May 17, 2024

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कानपुर 21नवम्बर*यूनिवर्सिटी के बाद यूपी का दूसरा बड़ा अल्प संख्यक विद्यालय हलीम मुस्लिम इंटर कॉलेज बना शादी का घर*

कानपुर 21नवम्बर*यूनिवर्सिटी के बाद यूपी का दूसरा बड़ा अल्प संख्यक विद्यालय हलीम मुस्लिम इंटर कॉलेज बना शादी का घर*

कानपुर 21नवम्बर*यूनिवर्सिटी के बाद यूपी का दूसरा बड़ा अल्प संख्यक विद्यालय हलीम मुस्लिम इंटर कॉलेज बना शादी का घर*

उत्तर प्रदेश शासन दुबारा 2012में उत्तर प्रदेश में बने समस्त सहायता पराप्त इंटर कॉलेज ओर डिग्री कॉलेज में क्रीड़ा स्थलों में तथा विद्यालय के परिसर के अंदर किसी भी दशा में अलावा विद्यालय के बच्चो से संबंधित खेल कूद या विषय संबंधित कोई भी करेकर्मों की अनुमति प्रदान की गई थीं। शासन आदेश के उपरांत अलावा हलीम मुस्लिम इंटर ओर हलीम मुस्लिम डिग्री कॉलेज छोड़ कर शहर के सभी विद्यालयों में किसी भी प्रकार का करेकर्मो का आयोजन बंद हो गया लेकिन लेकिन हलीम मुस्लिम इंटर कॉलेज ओर हलीम मुस्लिम डिग्री कॉलेज के प्रबंधक द्वारा न केवल परिसर बल्कि बच्चो के खेल कूद वाली फील्ड ओर आज सारी सीमाएं पार करके हलीम मुस्लिम इंटर कॉलेज के प्रधान चार्य कक्ष के कार्यालय के अंदर और कार्यालय के बाहर खुलेआम शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए शादी का प्रोग्राम चल रहा है इस संबंध में जब हम लोगों ने पूछा तो पता चला विद्यालय का एक अध्यापक जिसका नाम आजीम हुसैन है और कॉलेज के प्रबंधक मोहम्मद संयम के निकट है द्वारा अपने साले के शादी का कार्यक्रम आयोजन करने के लिए प्रधानाचार्य का कुछ हिस्सा ले लिया गया है क्योंकि विद्यालय परिसर के दूसरे हिस्से में किसी और की शादी हो रही है यह खबर दिखाने का मतलब हमारा सिर्फ इतना है कि हलीम साहब ने यह पूरे विद्यालयों को चमड़े वालों को इसलिए दिया था कि वह अपने पास से पैसा लगाकर विद्यालय को और अच्छा बनाएंगे और यतीम और गरीबों के लिए मेडिकल कॉलेज यथीमखाना या इंजीनियरिंग कॉलिंज बनाएंगे लेकिन उसके उल्टा मैनेजमेंट कमेटी वर्तमान मोहम्मद सायम तथा उनका मामा अब्दुल हसीब विद्यालय के क्रीड़ा स्थल को नालियों में तब्दील कर दिया है और पूरे विद्यालय को शादी का घर बना दिया है आए दिन शादी होती है पढ़ाई का नुकसान होता है लेकिन उस नुकसान से ना शायम को मतलब है ना विद्यालय के प्रधानाचार्य को मुस्ताक अहमद सिद्दीकी या डिग्री के प्राचार्य मुजम्मिल हुसैन सिद्दीकी से मतलब है इन लोगों से जब बात करना चाह रहा के मैनेजमेंट शादियां कर आती है और इसका पैसा अपने घर ले जाती है इस बात को पूछने पर कि शासनादेश का क्या है तो उनका कहना था कि टेंट हाउस वाले लाखों लाख रुपया देता है जो मैनेजमेंट बताती है कि वह सरकारी विभाग जिससे विद्यालय चलते हैं उनको दिया जाता है और क्षेत्र की पुलिस को इस बात का पैसा दिया जाता है कि कोई प्रतिद्वंदी मुकदमा करें तो ना हो पाए यह बहुत अफसोस की बात है कि हाफिज हलीम अली साहब यह जमीन मुस्लिम कौम के लिए विद्यालय जिसमें मदरसे डिग्री कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज खुल सके यह सपना खुल के विद्यालय एक शादी का घर हो गया है हमारी प्रशासन और शासन से आग्रह है कि विद्यालय के प्रधानाचार्य और कमेटी के खिलाफ शासन द्वारा पारित आदेश सन 2012 का संज्ञान लेते हुए मुकदमा पंजीकृत करें और विद्यालय का ऐड बंद कर दें कानपुर से संवाददाता रेशमा बेगम की खास रिपोर्ट

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