कानपुर17मई23*होटलो व गेस्ट हाउस में प्रोग्राम करके लोग पुराने रश्मों रिबाजों को भूलते जा रहे हैं।
बेटी विवाह के पश्चात जब विदा होती है, तो
वह देहरी लांघते वक्त बिना पीछे पलटे अपने
पीछे की ओर चावल और पैसे उछाल कर विदा होती है। इसका तात्पर्य यह होता है कि वह लक्ष्मी स्वरुपा अपने साथ, मायके का सौभाग्य साथ नहीं लेकर जाए। और मायके में हमेशा अनधन भरा रहे । आजकल यह रस्म घर की बजाए फाइव स्टार होटल रिसॉर्ट एवं महंगी लान में अदा की जा रही है। इसीलिए सौभाग्य घर की बजाए होटल रिसॉर्ट पर ज्यादा बरस रहा है। बात को गहराई से समझने की बहुत आवश्यकता है, अभी समय है संभल जाएंगे तो अच्छा है। फैंसी बने लेकिन अपने परंपराओं को बचाकर कलेवर बदलिए कल्चर नहीं ।
13:51

More Stories
कानपुर देहात27अक्टूबर25*स्कूल कालेजों में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया गया।
लखनऊ27अक्टूबर25*सीएम ने भारत स्काउट्स एण्ड गाइड्स के 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की।
दिल्ली27अक्टूबर25 *तो झूठी थी DU छात्रा पर एसिड अटैक की कहानी? लेना चाहती थी पुराना बदला; अब खुला राज…*