September 17, 2024

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औरैया 27 अप्रैल *श्रोता की श्रद्घा कितनी गहरी है,उसी गहराई के अनुसार ही भक्ति का फल मिलता है -आचार्य केशवम*

औरैया 27 अप्रैल *श्रोता की श्रद्घा कितनी गहरी है,उसी गहराई के अनुसार ही भक्ति का फल मिलता है -आचार्य केशवम*

औरैया 27 अप्रैल *श्रोता की श्रद्घा कितनी गहरी है,उसी गहराई के अनुसार ही भक्ति का फल मिलता है -आचार्य केशवम*

*दिबियापुर,औरैया।* श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण ही मानव जीवन के उद्धार की सीढ़ी है, शर्त सिर्फ इतनी है कि श्रोता की श्रद्घा कितनी गहरी है, क्योंकि उसी गहराई के अनुसार ही भक्ति का फल मिलता है। यह बातें श्री बाबा परमहंस गुरु सेवा (दल) समिति द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस में परम् पूज्य आचार्य केशवम् अवस्थी जी महाराज ने अपने श्री मुखारविंद से बताई। आचार्य श्री ने कहा हृदय से किया गया प्रभु स्मरण मनुष्य के मोक्ष के द्वार खोलने का काम करता है। इसलिए अपने मन को काबू में रखते हुए अपने हृदय को प्रभु चरणों में समर्पित रखिए। आचार्य श्री ने आगे कहा कि अगर आप बीमार हैं तो बिना दवा के ठीक नहीं होंगे, ठीक इसी प्रकार जब तक शास्त्र संगत अच्छा सत्संग नहीं करेंगे, तब तक आपके मन का इलाज नहीं हो सकता। कथा में श्रोताओं की भारी भीड़ में कथा का आयोजन श्री बाबा परमहंस महाराज गुरु सेवा दल समिति द्वारा किया जा रहा है रात्रि में रामकथा का भी आयोजन होता है। विश्राम 3 मई को, पूर्णाहुति एवं भंडारा 4 मई को होगा। श्रीमद भागवत कथा प्रतिदिन दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक एवं श्रीराम कथा रात आठ बजे से दस बजे तक होगी। आयोजकों ने रेल ग्राउंड स्थित बगिया में अधिकाधिक आस्थावानों से कथा श्रवण के लिए पहुंचने का आवाहन किया है।

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