बाराबंकी21नवम्बर24*जिला क्रीड़ाधिकारी पर बैड टच करने का बेहद गंभीर आरोप, मुकदमा दर्ज
– दोबारा स्टेडियम का प्रभार मिलने पर बालिका खिलाड़ियों का गुस्सा सातवें आसमान पर
– सीओ सिटी बोले, आरोपियों के विरुद्ध केस दर्ज, पुलिस कर रही जांच पड़ताल
बाराबंकी। जनपद में जिला क्रीड़ाधिकारी पर बैड टच करने के बेहद गंभीर आरोप लगे है। यह आरोप बालिका फुटबॉल खिलाड़ियों ने लगाए है। आरोप है कि जिला क्रीड़ाधिकारी के इस शर्मनाक कार्य में उनके अधीनस्थ महिला फुटबॉल प्रशिक्षिका भी शामिल थी। जोकि बालिकाओं को जनपद क्रीड़ाधिकारी के कमरे में भेजने का कार्य करती थी। इसी तरह जिला क्रीड़ाधिकारी चयन, ट्रायल आदि में अपनी ड्यूटी लगाकर बालिका खिलाड़ियों को बैड टच करता था। फिलहाल मामले के प्रकाश में आने पर पुलिस ने जिला क्रीड़ाधिकारी व फुटबॉल प्रशिक्षिका के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। वहीं सीओ सिटी सुमित कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मामले में खेल अधिकारी राजेश सोनकर व खेल प्रशिक्षिका श्रद्धा सोनकर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी की जाएगी। असल में जिले के क्रीड़ाधिकारी राजेश कुमार सोनकर को एक बार फिर स्टेडियम का प्रभार मिलने पर बालिका खिलाड़ियों में भारी रोष व्याप्त है। बालिका खिलाड़ियों का आरोप है कि राजेश कुमार सोनकर ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान गंदा अभद्र एवं अनैतिक व्यवहार किया। अब दोबारा से स्टेडियम का प्रभार मिलने पर बालिकाओं का गुस्सा खुलकर सामने आ गया।
(करियर खराब होने के डर से नही की शिकायत)
पूछने पर बालिका खिलाड़ियों ने बताया कि करियर खराब होने के डर से वह अब तक चुप रही और उन्होंने इसकी शिकायत किसी भी संबंधित अधिकारी से नहीं की। आरोप है कि राजेश सोनकर विभाग में ऊंची पहुंच का फायदा उठाकर बाराबंकी में होने वाले फुटबाल संबंधी सभी प्रतियोगिताओं और चयन ट्रायल में अपनी ड्यूटी लगवाता था। जहां वह बालिका खिलाड़ियों के साथ बैड टच करने और दुराचरण करने का प्रयास करता था। जिससे बालिकाओं का शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह से शोषण होने लगा।
(कमरे पर मिलने का दबाव बनाती थी श्रद्धा सोनकर )
बालिका खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि फुटबाल प्रशिक्षिका श्रद्धा सोनकर और राजेश सोनकर रिश्तेदार है। जोकि बालिका खिलाड़ियों को उनके आवास पर मिलते रहने का अनावश्यक दबाव बनाती थी। वह कई तरह के खेलकूद में बढ़ावा दिए जाने के प्रलोभन भी देती थी। गैर जनपद में तबादला होने के बाद भी खेल अधिकारी राजेश सोनकर किसी प्रतियोगिता होने पर अपनी ड्यूटी स्टेडियम में लगवाते थे। जिन्हे दोबारा फिर से स्टेडियम का प्रभार मिलने की सूचना पर बालिका खिलाड़ियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
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