औरैया 01 अप्रैल *संतुलित भोजन शरीर की हर आवश्यकता की पूर्ति करता है- डॉक्टर मिथुन मिश्रा*
*औरैया।* आजादी का अमृत महोत्सव राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आईएनओ व सूर्या फाउंडेशन द्वारा आयोजित रोग मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर संपन्न हुआ। स्थानीय सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कॉलेज औरैया में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व् दीप प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य कुंवर पाल सिंह एवं मुख्य वक्ता डॉ गुरु प्रताप ने सामूहिक रूप से किया।
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार व उसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ गुरु प्रताप ने योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पर व्याख्यान देते हुए बताया कि मिट्टी पानी धूप हवा। इससे अच्छी नहीं दवा।। कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं के बिगड़ते स्वास्थ्य व दिन प्रतिदिन शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की वजह स्पष्ट करते हुए डॉ गुरु प्रताप ने स्वस्थ रहने के उपाय बताते हुए प्रणव प्राणायाम व प्राकृतिक रूप से शीतोष्ण जल स्नान कटि स्नान मेहन स्नान वाष्प स्नान के साथ सामान स्नान के बारे में भी विस्तृत रूप से बताया। वही छात्र-छात्राओं के बिगड़ते स्वास्थ्य के कारणों को बताते हुए आधुनिक खान-पान व अनियमित दिनचर्या को अस्वस्थता की मुख्य वजह बताया। इसी बीच प्राकृतिक चिकित्सा के अंतर्गत मिट्टी चिकित्सा को उदर रोगों मैं ही नहीं सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी मिट्टी के महत्व को समझाया कि किस तरह अनेकों रूपों में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मिट्टी का प्रयोग हम सब कर सकते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य कुंवर पाल सिंह ने उपस्थित छात्र छात्राओं को आजादी के अमृत महोत्सव का महत्व बताते हुए ज्ञात कराया कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाते समय हम सबको देश के प्रति अपने अपने कर्तव्यों का ध्यान रखना जरूरी है। अन्यथा झूठी शोक संवेदनाएं व्यक्त कर आपस में एक दूसरे को कमजोर करना स्वयं को असहाय बनाता है। कार्यक्रम संयोजक व कोऑर्डिनेटर आईएनओ जनपद औरैया डॉ योगेंद्र कुमार उर्फ मिथुन मिश्रा ने विद्यालय के छात्र छात्राओं एवं शिक्षक गणों का आभार व्यक्त कर योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि संतुलित आहार एवं संयमित आचरण का अनुपालन ही जिंदगी जीने की सबसे बड़ी कला है, क्योंकि बिना संतुलित आहार के शरीर और मन स्वस्थ और शांत नहीं रह सकता, ऐसे में संतुलित आहार शरीर की हर आवश्यकता की पूर्ति करता है। तो क्यों नहीं हम सब प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व को समझें , और शरीर की आंतरिक शुद्धि के लिए शंख प्रक्षालन जल नेती रबड़ नेति व कुंजल क्रिया के माध्यम से शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। ऐसी तमाम स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने के साथ उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं विद्यालय परिवार के लोगों को बिना दवा स्वस्थ रहने की कला बताते हुए ध्यान का अभ्यास कराया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्यालय व्यवस्था प्रमुख शिक्षक देशमुख ने सभी मेहमानों का माल्यार्पण कर स्वागत किया व अंत में इसी प्रकार आगे भी स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों के बारे में उत्सुकता जताई। उपस्थित 100 से अधिक छात्र छात्राओं को फल वितरण के साथ स्वस्थ रहने का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम में शिक्षक उदय प्रताप , मनीष , जय पोरवाल , अमन , तरुण एवं शिक्षिका सुनीता , रंजना , रिचा , सुलेखा , आरती , पूजा , ऊषा , मीना एवं विशेष रूप से संजीव उपस्थित रहे।
 
 
 
 
 

 
                   
                   
                   
                  
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