July 31, 2025

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अयोध्या20अक्टूबर23*हमारे शहर में एक आफ़ताब ऐसा था....शकील रुदौलवी

अयोध्या20अक्टूबर23*हमारे शहर में एक आफ़ताब ऐसा था….शकील रुदौलवी

अयोध्या से अब्दुल जब्बार यूपीआजतक।

अयोध्या20अक्टूबर23*हमारे शहर में एक आफ़ताब ऐसा था….शकील रुदौलवी

आलमी शौहरत याफ़ता अदीब-ओ-शायर प्रोफ़ैसर शारिब रुदौलवी(मुसय्यब अब्बास) के सानिहा -ए- इर्तिहाल ताज़ियती नशिस्त का हुआ एहतिमाम

भेलसर(अयोध्या)अंजुमन तामीर ए अदब रुदौली के ज़ेर-ए-एहतिमाम आलमी शौहरत याफ़ता अदीब-ओ-शायर प्रोफ़ैसर शारिब रुदौलवी(मुसय्यब अब्बास)के सानिहा -ए- इर्तिहाल पर शकील रुदौलवी की रिहाइश गाह पर एक ताज़ियती नशिस्त का एहतिमाम किया गया।जिसकी सदारत माहिर उरूज़ ओ बलाग़त शहीब अंसारी ने फ़रमाई और निज़ामत के फ़राइज़ शकील रुदौलवी ने अंजाम दिए।
सदर-ए- जलसा शहीब अंसारी ने अपने बयान में कहा प्रोफ़ैसर शारिब रुदौलवी का अस्ल नाम मुसय्यब अब्बास था रुदौली के एक अदबी ज़मींदार घराने में पैदा हुए लखनऊ यूनीवर्सिटी में आला तालीम हासिल की और दिल्ली यूनीवर्सिटी जवाहर लाल नहरू कॉलेज से शोबा-ए-उर्दू के सुबकदोश हुए आप माहिर इल्म-ओ-अदब और मुमताज़ शायर-व-नामवर नक़्क़ाद थे सदर-ए- महफ़िल शहीब अंसारी अपने बयान के आख़िर में मरहूम के लिए दुआ-ए-मग़्फ़िरत की
अंजुमन तामीर-ए-अदब के सदर शकील रुदौलवी ने अपने बयान में कहा प्रोफ़ैसर शारिब रुदौलवी के सानिहा-ए- इर्तिहाल पर दुनियाए उर्दू अदब का जो ख़सारा हुआ है उस का फिल-फ़ौर पुर होना ना-मुम्किन तो नहीं पर आसान भी नहीं है
कमेटी के नायब सदर अरशद साद रुदौलवी ने डाक्टर शारिब रुदौलवी के हवाले से कहा दुनियाए शेअर-ओ-अदब को रोशन करने वाले डाक्टर शारिब रुदौलवी ने मुतअद्दिद किताबें तसनीफ़-ओ-तायफ़ फ़रमाई जो कि रेख़्ता जैसी वैब साईड पर बा आसानी पढ़ी जा सकती हैं।कमेटी के मुआविन सैक्रेटरी मुजीब रुदौलवी ने भी अपने ख़यालातों का इज़हार किया और उनसे मुलाक़ात का ज़िक्र किया और बताया की किस क़दर मुख़लिस इन्सान थे डाक्टर शारिब रुदौलवी साहब
इस के बाद मौजूद शोरा ए-किराम ने अपने अपने ताज़ियती कलाम पेश किए।
चंद अशआर मुंदरजा ज़ैल हैं

बाग़ अदब की शान थे शारिब रुदौलवी
गुलशन थे गुलिस्तान थे शारिब रुदौलवी
शहीब अंसारी

गली गली में उजालों का हुस्न बांट गया
हमारे शहर में इक आफ़ताब ऐसा था
जहान-ए-होश-ओ-ख़िरद में मिसाल कोई नहीं
दयार-ए-हुस्न में इक लाजवाब ऐसा था
शकील रुदौलवी

रुदौली क़स्बे की इक आन बान थे शारिब
ज़मीं पे रहते थे पर आसमान थे शारिब
मुजीब मौत ने शारिब को हमसे छीन लिया
अदब का हुस्न थे शीरीं ज़बान थे शारिब
मुजीब रुदौलवी

ख़ुश-रंग ख़ुश ज़बान थे शारिब रुदौलवी
ख़ुद में ही दास्तान थे शारिब रुदौलवी
अरशद साद रुदौलवी

शारिब रुदौलवी की बुलंदी न पूछिए
दुनियाए आसमां के चमकते सितारे थे
मास्टर मुहम्मद अलीम

इनके इलावा इमरान आँसू मेराज अंसारी मेराज असद उसमानी ने भी अपने अपने कलाम पेश किए
इस ताज़ियती जलसे में सामईन ने बड़ी तादाद में शिरकत की।इस मौक़ा पर हाजी अब्दुल रब प्रधान,डाक्टर मुहम्मद फ़हीम,मुहम्मद अमीन उस्मानी ज़िला सैक्रेटरी समाजवादी पार्टी,मास्टर मुहम्मद सादिक़,मुहम्मद मुबीन उस्मानी,मुहम्मद शमीम,मुहम्मद शरीफ़ राइन,मुहम्मद तौहीद,परवेज़ नस्रूल्लाह,मुहम्मद इश्तियाक़ ख़ां,दाऊद उस्मानी शरीक रहे। आख़िर में साहिब-ए- ख़ाना ने शोरा-ओ- सामईन का शुक्रिया अदा किया।