इटावा 11 अगस्त *सैफई में सीओ की मिलीभगत से हिस्ट्रीशीटर अपराधी अरुण यादव लयूआ द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है अवैध खनन*
*रात्रि 10 बजे से सुबह 10 बजे तक धरती का सीना चीरती है जेसीबी*
*अपराधी पर इटावा मैनपुरी के करहल, सैफई, सिविल लाइन, फ्रेंडस कालौनी में एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज*
*बसरेहर, चौविया, बैदपुरा, सिविल लाइन में चल रहा है खनन का कारोबार*
*तत्कालीन एसएसपी इटावा की गाड़ी में टक्कर व कुम्हावर बाजार में फायरिग कर आया चर्चा में*
*सीओ सैफई साधुराम के संरक्षण में चल रहा है अवैध खनन का कारोबार*
(सुघर सिंह सैफई)
इटावा। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां अवैध खनन को लेकर सख्त हैं वहीं इटावा एसएसपी डॉक्टर बृजेश कुमार सिंह खनन माफियाओं पर लगातार शिकंजा कस रहे हैं। लेकिन सैफई सर्किल के सीओ साधूराम अपने क्षेत्र में टॉप टेन अपराधी रहे हिस्ट्रीशीटर अरुण यादव उर्फ लयूआ यादव के द्वारा बड़े पैमाने पर खनन कराने व अपराधी को संरक्षण देने में जुटे हैं सैफई सीओ साधु राम के संरक्षण में सैफई सर्किल क्षेत्र के थानों में अवैध खनन का कारोबार फल-फूल रहा है अवैध खनन का यह कारोबार कोई आम आदमी नहीं बल्कि सैफई थाने का पूर्व टॉप टेन अपराधी हिस्ट्रीशीटर अरुण यादव उर्फ लयूआ द्वारा किया जा रहा है। आतंक का पर्याय लयूआ पर पुलिस भी हाथ डालने से कतराती है। दो से तीन बिना नम्बर व आधे अधूरे नम्बर की गाड़ियों के काफिले में चलने वाला लयूआ यादव के साथी दूसरे के शस्त्र लाइसेंस किराए पर लेकर चलते है इसके साथ ही अवैध असलाह लेकर भी चलता है लेकिन किसी की क्या मजाल जो लयूआ यादव की गाड़ी चेक कर लें।
सैफई थाने का पूर्व टॉप टेन अपराधी अरुण यादव उर्फ लयूआ पुत्र रामाधार यादव ग्राम भदेही थाना सैफई जनपद इटावा का निवासी है और इसका आतंक सिर्फ पूरे इटावा ही नहीं बल्कि मैनपुरी जनपद में भी है लयूआ यादव के पास खुद लखनऊ के नंबर की एक सफारी गाड़ी सफेद रंग व एक स्कॉर्पियो एक बोलेरो तीन गाड़ियों के काफिले में चलता है और इसके साथ अपराधी प्रवृत्ति के 10 – 12 लड़के 24 घण्टे साथ मे रहते हैं सभी असलाहों से लैस रहते हैं। क्षेत्र के लोगों ने इनके भय व आतंक से तंग आकर तमाम बार पुलिस को सूचना करके इसकी गाड़ियों के बारे में जानकारी दी लेकिन आज तक थाना पुलिस यह पता नहीं कर सकी कि लखनऊ की जिस नंबर की गाड़ी लयूआ यादव प्रयोग करता है वह गाड़ी किसके नाम है आतंक का पर्याय बने लयूआ यादव ने इटावा के तत्कालीन एसएसपी की गाड़ी में टक्कर मारी थी और समय काफी चर्चा में आया था लेकिन सत्ता के दबाव में अन्य मुकदमा लगाकर जेल भेजा गया था। लयूआ यादव के खिलाफ थाना करहल जनपद मैनपुरी में भी तीन मुकदमे दर्ज हैं अकेले सैफई थाने से लयूआ यादव लगभग 11 बार जेल जा चुका है इसके अलावा थाना फ्रेंड्स कॉलोनी थाना सिविल लाइन से भी जेल जा चुका है वर्तमान में लयूआ यादव इटावा जनपद में दिन में घूम कर प्लाटिंग में मिट्टी भरने का ठेका लेता है और रात के अंधेरे का फायदा उठाकर स्थानीय थाने की पुलिस और सीओ सैफई से सेटिंग करके मिटटी डलवाता है सिविल लाइन, थाना फ्रेंड्स कॉलोनी के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक नवरत्न गौतम के संरक्षण में लयूआ यादव ने इटगांव के पास मूंगापुर पर बड़े पैमाने पर खनन किया था। जिसकी जानकारी मिलने पर तत्कालीन एसएसपी आकाश तोमर ने खनन पर रोक लगाई थी लेकिन जैसे ही नवरत्न गौतम को जसवंत नगर का चार्ज दिया गया तो लयूआ यादव ने जसवंत नगर में एसओ नवरत्न गौतम और सीओ साधु राम से सेटिंग बना ली और इन दोनों अधिकारियों के संरक्षण में बड़े पैमाने पर खनन करने लगा। यह बात अन्य खनन माफियाओं को हजम नहीं हुई तो उन्होंने जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी जसवंतनगर को फोन करके रात्रि में इसकी जेसीबी और डंपर जसवंत नगर थाने में बंद करा दिया और मुकदमा दर्ज किया। लयूआ व इसके साथियों को मौके से भगा दिया। कई महीने तक जसवंतनगर में उक्त जेसीबी और डंपर खड़ा रहा और रिलीज होने के बाद लयूआ यादव फिर अवैध खनन के अपने काम में जुट गया।
लयूआ यादव पुलिस से सेटिंग करके रात में अवैध खनन करता है अगर कोई स्थानीय पुलिस से शिकायत करता है तो स्थानीय पुलिस शिकायतकर्ता की बात को अनसुना कर देती है लेकिन जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारी को की जाती है तो पुलिस मौके पर जाती है और लयूआ यादव को वह उसकी जेसीबी डंपर को जाने के लिए कह कर वापस चले आते हैं और अधिकारी को रिपोर्ट दे देते हैं अथवा कोई खनन नहीं हो रहा था अथवा यह कह देते हैं कि खनन हो रहा था और गाड़ियां भाग गई जब कि जेसीबी इतना तेज नहीं भाग सकती उसके बाद भी खनन माफियाओं के इशारे पर पुलिस स्थानीय थाना पुलिस उच्चाधिकारियों को गुमराह करती है और अपराधियों को संरक्षण व अपराधियों का साथ देती है कल रात्रि 10 बजे सैफई के एक मीडिया कर्मी को खबर मिली के वैदपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम रामेंत के पास सैफई थाने का हिस्ट्रीशीटर अपराधी अरुण यादव उर्फ लयूआ अवैध खनन कर रहा है और उसने दो जेसीबी, पांच डंपर, और कई ट्रैक्टर लगा रखे हैं मीडिया कर्मी ने इसकी सूचना एसएसपी इटावा, और थाना अध्यक्ष वैदपुरा, को फोन पर दी उस समय वैदपुरा थानाध्यक्ष फ्रेंड्स कॉलोनी थाना क्षेत्र में दबिश में गए हुए थे तो उन्होंने अपने अधीनस्थ को कार्यवाही के लिए भेज दिया और आदेश दिए कि अपराधी व गाड़ी को पकड़कर के लाइए लेकिन स्थानीय हलका इंचार्ज से खनन माफियाओं की पूरी सेटिंग रहती है मौके पर पुलिस पहुंची और खनन बंद करा कर वापस लौट आई। गुप्त सूत्रों ने बताया कि इससे 2 दिन पूर्व भी सीओ को खनन के बारे में जानकारी दी गई लेकिन ने मौके पर पुलिस आई ने खनन बंद हुआ क्यों किसी को भी खनन के मामले में बराबर किया जाता है। खनन माफिया के तार स्थानीय थाने के साथ-साथ सर्किल के सीओ साधु राम से भी जुड़े हैं क्योंकि साधु राम की जसवंतनगर में तैनाती के दौरान अरुण यादव उर्फ लयूआ व सीओ साधुराम की अच्छी मित्रता हो गयी। जसवंत नगर में वर्तमान कोतवाल नवरत्न गौतम के कार्यकाल में और साधु राम सीओ के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया है।
*खनन माफिया, पूर्व टॉप टेन अपराधी हिस्ट्रीशीटर लयूआ यादव, का पक्ष लेते दिखे सीओ सैफई साधुराम*
अवैध खनन के मामले में जब सीओ सैफई साधुराम का पक्ष जानने के लिए बाइट चाही उन्होंने कहा कि लयूआ टॉपटेन अपराधी नही हिस्ट्रीशीटर है उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया गाड़ी में बैठे बैठे बड़बड़ाते हुए यह जरूर कहते दिखे कि मीडिया बाले अपराधी को सुधरने नही देते। इन्हें रात में खनन दिख जाता है। पूरी रात सोते नही हो क्या।
*अरुण यादव उर्फ लयूआ ने वर्ष 2017 में रखा अपराध की दुनिया मे कदम, अब बना खनन माफिया*
*टॉपटेन अपराधी ने तत्कालीन इटावा एसएसपी शिव हरि मीणा की गाड़ी में मारी थी टक्कर*
*जानिए लयूआ यादव का आपराधिक इतिहास*
लयूआ यादव के विरुद्ध वर्ष 2017 में थाना सिविल लाइन में मुअस 316/17 धारा 420/467/468/471, थाना सैफई में मुअस 89/17 धारा 323, 504, 506, 451,थाना सैफई में मुअस 183/17 धारा 323, 325, 504, थाना सैफई मुअस 210/17 धारा 147, 148, 149, 504, 506, 386, 7 सीएलए, थाना सिविल लाइन मुअस 488/17 धारा 420, 506 दर्ज किया गए।
वर्ष 2018 में अरुण यादव पर 26/06/2018 को गुंडा एक्ट की कार्यवाही की गई। गुंडा एक्ट की कार्यवाही के बाद लयूआ यादव वर्ष भर शांत रहा लेकिन वर्ष 2019 में पुनः अपराध में जुट गया।
वर्ष 2019 में पहला मुकदमा थाना सैफई में मुअस 27/19 धारा 147, 148, 149, 452, 323, 307, 506, व थाना करहल में मुअस 112/19 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट, थाना करहल में मुअस 109/19 धारा 307, थाना सैफई मुअस 44/19 धारा 21/22 एन डी पी एस एक्ट, थाना सैफई मुअस 45/19 धारा 3/10 उत्तर प्रदेश गुंडा अधिनियम दर्ज है।
वर्ष 2020 में थाना करहल जिला मैनपुरी में मुअस 80/20 धारा 323, 504, 506, 3(1) द एससी एसटी एक्ट दर्ज हुआ। लयूआ पर कुल इसके अलावा लगभग तीन दर्जन शिकायते विभिन्न थानों में पीड़ितो द्वारा की गई जिनके मुकदमे दर्ज नही किये गए।
*थाना सैफई क्षेत्र में नही करता खनन*
खनन माफिया हिस्ट्रीशीटर लयूआ यादव का खनन क्षेत्र बसरेहर, सिविल लाइन, जसवंतनगर, बैदपुरा है एक बार उसने सैफई थाना क्षेत्र में खनन शुरू किया तो इसकी जानकारी सैफई एसओ मो० हमीद को हुई तो उन्होंने तत्काल दबिश दी लेकिन लयूआ मौके से भाग गया लेकिन इसके साथी की जेसीबी और ट्रैक्टर बरामद कर लिया जिसे थाना सैफई में सीज कर दिया गया। तेजतर्रार प्रभारी निरीक्षक मु० हमीद ने कहा कि अपराधी को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा अगर किसी भी अपराधी ने सैफई क्षेत्र में कहीं भी खनन किया तो जेल जाना तय है उन्होंने कहा कि अपराधी सैफई क्षेत्र में कदम नहीं रख रहा है।
*अवैध खनन पर क्या बोले एसओ वैदपुरा*
कल वैदपुरा क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर अपराधी लयूआ यादव द्वारा किए गए अवैध खनन पर जब एस ओ वैदपुरा संजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने पर पुलिस फोर्स को मौके पर भेजा गया था में दबिश में बाहर था घटनास्थल पर खनन होना पाया गया है लेकिन मौके पर कोई जेसीबी व ट्रेक्टर नहीं मिला शायद अभियुक्त को सूचना हो गई थी इसलिए अभियुक्त भाग गया मुझे चार्ज लिए एक सप्ताह हुआ है। खनन माफियाअपराधी को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। चाहे कितना ही बड़ा प्रभावशाली क्यो न हो।
*सेमी रायफल व अन्य हथियारों का शौकीन है लयूआ यादव, किराए पर लेता है लाइसेंसी असलाह*
सैफई थाने का हिस्ट्रीशीटर अरुण यादव उर्फ लयूआ ऑटोमेटिक सेमी राइफल, पिस्टल, असलाह रखने का बहुत शौकीन है और इसके लिए वह विभिन्न थाना क्षेत्रों से शस्त्र लाइसेंस धारकों से असलाह किराए पर लेता है। गोपनीय सूत्र बताते हैं कि सेमी रायफल का किराया 15 हजार रुपये महीना, राइफल का 10 हजार रुपये महीना शस्त्र लाइसेंस धारकों को दिया जाता है समय-समय पर लयूआ यादव आधा दर्जन से एक दर्जन तक शस्त्रों के साथ खड़े हुए अपने साथियों के साथ फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करता रहता हैं इनमें कई के पास शस्त्र लाइसेंस नहीं है। शस्त्र लाइसेंस किसके नाम है, चोरी के है या फ़र्जी है यह जांच करने की पुलिस अब तक हिम्मत नहीं जुटा पाई है।
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