अनूपपुर24मई2024*घटनास्थल अपराध की विवेचना का केन्द्र बिन्दु होता है : डी.सी.सागर*
अनूपपुर (ब्यूरो राजेश शिवहरे) यूपीआजतक
जिला क्राइम मीटिंग,
दिनांक 24.05.2024 को डी.सी. सागर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल ज़ोन द्वारा जिला अनूपपुर में क्राइम मीटिंग ली गई। इस क्राइम मीटिंग में पुलिस अधिकारियों को अपराध के घटनास्थल से संबंधित उनके मूल कर्तव्यों पर व्यवसायिक दृष्टि से प्रकाश डाला गया जिसके प्रमुख बिन्दु निम्नानुसार है :-
1. अपराधिक प्रकरणों में पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और उस थाना क्षेत्र के थाना प्रभारी, अनुविभागीय अधिकारी(पुलिस), फारेन्सिक अधिकारी, अंगुल चिन्ह विशेषज्ञ, पुलिस डॉग मय डॉग हैण्डलर, पुलिस कैमरामैन तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे।
2. थाना प्रभारी घटनास्थल को सुरक्षित रखें, फोटो्ग्राफी, वीडीयोग्राफी करायें और प्रकरण से संबंधित संभावित भौतिक साक्ष्यों को विवेचक विधिवत जप्त करें। इस प्रकार जप्त सामग्री को विशेषज्ञ जांच के लिए एफ.एस.एल., सायबर, क्वेश्चन डाक्यूमेन्ट आदि विशेषज्ञ शाखाओं को भेजें।
3. प्रकरण के पीडि़त व्यक्ति को तत्काल शासकीय अस्पताल ईलाज के लिए भेजें। साथ ही एमएलसी. फार्म में पीडि़त द्वारा बताई गई चोटों का विस्तृत उल्लेख आवश्यक रूप से करें। यदि पीडि़त अत्यंत गंभीर रूप से घायल है उसके मृत्यु पूर्व कथन डॉक्टर, मजिस्ट्रेट के समक्ष विधिवत करवायें।
4. इसी प्रकार प्रकरण से संबंधित मृतक का शव पंचायतनामा विस्तार पूर्वक पंचों के समक्ष बनाये जिसमें मृतक के शरीर पर आई चोटों/घावों का उल्लेख विधिवत रूप से करें। यदि मृतक का शव अज्ञात है तो उसकी पहचान आदि ज्ञात करने के लिए विधिवत प्रयास करें। तत्पश्चात मृतक के शव को पोस्टमार्टम (शव परीक्षण) के लिए सावधानी पूर्वक विधिसम्मत तरीके से शासकीय अस्पताल ले जायें। अस्पताल से जप्त सामग्री को विशेषज्ञ जॉंच हेतु एफ.एस.एल. आदि को विधिवत भेजें।
5. पाक्सो एक्ट के प्रकरणों में पीडि़त नाबालिग के उम्र संबंधित साक्ष्य और प्रकरण की प्रवृत्ति एवं गंभीरता से संबंधित भौतिक साक्ष्यों को विधिसंगत तरीके से जप्त करें। पाक्सो एक्ट से संबंधित अपराधों में डी.एन.ए. विशेषज्ञ रिपोर्ट हेतु विधिवत एफ.एस.एल. सागर भेजें।
6. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अपराध दर्ज होने पर तत्काल प्रथम सूचना प्रतिवेदन राजस्व विभाग, अभियोजन शाखा एवं आदिम जाति कल्याण विभाग को प्रेषित करें ताकि इन प्रकरणों में उनके विभाग स्तर पर समुचित कार्यवाही समय पर हो सके।
7. गंभीर अपराधिक प्रकरण से संबंधित आरोपियों को विधिसम्मत प्रक्रिया के अंतर्गत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और विधिवत निर्धारित स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत माननीय न्यायालय के समक्ष पुलिस रिमांड आदि के लिए प्रस्तुत करें। गिरफ्तार शुदा आरोपियों की अपराधिक पृष्ठभूमि की भी थानास्तर एवं जिलास्तर पर खोजबीन करें और अपराध से संबंधित रिकार्ड मिलने पर उसे केस डायरी का भाग बनावें।
8. गंभीर अपराधिक प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारीगण घटनास्थल एवं उससे संबंधित प्रकरण का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पर्यवेक्षण करें और पुलिस अधीक्षक गण इन पर्यवेक्षणों का स्वयं भी पालन करें और अपने अधीनस्थ अनुविभागीय अधिकारी(पुलिस), थाना प्रभारी से भी व्यवसायिक दृष्टि से पालन करवायें। इस प्रकार पुलिस अधीक्षक गण प्रकरण की विवेचना का प्रगति प्रतिवेदन नियमित रूप से वरिष्ठ कार्यालय भेजें।
9. सभी प्रकार के अपराधों की विवेचना में जन सहयोग, पुलिस और प्रशासन की टीम भावना एवं फारेन्सिक आदि विशेषज्ञों का व्यवसायिक दृष्टि से निपुण सहयोग अज्ञात/ज्ञात आरोपी/आरोपियों को आकाश पाताल एक कर खोज लाने में सक्षम होता है।
उपरोक्त समीक्षा बैठक में पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह पवांर, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अनूपपुर सुमित केरकेट्टा, एफएसएल. प्रभारी शहडोल आर.सी.अहिरवार, थाना प्रभारी जैतहरी पी.सी.कोल, जीपी.(जिला लोक अभियोजक) अनूपपुर पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक 39 राजकुमार रैदास, जिला अनूपपुर उपस्थित थे ।
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