April 20, 2024

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

औरैया03अगस्त*बरसात में गौशालाओं में गोवंशों की हो रही दुर्दशा आवास विकास गौशाला में दो गाय मरी*

औरैया03अगस्त*बरसात में गौशालाओं में गोवंशों की हो रही दुर्दशा आवास विकास गौशाला में दो गाय मरी*

औरैया03अगस्त*बरसात में गौशालाओं में गोवंशों की हो रही दुर्दशा आवास विकास गौशाला में दो गाय मरी*

*गोवंश आश्रय केंद्र मिर्जापुर में गंदगी व कीचड़ की भरमार सेवादार परेशान*

*औरैया।* बरसात के मौसम में गौशालाओं में गायों की दुर्दशा देखी जा सकती है। स्थानीय आवास विकास में स्थित गौशाला में गोवंशों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। उक्त गौशाला में बुधवार को दो गाय मरी पड़ी देखी गई। जिसे उठाने की सुध न तो गौशाला संचालक ने ही ली और ना ही प्रशासन ने। इसी तरह से विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत जैतापुर के मजरा मिर्जापुर बेरमशाह में भी गंदगी एवं कीचड़ के चलते गोवंशों की दुर्दशा है। गोवंश को चारा आदि देने के लिए सेवादारों को कीचड़ में घुसकर चारा दाना पानी देना पड़ता है। जिससे सेवादारों में आक्रोश व्याप्त है। वही समय से वेतन भुगतान नहीं होने पर सेवादारों ने नाराजगी व्यक्त की है। सेवादारों ने समय से भुगतान कराए जाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई है।
बुधवार को जब संवाददाता गौशालाओं का जायजा लेने के लिए स्थानीय आवास विकास में स्थित गौशाला पहुंचा तो वहां पर गोवंश इधर-उधर घूमते देखे गये। इसके अलावा गौशाला के अंदर ही दो गाय मरी पड़ी हुई देखी गई। गायों की सुरक्षा के लिए बरसात के मौसम में छाया का भी पर्याप्त इंतजाम नहीं है। जिससे गोवंश बरसात में भीगते रहते हैं। गौशाला के अंदर मरी पड़ी दो गायों को ना तो गौशाला संचालक ने ही उठवाया और ना ही पालिका परिषद ने। इस संबंध में जब गौशाला संचालक से बात करनी चाही तो वह गौशाला में उपस्थित नहीं थे और ना ही कोई कर्मचारी था। इसी तरह से संवाददाता जब औरैया विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत जैतापुर के मजरा बेरमशाह स्थित गोवंश आश्रय स्थल गौशाला में पहुंचा तो वहां पर पाया कि गोवंश दलदली जमीन पर कीचड़ में अपनी दुर्दशा बयां कर रहे हैं। इस संबंध में जब गोवंश आश्रय स्थल के प्रमुख सेवादार देवेंद्र सिंह से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि गौशाला में इस समय कमोवेश 475 गोवंश हैं। आगे कहा कि गोवंशो की देखरेख के लिए 11 सेवादार कर्मचारी तैनात हैं, जिनमें से 9 कर्मचारी दिन के समय गोवंशों को अपनी सेवा देते हैं , वही रात के समय 2 सेवादार मौजूद रहते हैं। उन्होंने बताया कि इस समय गौशाला में करीब 75 कुंटल भूसा उपलब्ध है। इसके अलावा प्रतिदिन तीन ट्रैक्टर ट्राली हरा चारा (कटिया) मशीन से कटकर आता है, जो गोवंशों खिलाया जाता है। इसके अलावा पास के गांव कुम्हापुर में भूसे का स्टाक है। सेवादार ने कहा कि बरसात के मौसम के चलते गौशाला की जमीन दलदली कीचड़ युक्त हो गई है, जिससे गोवंशों को भी परेशानी हो रही है। वही सेवादारों को भी गोवंशों को चारा खिलाने व पानी पिलाने में कीचड़ में घुसकर जाना पड़ता है, जिससे उनके पैरों में खरवा हो गये हैं। यदि प्रशासन द्वारा गोवंश आश्रय केंद्र में राविश प्रशासन द्वारा डलवा दी जाए तो समस्या से हद तक निजात मिल सकती है। सेवादारों ने बताया कि वह अपनी ड्यूटी जिम्मेदारी के साथ करते हैं। इसके बावजूद उन्हें दैनिक रूप में 160 रुपये पारिश्रमिक के रूप में मिलते हैं जो पर्याप्त नहीं हैं। यह धनराशि भी समय से उपलब्ध नहीं होती है। जिससे उनके सामने विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। जो भी पारिश्रमिक मिलता है , वह समय से मिले इसके लिए वह लोग जिला प्रशासन से मांग करते हैं , कि उनका भुगतान समय से कराया जाए , जिससे उन्हें व उनके परिवार को समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े। शहर के संभ्रांत , बुद्धिजीवी एवं वरिष्ठ नागरिको ने कहा है कि यहां यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि यदि कीचड़ युक्त दलदली भूमि से गोवंशो को मुक्त नहीं किया गया तो गोवंशों में बीमारियां फैलने व खुरपका रोग होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। देखना है कि प्रशासन इस ओर क्या कदम उठाता है?

About The Author

Taza Khabar