July 10, 2025

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वाराणसी14दिसम्बर24*अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों का गैंग चढ़ा पुलिस के हत्थे।

वाराणसी14दिसम्बर24*अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों का गैंग चढ़ा पुलिस के हत्थे।

वाराणसी से प्राची रॉय की खास खबर यूपीआजतक

वाराणसी14दिसम्बर24*अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों का गैंग चढ़ा पुलिस के हत्थे।

डिजिटल अरेस्ट कर ठग लिए थे 98 लाख रुपये, पुलिस के हत्थे चढ़ा अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों का गिरोह,

वाराणसी । फर्जी सीबीआई व ट्राई अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से लाखों की ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों का गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत आठ जालसाजों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 7.51 लाख रुपये नकदी के साथ ही भारी मात्रा में 14 मोबाइल फोन, एक आईओएस मोबाइल, 3 सिम कार्ड, 9 एटीएम कार्ड, 1 लैपटाप, एक आधार कार्ड व दो चार पहिया वाहन बरामद किए गए। पुलिस शातिर अपराधियों से पूछताछ के साथ ही उनके खिलाफ विधिक कार्रवा
डीसीपी अपराध प्रमोद कुमार ने बताया कि 4 दिसंबर को सारनाथ के माधव नगर कालोनी निवासी नेवी से सेवानिवृत्त अनुज कुमार यादव ने पुलिस को बताया कि साइबर अपराधियों ने उनके साथ फर्जी ट्राई अधिकारी/सीबीआई अधिकारी बनकर उनकी डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर 98 लाख रुपये की साइबर ठगी कर ली। साइबर क्राइम थाना पुलिस घटना की छानबीन में जुटी रही। पुलिस ने जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर गैंग के सरगना यूपी के सीतापुर जिले के रामकोटी थाना के गौशालापुरवा निवासी संदीप कुमार के साथ ही चंदौली के चकिया निवासी अभिषेक जायसवाल, मिर्जापुर जिले के थाना चुनार के हातीपुर निवासी विकास सिंह पटेल, मगरहा के कुनाल सिंह पटेल, फुलहा निवासी हर्ष मिश्रा, खानपुर के नितिन कुमार सिंह और जौनपुर जिले के जलालपुर लालपुर निवासी संजय यादव को गिरफ्तार कर लिया।

इस तरह करते थे अपराध
डीसीपी ने बताया कि साइबर अपराधी फर्जी सीबीआई/ट्राई (टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी आफ इंडिया) अधिकारी बनकर उनके मोबाइल नंबर पर काल करते हैं। उनके नाम पर फर्जी सिमकार्ड जारी होने और अवैध गतिविधियों में इसका इस्तेमाल होने की बात कहकर भय दिखाते हैं। इसके बाद लोगों को डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर वेरीफिकेशन के नाम पर तथाकथित आरबीआई के बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर करा लेते हैं। इसके बाद अपराधी ईसीएस व ईआईपी सर्विसेज का इस्तेमाल करते हुए

ओटीपी प्राप्त करने के लिए एसएमएस फार्वर्डर एप्लीकेशन जैसे ड्रैगन एसएमएस आदि का प्रयोग किया जाता है। इस तरह की घटना में अपनी पहचान छिपाने और बचने के लिए फर्जी म्यूल बैंक खातों, फर्जी सिम कार्ड और डिजिटल फुट प्रिंट से बचने के लिए वर्चुवल मशीन का प्रयोग किया जाता है।

पुलिस टीम में साइबर क्राइम निरीक्षक विजय नारायण मिश्रा, निरीक्षक राजकिशोर पांडेय, विपिन कुमार, विजय कुमार यादव, उपनिरीक्षक संजीव कन्नौजिया, सतीश सिंह, शैलेंद्र कुमार, कांस्टेबल अनिल यादव, अवनीश सिंह, दिलीप कुमार, मनीष कुमार सिंह, अंकित प्रजापति, सूर्यभान सिंह, पृथ्वीराज सिंह शामिल रहे।

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