June 25, 2025

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कटिहार24जून25* बेहतर स्वास्थ्य जांच और उपचार के लिए जिले के 06 बच्चों को भेजा गया आईजीआईसी, पटना

कटिहार24जून25* बेहतर स्वास्थ्य जांच और उपचार के लिए जिले के 06 बच्चों को भेजा गया आईजीआईसी, पटना

कटिहार24जून25* बेहतर स्वास्थ्य जांच और उपचार के लिए जिले के 06 बच्चों को भेजा गया आईजीआईसी, पटना

-जिलाधिकारी के आदेश पर एम्बुलेंस द्वारा सभी बच्चों को परिजनों के साथ भेजा गया है पटना, जांच और उपचार की ली जा रही है जानकारी

-बाल हृदय योजना के तहत जांच और उपचार के सभी खर्च का वहन करती है राज्य सरकार

कटिहार, 24 जून

जन्म के साथ विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की विशेष जांच और उपचार के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) का आयोजन किया जाता है। इसके तहत जन्म के साथ विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित बच्चों को परिजनों के साथ विशेष जांच और उपचार के लिए आईजीआईसी, पटना भेजा जाता है। वहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बच्चों की जांच के बाद ग्रसित बच्चों को आवश्यक उपचार विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। बाल हृदय योजना के तहत ग्रसित बच्चों की जांच और उपचार के लिए कटिहार जिले के 06 बच्चों को परिजनों के साथ जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा द्वारा एम्बुलेंस के माध्यम से आईजीआईसी, पटना भेजा गया है। पटना में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच के बाद स्वास्थ्य परिस्थितियों के अनुसार ग्रसित बच्चों का उपचार आईजीआईसी, पटना में या हैदराबाद में कराया जाएगा।

आरबीएसके के तहत जन्म के साथ गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों का जांच और उपचार जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है : जिलाधिकारी

जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा द्वारा कहा गया है कि राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत जन्म के साथ गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों का विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच और उपचार सुविधा का लाभ जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना के तहत जन्मजात बच्चों में होने वाले कुल 38 तरह के रोगों का निःशुल्क इलाज राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। इसमें जन्मजात बच्चों का चर्मरोग, दाँत व आँख संबधी रोग, टीबी, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चों के कटे होंठ व तालु संबधी रोग आदि शामिल हैं। बाल हृदय योजना के तहत हृदय में जन्मजात छेद सहित अन्य हृदय संबंधी रोगों का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति में बेहद आसान हो चुका है। ऐसे बच्चों की जांच और उपचार के लिए आरबीएसके के माध्यम से जिले के 06 बच्चों की पहचान की गई है जिन्हें परिजनों के साथ जांच और उपचार के लिए आईजीआईसी पटना भेजा गया है। सभी बच्चों को परिजनों के साथ जांच और उपचार की सभी सुविधाएं राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। समय पर जांच और उपचार से बच्चे स्वस्थ और सुरक्षित रहते हुए स्वस्थ जीवन का लाभ आसानी से उठा सकेंगे।

बाल हृदय योजना के तहत जांच और उपचार के सभी खर्च का वहन करता है राज्य सरकार :

सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि नवजात शिशुओं के जन्मजात रोगों से ग्रसित बच्चों के जांच और उपचार का प्रावधान राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाल हृदय योजना के तहत आरबीएसके के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों से उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए चिन्हित बच्चों को पहले जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों से जांच के लिए आईजीआईसी पटना भेजा जाता है। जांच के बाद रिपोर्ट के बाद ग्रसित बच्चों को उपचार के लिए पटना या हैदराबाद भेजा जाता है जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बच्चों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ग्रसित बच्चों के सभी जांच और उपचार संबंधी सभी वहन राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है। इससे परिजनों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क जांच और उपचार सुविधा आसानी से उपलब्ध कराई जाती है जिससे बच्चे समय पर स्वस्थ और सुरक्षित होते हैं।

योजना के तहत बच्चों के नि:शुल्क जांच व इलाज का प्रावधान :

सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत हृदय रोग से ग्रसित ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। इसे लेकर आरबीएसके की टीम द्वारा बीमार बच्चों को पहले चिह्नित किया जाता है। चिह्नित बच्चों की सूची वरीय संस्थान को भेजा जाता है। वहां काउंसिलिंग के बाद बीमार बच्चों को जरूरी इलाज के लिये बेहतर चिकित्सा संस्थान भेजा जाता है। इलाज पर आने वाले सारे खर्च के साथ आने-जाने में होने वाला परिवहन खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है। यहां तक की जरूरी जांच व अन्य किसी कारणों से दोबारा बुलाये जाने पर आने वाला खर्च भी सरकार देती है। इससे परिजनों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति में जांच और उपचार सुविधा आसानी से उपलब्ध कराई जाती है और बच्चे समय पर स्वस्थ और सुरक्षित होकर सामान्य जीवन का लाभ उठाते हैं। इसके लिए आरबीएसके के तहत जिले के 06 बच्चों को चिन्हित किया गया है। इसमें गौशाला कटिहार से रंजीत यादव के 10 माह के बच्चे सिद्धार्थ कुमार, बौरा मालिक पहलागढ़ भोगांव कदवा से मो. जाहिर के 04 वर्षीय बच्चे रेहान, छातियाँ परवेली कदवा से विकास कुमार के 02 माह के बच्चे वैभव कुमार, गौरीपुर प्राणपुर से विकास कुमार के 01 वर्षीय पुत्र अदित्य कुमार यादव, निझारा सोनौली, कदवा से रबिन्द्र कुमार दास के 02 वर्षीय पुत्र शौर्य कुमार और ग्रामरहता पीरमोकाम फलका से ओमप्रकाश राय के 10 माह के पुत्र ऋषभ कुमार को आईजीआईसी पटना भेजा गया है। जांच के बाद सभी बच्चों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि बच्चे ग्रसित बीमारियों से सुरक्षित होकर सामान्य जीवन सुविधा का आसानी से लाभ उठा सकें।

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