May 18, 2024

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गोण्डा12अगस्त21*कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र में बालिका के शव को ठेलिया पर ले जाने के मामले में दरोगा सुनील सिंह व सिपाही लाइन हाजिर*

गोण्डा12अगस्त21*कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र में बालिका के शव को ठेलिया पर ले जाने के मामले में दरोगा सुनील सिंह व सिपाही लाइन हाजिर*

गोण्डा12अगस्त21*कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र में बालिका के शव को ठेलिया पर ले जाने के मामले में दरोगा सुनील सिंह व सिपाही लाइन हाजिर*
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( मृतक बालिका को विक्षिप्त बताये जाने से घटना को संदिग्ध बताते हुए लोगों में तरह की चर्चायें, निष्पक्ष एवं गहनता से जांच होने पर सामने आ सकती है हकीकत) —————————————- *कर्नलगंज/गोंडा ।* बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में कोतवाली क्षेत्र कर्नलगंज में तालाब में बालिका के उतराते हुए मिले शव को ठेलिया पर ले जाने का वीडियो वायरल होने और मामले की खबर मीडिया में चलने के बाद खुद को मित्र पुलिस कहलाने वाली कर्नलगंज पुलिस का अमानवीय शर्मनाक चेहरा उजागर हुआ जिससे काफी फजीहत होने और पुलिसिया निरंकुश कार्यप्रणाली का खुलासा होने से जिले के पुलिस कप्तान ने साख बचाने हेतु मामले का संज्ञान लेकर जिम्मेदारों को लाइन हाजिर कर दिया। मालूम हो कि बुधवार को कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र के ग्राम सोनवार (गड़रियन पुरवा) में एक तालाब में संदिग्धावस्था में मृतक बालिका के उतराते मिले शव को ठेलिया से 3 किलोमीटर दूर थाना कर्नलगंज तक लादकर ले जाने का वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में बेटी की मौत पर पुलिस वालों द्वारा ठेलिया पर उसके शव को रखवाकर 3 किलोमीटर दूर थाना तक भेजवाये जाने का मामला सामने आया जिसमें मृतक बालिका का पिता शव को ठेले पर धक्का लगा रहा है और परिवार का एक सदस्य ठेला चला रहा है। एक छोटी सी ठेलिया पर शव को रखकर जिस तरह से भिजवाया गया वह अमानवीय कृत्य होने के साथ ही शव के सम्मान के साथ खिलवाड़ है। जिस तरह से ठेला चालक आगे से ठेलिये चला रहा था और पीछे से मृतका का पिता धक्का लगा रहा था यह पूरा वीडियो पुलिस के संसाधनों पर सवालिया निशान लगा रहा है। मृतका के पिता ने भी बताया कि पुलिस वालों के कर्मचारियों ने ही उनसे शव को ठेलिये पर लादकर और ठेलिये को 3 किलोमीटर दूर कर्नलगंज ले जाने के लिए कहा था। बीती रात से बेटी गायब थी जबकि सुबह उसका शव संदिग्धावस्था में तालाब में मिलने के बाबत पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है। जिससे कर्नलगंज पुलिस के अमानवीय शर्मनाक चेहरे के उजागर होने के साथ ही मानवीय संवेदना भी तार-तार हुई। वहीं पुलिस विभाग के कर्मचारियों के अमानवीय कृत्य और विभाग के संसाधनों पर बड़ा सवाल उठने के साथ ही पुलिसिया कार्यप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा कर दिया।गंभीर सवाल यह भी है कि ऐसे में जब पुलिस विभाग के पास शव वाहन पहले से मौजूद है जो ऐसी ही घटना में प्रयोग लाने के लिए पुलिस विभाग को दिया गया तो फिर ऐसे कृत्य का जिम्मेदार कौन और क्या यही है जिले की मित्र पुलिस ?? जैसे सवालों की झड़ी लग गई। फिलहाल काफी फजीहत होने और पुलिसिया निरंकुश कार्यप्रणाली का खुलासा होने से जिले के पुलिस कप्तान सन्तोष कुमार मिश्रा द्वारा साख बचाने हेतु मामले का संज्ञान लेकर उक्त संबंध में विस्तृत जांच कराई गई तथा जांचोपरांत उप निरीक्षक सुनील सिंह व आरक्षी बिंद्रेश कुमार को लाइन हाजिर कर दिया है।जिम्मेदारों के विरुद्ध अन्य विभागीय कार्यवाही भी की जा सकती है।जिससे अपनी कारगुज़ारियों और तानाशाही से गोंडा जनपद की मित्र पुलिस एक बार से फिर से सुर्खियों में है। दूसरी ओर मृतक बालिका को विक्षिप्त बताये जाने से उक्त घटना को संदिग्ध बताते हुए लोगों में तरह की चर्चायें भी हैं और नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर कुछ लोगों ने कहा कि निष्पक्ष एवं गहनता से जांच होने पर हकीकत सामने आ सकती है जिससे घटना संदेह के घेरे में है।

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