कानपुर नगर28मई24*सीएसए कानपुर के मौसम वैज्ञानिक ने नौतपा को लेकर अलर्ट जारी किया है।
कानपुर नगर से मोनू सिंह कुशवाहा की रिपोर्ट यूपीआजतक
सीएसए कानपुर के मौसम वैज्ञानिक ने नौतपा को लेकर अलर्ट जारी किया है। जिसके अनुसार आगामी कुछ दिन आसमान से आग की बारिश होगी।
सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ेगी जिस कारणवश धरती खूब तपेगी।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिक एस एन सुनील पांडेय ने नौतपा को लेकर खास अलर्ट जारी किया है,
[28/05, 8:24 pm] Monu shivrajpur: मौसम को लेकर बड़ी अपडेट…
बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों के लिए राहत की बात है कि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मॉनसून को लेकर नया अपडैट जारी किया है।
मौसम विज्ञानियों की मानें तो मॉनसून केरल में 30 मई तक दस्तक दे सकता है।
मॉनसून की शुरुआत केरल से ही होती है। यूपी में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की वजह से बारिश होती है।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि केरल में जून के पहले हफ्ते में मॉनसून का आगमन हो जाएगा।
20 जून के आसपास मॉनसून यूपी में पूर्वी हिस्से की ओर से एंट्री करेगा। प्रदेश में 20 जून के आसपास मॉनसूनी बारिश देखने को मिल सकती है।
हालांकि इससे पहले भी यूपी के अलग-अलग इलाकों में छिटपुट बारिश हो सकती है।
[28/05, 9:02 pm] Monu shivrajpur: सीएसए कृषिवि०वि०ने जारी की किसानों के लिए एडवाइज़री:
गर्मियों में खेत को इस तरह करें तैयार, खरपतवार और कीटों से मिलेगी राहत
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अगर गर्मियों में मिट्टी की जुताई की जाती है तो सूर्य की रोशनी उन पर सीधी पड़ती है, जिससे मिट्टी में वायु संचार बढ़ता है। सूर्य की तेज किरणें जैसे की मिट्टी के अंदर सीधी जाती है, तो खरपतवारों के बीज सहित हानिकारक कीड़े मकोड़े भी मर जाते हैं।
गेहूं की कटाई के बाद अगर किसान धान की अच्छी पैदावार लेना चाहते हैं। किसानों को खेत में गहरी जुताई करनी चाहिए जिससे भूमि की ऊपरी सतह नीचे और निचली सतह ऊपर आ जाए।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अगर गर्मियों के महीने में आप गहरी जुताई करते हैं, तो इससे कई तरह के लाभ मिलते हैं। इससे उत्पादन के साथ-साथ आपको अगली फसल में खरपतवार भी नहीं देखने को मिलेगी।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अगर गर्मियों में मिट्टी की जुताई की जाती है तो सूर्य की रोशनी उन पर सीधी पड़ती है, जिससे मिट्टी में वायु संचार बढ़ता है। सूर्य की तेज किरणें जैसे की मिट्टी के अंदर सीधी जाती है, तो खरपतवारों के बीज सहित हानिकारक कीड़े मकोड़े भी मर जाते हैं। इससे किसानों को अगली फसल में बढ़िया उत्पादन मिलता है।
कीटों के अंडे हो जाते हैं नष्ट
गर्मियों मैं जमीन की गहरी जुताई करने से कीटनाशक नियंत्रित होते हैं। ऐसे कीट होते हैं जो अपने अंडों को मिट्टी की गहराई में रख देते हैं और पहली बारिश साथ विकसित होना शुरू हो जाते हैं। जब गर्मियों में गहरी जुताई की जाती है, जिससे अंडे ऊपर आ जाते हैं और पक्षियों द्वारा इनको नष्ट कर दिया जाता है।
खरपतवारों का होगा अंत
अगर आप गर्मियों के महीने में गहरी जुताई करते हैं, तो बहुत सी बहुवर्षीय खरपतवारों को रोका जा सकता है। इन खरपतवारों की जड़ जमीन में काफी गहरी फैली हुई होती है। अगर गर्मियों में गहरी जुताई दो-तीन बार की जाए, तो यह जड़ से नष्ट हो जाती है।
जुताई से मिलेगी नाइट्रोजन
अगर जमीन के गहरी जुताई कर दी जाती है, तो भरपूर मात्रा में वायु संचार होता है। सूरज की किरणें जब मिट्टी के अंदर जाती है, तो पौधे खनिज पदार्थों को आसानी से ग्रहण कर लेते है। जुताई करने के बाद जमीन को धूप और वायु प्राप्त भरपूर मात्रा में मिलती है, जिससे मिट्टी में नाइट्रोजन तेजी से बनता है।
इस तरीके से करें खेत की जुताई
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गर्मियों में 15 सेंटीमीटर गहरी जुताई करनी चाहिए। खेत में डाल के आधार पर जुताई करनी चाहिए। अगर ढाल पूर्व से पश्चिम की ओर है, तो जुताई उत्तर से दक्षिण की ओर करनी चाहिए। जुताई करने के लिए डिस्क हैरो सबसे बेस्ट रहता है।
डॉ०यस०यन०सुनील पांडेय
कृषि मौसम वैज्ञानिक
सस्य विज्ञान विभाग
चंद्र शेखर आज़ाद कृषि वि०वि०कानपुरल
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