September 11, 2024

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वाराणासी 09 अगस्त 24*वाराणसी के जैतपुरा इलाके में ऐसा ही एक रहस्यमयी कुआं (नागकूप) है, जिसका रास्ता सीधे नागलोक को जाता है.

वाराणासी 09 अगस्त 24*वाराणसी के जैतपुरा इलाके में ऐसा ही एक रहस्यमयी कुआं (नागकूप) है, जिसका रास्ता सीधे नागलोक को जाता है.

वाराणासी 09 अगस्त 24*वाराणसी के जैतपुरा इलाके में ऐसा ही एक रहस्यमयी कुआं (नागकूप) है, जिसका रास्ता सीधे नागलोक को जाता है.
इस कुएं की गहराई कितनी है ये आज तक कोई जान नहीं पाया है. लेकिन ऐसा कहा जाता है इस कूप के भीतर 7 कुएं है, जिससे सीधे पाताल लोक यानि नाग लोक तक जाया जा सकता है. नाग दंश और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पूरे विश्व में सिर्फ 3 ही स्थान है जिसमे ये कूप प्रधान है.3 हजार साल पुराना है मान्यता है कि इस कुएं के दर्शन मात्र से नाग दंश के भय से न सिर्फ मुक्ति मिलती है बल्कि कुंडली का कालसर्प दोष भी दूर होता है. 3 हजार साल पुराने इस कूप में आज भी नागों का वास है. काशी के इस तीर्थ पर शेषावतार नागवंश के महर्षि पतंजलि ने यहीं तप कर व्याकरणाचार्य पाणिनि के भाष्य की रचना भी की थी.

देशभर से दर्शन को आते हैं श्रद्धालुकाशी के इस तीर्थ पर दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं और कूप के दर्शन के बाद यहां स्थित नागेश्वर महादेव के दर्शन करते हैं. नाग पंचमी के दिन यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. श्रद्धालु यहां आकर नागेश्वर महादेव को दूध और लावा चढाते हैं.
मान्यता है कि जिस भी व्यक्ति को स्वप्न में बार-बार सर्प या नाग देवता के दर्शन होते हैं, इस कुंड का जल घर में छिड़काव करने से इन दोषों से मुक्ति मिल जाती है.

नाग पंचमी के दिन इस कूप पर। भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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