वाराणसी10मई2024*टीबी मरीजों को गोद लेने में लगातार आगे आ रहे निजी चिकित्सालय
टीबी का इलाज पूरी तरह से संभव, लेकिन नियमित दवा सेवन भी जरूरी सीएमओ
2535 निक्षय मित्र टीबी मरीजों को गोद लेकर प्रदान कर रहें पोषण व भावनात्मक सहयोग
वाराणसी टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जनपद के निजी चिकित्सालय टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए लगातार आगे आ रहे हैं पिछले माह छह निजी चिकित्सालयों ने ड्रग सेंस्टेटिव ट्यूबर्क्लोसिस (डीएसटीबी) के 51 नए मरीजों को गोद लेकर उनके उपचार व पोषण में सहयोग करेंगे इसके अलावा गैर सरकारी संस्थाएं (एनजीओ) समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें उपचार व पोषण में सहयोग करने के साथ ही भावनात्मक सहयोग भी कर रहे हैं पिछले माह उपकार हॉस्पिटल ने 10, जार्जियन हॉस्पिटल ने 10, मैक्सवेल हॉस्पिटल ने 16, होलीसिटी हॉस्पिटल ने 10, आदित्य हॉस्पिटल एवं आयुष्मान हॉस्पिटल ने 5-5 टीबी मरीजों को गोद लिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) वाराणसी शाखा ने 25 नए मरीजों को गोद लेकर उनके पोषण में सहयोग करने का दावा किया है हील फ़ाउंडेशन के सदस्य व कुवैत निवासी निशांत परासर ने भी प्रेरित होकर भेलूपुर टीबी यूनिट के पाँच मरीजों को गोद लेकर उनके पोषण में मदद करने संकल्प लिया है स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ डॉ मुईजुद्दीन हाशमी ने भी 10 टीबी मरीजों को गोद लिया है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी और जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय के द्वारा टीबी मरीजों को नियमित गोद लेने का क्रम जारी है सीएमओ ने 10 और डीटीओ ने 5 टीबी मरीजों को गोद लिया है इन सभी मरीजों का छह माह तक उपचार चलता है इस दौरान उन्हें पोषण पोटली भी प्रदान की जाती है सीएमओ और डीटीओ के द्वारा गोद लिए गए मरीजों का उपचार पूरा होते ही दूसरे मरीजों को गोद लेकर उनके उपचार व पोषण में सहयोग किया जा रहा है साथ ही हर माह की 15 तारीख को मनाए जाने वाले निक्षय दिवस पर गोद लिए मरीजों से मुलाक़ात कर उन्हें भावनात्मक सहयोग भी दे रहे हैं।
सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि टीबी का इलाज पूरी तरह से संभव है लेकिन इसके लिए नियमित दवा सेवन और देखभाल भी बेहद जरूरी है सभी शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों और चिकित्सालयों में टीबी जांच की सुविधा उपलब्ध है इसके लक्षण नजर आते ही तत्काल जांच करानी चाहिए नए टीबी रोगियों के सभी सदस्यों की टीबी जांच 15 दिन या एक माह में करानी चाहिए उन्होंने अपील की है कि जरूरतमंद व आर्थिक रूप से कमजोर टीबी रोगियों को पोषण व भावनात्मक सहयोग प्रदान करने के लिए आगे आएं डीटीओ डॉ पीयूष राय ने बताया कि टीबी नोटिफिकेशन अधिक होने के साथ ही रोगियों का सफलतापूर्वक उपचार पूरा करना भी आवश्यक है वर्तमान में जनपद का टीबी सक्सेस रेट 91 प्रतिशत है अभी 7674 टीबी रोगी उपचार पर है निक्षय मित्रों की संख्या 2535 है पिछले सात माह में 60 नए निक्षय मित्र पंजीकृत हुये हैं उपचारित रोगियों में से 5662 टीबी रोगियों को निक्षय मित्रों के द्वारा गोद लिया गया है जिसमें शून्य से 14 वर्ष तक के 375 और 15 वर्ष से ऊपर के 5287 टीबी रोगी शामिल हैं। शेष टीबी रोगियों के गोद लिए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
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