May 12, 2024

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कानपुर नगर22दिसम्बर23*विनायकपुर के मां मुंडेरी देवी मंदिर में चल रही श्री राम कथा का हुआ समापन*

कानपुर नगर22दिसम्बर23*विनायकपुर के मां मुंडेरी देवी मंदिर में चल रही श्री राम कथा का हुआ समापन*

कानपुर नगर22दिसम्बर23*विनायकपुर के मां मुंडेरी देवी मंदिर में चल रही श्री राम कथा का हुआ समापन।

 

कानपुर नगर से रेशमा बेगम की खास रिपोर्ट यूपीआजतक।

 

कानपुर नगर के हवन एवं विशाल भंडारे में उमड़ी भारी भीड़ 200 से 250 सौ वर्ष पुराने इस मंदिर में मुंडेरी देवी माता बहुत सच्ची है और सभी की मनोकामनाएं जल्द से जल्द करती हैं पूर्ण। – कथावाचक श्री अशोक मिश्रा कानपुर के विनायकपुर स्थित मां मुंडेरी देवी मंदिर में श्री राम कथा महोत्सव के अंतर्गत कथावाचक श्री अशोक कुमार मिश्रा के द्वारा श्री राम कथा का समापन हो गया। श्री अशोक कुमार मिश्रा के मुखारविंद से राम कथा का श्रवण कर क्षेत्र की जनता धन्य हो गई, मंदिर कमेटी के साथ-साथ क्षेत्र के अन्य गणमान्य लोगों ने इस महोत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस महोत्सव में भारी मात्रा में भक्तों की भीड़ कथा सुनने के लिए उमड़ी। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कथावाचक श्री अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि श्री राम कथा की शुरुआत प्रथम दिन 14 दिसंबर को कलश यात्रा और राम कथा का महत्व बताए जाने के साथ हुई थी उसके बाद दूसरे दिन 15 दिसंबर को शंकर पार्वती जी के विवाह की चर्चा की गई थी, तीसरे दिन 16 दिसंबर को प्रभु राम के जन्म का कारण और उनके जन्म की कथा बताई गई थी ,कथा के चौथे दिन 17 दिसंबर को प्रभु राम की बाल लीलाएं और उनके विवाह की कथा सुनाई गई थी, पांचवें दिन 18 दिसंबर को प्रभु राम के वन जाने के करण को सभी भक्तों को बताया गया था ,तत्पश्चात कथा के छठवें दिन 19 दिसंबर को भरत जी द्वारा प्रभु राम को मनाने जाना और उनकी खड़ाऊ लेकर वापस आना, सबरी को नवधा भक्ति का उद्देश्य, प्रभु राम और सुग्रीव का मिलन, बाली का वध वानरों द्वारा माता जानकी की खोज करना और समुद्र तट तक पहुंचाना सभी भक्तों को विधिवत बताया गया था, उसके बाद आठवें दिन 20 दिसंबर को सुंदरकांड में हनुमान जी की चर्चा विस्तार के साथ की गई थी, उसके बाद कार्यक्रम के नवी दिन 21 दिसंबर को रामेश्वरम की स्थापना , कुंभकरण का वध ,मेघनाथ का वध, सुलोचना का सती होना, रावण का वध ,विभीषण का राज्याभिषेक, प्रभु राम का वापस अयोध्या लौटकर आना और उनका राज्याभिषेक आदि के बारे में सभी भक्तों को विधिवत कथा के माध्यम से बताया गया। कार्यक्रम के दसवे दिन 22 दिसंबर को हवन के पश्चात विशाल भंडारे के आयोजन में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नरेंद्र सिंह तोमर, पं उमेश दुबे, डी एन सिंह, अभय दुबे, गिरीश सारस्वत, आर के त्रिपाठी ,दया सिंह, श्याम बाबू दुबे, विकास तिवारी, अशोक अवस्थी, अरविंद कटियार, नरेंद्र सिंह राठौड़ नरेंद्र सिंह सिंगर, एम एल द्विवेदी उपेंद्र पांडेय आदि अनेकों लोग शामिल हुए।

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