से कम अभ्यर्थी चयनित हो ताकि इसका अधिक से अधिक फायदा सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को मिले. सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 1750 अंक की होती है एवं साक्षात्कार 275 अंक का होता है मुख्य लिखित परीक्षा में सामन्यतः टॉपर अभ्यर्थियों के 50% या उससे कम होते हैं लेकिन साक्षात्कार में 275 अंकों में से बोर्ड द्वारा जहां सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 190-220 अंक दिए जाते हैं वही आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिकतम 180 एवं इससे कम अंक दिए जा कर भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा में दोनों में सामान्य की मेरिट में इनके चयन की संभावना को कम कर दिया जाता है. जिसका उदाहरण वर्ष 2020 की परीक्षा के मेरिट सूची को देखने से सिविल सेवा परीक्षा 2020 की लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार अंकों का अवलोकन करने से स्पष्ट है की लिखित परीक्षा में बराबर अंक होने के बावजूद साक्षात्कार के अंकों के आधार पर यह जो व्यक्ति का भारतीय प्रशासनिक सेवा या पुलिस सेवा में चयन हो जाता है दूसरा व्यक्ति श्रेणी विशेष का होने पर भी इन दोनों सेवाओं से बाहर हो जाता है।*
*आजादी के 75 वर्ष बाद भी क्या इस तरह अभिजात्य वर्ग द्वारा संवैधानिक आयोग के बहाने सरकार द्वारा ओबीसी, एससी और एसटी के साथ भेदभाव किया जाता रहेगा. ओबीसी एससी और एसटी के जितने भी जनप्रतिनिधि है चाहे वे MP, MLA हो या मंत्री उन सभी को इस बात को पुरजोर तरीके से उठाना चाहिए कि इस तरह एससी एसटी और ओबीसी के साथ भेदभाव उचित नहीं है। उन्हें संघ लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष एवं आधे से ज्यादा सदस्य एससी एसटी और ओबीसी के नियुक्त करवाने का प्रयास करना चाहिए।*
विनीत
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