औरैया 16 नवंबर *पत्नी व बच्चे को खोने के बाद पीड़ित को नहीं मिला न्याय ली न्यायालय की शरण*
*गत 27 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा के चलते पत्नी को कराया था अस्पताल में भर्ती*
*एएनएम आशा वर्मा पर लगाया था 5 रुपए मांगने का आरोप*
*औरैया।* विकासखंड भाग्यनगर क्षेत्र के ग्राम तर्रई निवासी एक युवक ने 50 शैय्या युक्त जिला संयुक्त चिकित्सालय में विगत 27 अक्टूबर को अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा के चलते भर्ती कराने आया था। इससे पूर्व एक एएनएम के द्वारा नकदी की मांग की गई, साथ ही अस्पताल से बाहर पत्नी को ले जाने के लिए कहा। जिस पर वह अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल के बाहर आ गया। उसी समय सीएमएस ने सड़क पर आकर पीड़ित से कहा था कि कोई भी रुपए नहीं मांगेगा भर्ती करा दो। जिस पर पीड़ित ने अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन अस्पताल के अंदर पत्नी कि कोई भी देखरेख नहीं की गई। रात के 1:30 बजे गंभीर हालत में उसे ऑक्सीजन लगाकर सैफई रेफर कर दिया। रास्ते में ही उसकी पत्नी एवं गर्भ में पल रहे बच्चे की मृत्यु हो गई। पीड़ित ने महिला स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया था। न्याय के लिए वह इधर-उधर भटकता रहा, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई। जिस पर पीड़ित ने बुधवार को न्यायालय का सहारा लेते हुए 4 महिला स्टाफ पर मुकदमा पंजीकृत कराने के लिए शरण ली है। इसके साथ ही इस आशय का एक लिखित पत्र पुलिस अधीक्षक औरैया को भी भेजा है।
फफूँद थाना क्षेत्र के ग्राम तर्रई निवासी सज्जन बाबू 38 वर्ष पुत्र लाखन सिंह ने एक अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय श्रीमान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट औरैया को मुकदमा पंजीकृत कराने के लिए एक लिखित प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें उसने कहा है कि गत 27 अक्टूबर 2022 को अपनी पत्नी विमला देवी को प्रसव पीड़ा होने के कारण 50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय लेकर आया था। उसकी पत्नी की हालत बहुत खराब थी। इसलिए प्रार्थी ने तत्काल मौके पर मौजूद डॉ सीमा गुप्ता से बात की तो डॉक्टर सीमा गुप्ता व उपस्थित स्टाफ ने उससे कहा कि वह जाकर एएनएम आशा वर्मा से बात करें। इसके बाद ही उसकी पत्नी को भर्ती किया जाएगा। जब प्रार्थी ने एएनएम आशा वर्मा से संपर्क किया तो आशा वर्मा ने उससे कहा कि 5 हजार रुपए दो, यह पैसा उसे डॉक्टर सीमा गुप्ता व अन्य स्टाफ को भी देना पड़ता है। इसके बाद ही प्रार्थी की पत्नी को भर्ती किया जाएगा। प्रार्थी के पास 5000 रुपए नहीं थे। इसके लिए उसने आशा वर्मा से असमर्थता जाहिर की। उसी समय उपरोक्त एएनएम ने पैसे नही होने की बात पर प्रार्थी को फटकारते हुए कहा कि यदि तुम पैसे नहीं दोगे तो प्रार्थी की पत्नी ऐसे ही तड़पती रहेगी और उसे कोई भी चिकित्सा सहायता उपलब्ध नहीं की जाएगी। प्रार्थी गिडगिडाता रहा और वहां पर उपस्थित डॉक्टर व स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते प्रार्थी की पत्नी की हालत बद से बदतर होती चली गई। इसी बीच किसी व्यक्ति ने प्रार्थी की पत्नी विमला देवी को जमीन पर पड़े हुए तड़पते समय वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसके चलते सीएमएस राजेश मोहन गुप्ता तत्काल मौके पर आये और प्रार्थी की पत्नी को भर्ती करवाया और गंभीर हालत के चलते प्रार्थी की पत्नी को सैफई/हैलट कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया। प्रार्थी अपनी पत्नी को सैफई ले जा रहा था। रास्ते में ही गंभीर हालत के चलते प्रार्थी की पत्नी विमला देवी व उसके गर्भ में पल रहे शिशु की मृत्यु हो गई। जिसके जिम्मेदार सरकारी अस्पताल औरैया में मौजूद डॉक्टर व स्टाफ है। प्रार्थी अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करने के उपरांत जब उक्त घटना की रिपोर्ट लिखाने थाने गया तो प्रार्थी की रिपोर्ट नहीं लिखी गई। तब प्रार्थी ने एक प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक औरैया को आज बुधवार को ही रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से प्रेषित किया है। मजबूरन प्रार्थी न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रहा है। उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रार्थी की रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने के लिए थानाध्यक्ष औरैया को आदेशित किया जाना न्याय संगत है।
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