June 29, 2025

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चित्रकूट 18 अप्रैल* स्कूल चलो अभियान के तहत छात्र-छात्राओं ने रैली निकालकर अभिभावकों एवं बच्चों को जागरूक किया ।

चित्रकूट 18 अप्रैल* स्कूल चलो अभियान के तहत छात्र-छात्राओं ने रैली निकालकर अभिभावकों एवं बच्चों को जागरूक किया ।

चित्रकूट 18 अप्रैल* स्कूल चलो अभियान के तहत छात्र-छात्राओं ने रैली निकालकर अभिभावकों एवं बच्चों को जागरूक किया ।

 

 

संवाददाता – संजय मिश्रा यूपी आजतक वेबसाइट चैनल ब्यूरो चीफ चित्रकूट

 

 

चित्रकूट 18 अप्रैल* स्कूल चलो अभियान के तहत छात्र-छात्राओं ने रैली निकालकर अभिभावकों एवं बच्चों को जागरूक किया नन्हे नन्हे कदमों से स्कूल चले आना, पढ़ लिख कर वापस चले जाना ।

चित्रकूट के पहाड़ी ब्लाक के नांदी ग्राम पंचायत के कंपोजिट विद्यालय के छात्र-छात्राओं के द्वारा 18 अप्रैल 2023 को स्कूल चलो अभियान के तहत रैली निकालकर अभिभावकों को स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए जागरूक किया गया वही बच्चों को गाने के माध्यम से यह संदेश दिया गया की नन्हे नन्हे कदमों से स्कूल चले आना, पढ़ लिख कर वापस घर चले जाना।। एक और शासन प्रशासन परिषदीय विद्यालयों की व्यवस्थाओं एवं अधिक से अधिक छात्र संख्या हेतु तरह-तरह के अभियान चला रही है किंतु इसके बावजूद भी शासन प्रशासन की समस्त व्यवस्थाओं के बावजूद भी परिषदीय विद्यालयों में छात्र छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी संतोषजनक नहीं हो रही यह बड़ा सवाल है, अभिभावकों की अगर माना जाए तो उनका कहना है कि शासकीय विद्यालय के शिक्षकों को 70 से ₹80000 मासिक वेतन मिलता है फिर भी जिम्मेदारी के साथ बच्चों को अच्छी शिक्षा शासकीय स्कूलों में नहीं दी जा रही है क्योंकि अगर देखा जाए तो 95% शासकीय शिक्षकों के बच्चे अशासकीय स्कूलों में पढ़ रहे हैं और तो और चपरासी से लेकर अधिकारियों एवं नेताओं के बच्चे अशासकीय स्कूलों में क्यों पढ़ाये जा रहे हैं अभिभावकों का आगे कहना है कि अगर शासन प्रशासन व्यवस्थाओं के साथ-साथ छात्र-छात्राओं की शिक्षा एवं शिक्षकों की शिक्षा शैली एवं कार्यशैली का मासिक निरीक्षण शासकीय स्कूलों पर होना सुनिश्चित हो जाए तो निश्चित ही परिषदीय विद्यालयों में छात्र संख्या के साथ-साथ मध्यमवर्गीय बच्चों के अभिभावकों को भी अशासकीय स्कूलों से छुटकारा मिले एवं मासिक आर्थिक बोझ से भी अभिभावको को राहत मिलेगी लेकिन यह भी निश्चित है कि अगर शासन-प्रशासन परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के ऊपर यह निर्देश जारी कर देगी शासकीय शिक्षकों को भी अपने बच्चों का प्रवेश परिषदीय विद्यालय में ही सुनिश्चित होगा अन्यथा की स्थिति में शिक्षक को परिषदीय विद्यालय से कार्यमुक्त किया जायेगा। तो निश्चित ही शिक्षा के नाम पर दुकान चलाने वालों की मंशा पर पानी फिरेगा और शासन प्रशासन व जनता की मंशानुरूप विद्यालयों की शिक्षा और व्यवस्था सुदृढ़ रहेगी अभिभावकों के द्वारा दिए गए सुझाव पर शासन प्रशासन को विचार करना चाहिए।

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